Friday, 22 November 2024

युद्धग्रस्त इज़राइल में 10,000 श्रमिकों को भेजने की तैयारी में यूपी और हरियाणा सरकार

उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकारों ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) की मदद से मुख्य रूप से निर्माण गतिविधियों के लिए इज़राइल जाने के लिए लगभग 10,000 श्रमिकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी है

युद्धग्रस्त इज़राइल में 10,000 श्रमिकों को भेजने की तैयारी में यूपी और हरियाणा सरकार

Israel india labour agreement : उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकारों ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) की मदद से मुख्य रूप से निर्माण गतिविधियों के लिए इज़राइल जाने के लिए लगभग 10,000 श्रमिकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एनएसडीसी वेबसाइट इसे “विदेश में सपने देखने का पासपोर्ट” और “इजरायल में नए क्षितिज खोजने” का मौका बताती है। प्लास्टरिंग श्रमिकों के लिए 2,000 रिक्तियां, सिरेमिक टाइल श्रमिकों के लिए 2,000, और लौह श्रमिकों के लिए 3,000 रिक्तियां हैं, जिनका मासिक वेतन लगभग 1.37 लाख (6,100 इज़राइली शेकेल) है।

-प्रियंका सौरभ

क्या “विदेश में सपने देखने का पासपोर्ट” नए क्षितिज खोज पायेगा?

उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारों ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) की मदद से मुख्य रूप से निर्माण गतिविधियों के लिए इज़राइल जाने के लिए लगभग 10,000 श्रमिकों की भर्ती की प्रक्रिया पर  चर्चा जरूरी है क्योंकि भारतीय मजदूरों की सुरक्षा को लेकर चिंता होना लाज़िमी है, ऐसे समय मे एक बड़ी श्रम शक्ति को ऐसे क्षेत्र में भेजा जा रहा है जहां हिंसा अभी भी भड़क रही है। इज़राइल और फ़िलिस्तीन अपनी अस्थिर राजनीतिक स्थितियों के कारण संभावित हिंसा और अशांति के प्रति संवेदनशील हैं।

एक बड़ी श्रम शक्ति को ऐसे क्षेत्र में भेजा जा रहा है जहां हिंसा अभी भी भड़क रही है

ऐसे में बहुत से सवालों का जवाब जरूरी है।   जैसे- क्या भारत सरकार इजरायल के श्रम मानकों से संतुष्ट है। क्या इजरायल में श्रम कानून बहुत सख्त और मजबूत हैं। क्या यह देश आर्थिक सहयोग और विकास संगठन का सदस्य देश है? क्या यहाँ श्रम कानून ऐसे हैं जो प्रवासी अधिकारों, श्रम अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करते हैं?  क्या भारत सरकार भी विदेश में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा के लिए सचेत है? क्या घरेलू दरों की तुलना में काफी अधिक दावा की गई कमाई के साथ, यह प्रयास यूपी और हरियाणा के कुशल और अर्ध-कुशल लोगों को रोजगार की आकर्षक संभावनाएं प्रदान कर सकता है?

Israel india labour agreement

इज़राइल में श्रमिकों को भेजने के लिए एक भर्ती अभियान के दौरान हरियाणा में हजारों लोग कतार में खड़े देखे जा सकते हैं , इज़राइल में 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए जानलेवा आतंकी हमले के बाद श्रमिकों की कमी हो गई है । भर्ती के लिए आए  राजमिस्त्री, पेंटर, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर और किसानों ने कहा कि वे इज़राइल में नौकरियों की तलाश कर रहे हैं । और वे लोग संघर्ष क्षेत्र में जाने का जोखिम उठाने को भी तैयार हैं, क्योंकि वे भारत की तुलना में एक साल में पांच गुना अधिक पैसा कमा सकते हैं। कुछ लोगों का कहना था मरना जीना भगवान के हाथ है ,हमे रोजगार चाहिए, हम अच्छा पैसा कमा कर वहाँ से लौट आएंगे ।

Israel india labour agreement

इज़राइल और भारत ने पिछले साल 40,000 से अधिक भारतीयों को इज़राइल में नर्सिंग और निर्माण क्षेत्रों में काम करने की अनुमति देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

एक इजरायली अखबार के मुताबिक इज़राइल ने अपने निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए चीन, भारत और अन्य जगहों से लगभग 70,000 विदेशी श्रमिकों को लाने की योजना बनाई है, जो 7 अक्टूबर से लगभग पूरी तरह से ठप हो गया है। घातक हमले के बाद, फ़िलिस्तीनी मजदूर रातों-रात इज़राइल से गायब हो गए, क्योंकि देश ने गाजा से आने वाले श्रमिकों पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया और वेस्ट बैंक से अधिकांश श्रमिकों की पहुंच प्रतिबंधित कर दी थी।

क्या कहते हैं नियम 

विदेश जाने वाले श्रमिकों के लिए भारत में बने नियम कहते है कि संघर्ष क्षेत्रों या अपर्याप्त श्रम सुरक्षा वाले स्थानों पर जाने वाले श्रमिकों को विदेश मंत्रालय के ‘ई-माइग्रेट’ पोर्टल पर पंजीकरण कराना आवश्यक है। उत्प्रवास जांच आवश्यक योजना के तहत जारी किए गए पासपोर्ट अफगानिस्तान, बहरीन, इंडोनेशिया, इराक, जॉर्डन, सऊदी अरब, कुवैत, लेबनान, लीबिया, मलेशिया, ओमान, कतर, दक्षिण सूडान सहित 18 देशों की यात्रा करने वाले श्रमिकों को कवर करते हैं। इज़रायल इस सूची में नहीं है। गाजा पर इज़रायल के हमले के कारण इज़रायल जाने वालों के लिए ‘ई-माइग्रेट’ प्रणाली का उपयोग नहीं किया जाएगा। नियमों के अनुसार, कोई भी भर्ती एजेंट श्रमिकों से 30,000 से अधिक सेवा शुल्क नहीं लेगा। वर्ष, 2019 में विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति की एक रिपोर्ट में केंद्र से एक ‘प्रवासन नीति’ का मसौदा तैयार करने के लिए कहा गया था।

ऐसे में दोनों सरकारों को संभावित प्रवासियों के साथ खुला और ईमानदार संचार प्रदान करना चाहिए, इज़राइल में काम करने के फायदे और नुकसान को स्पष्ट करना चाहिए और प्रस्थान-पूर्व पर्याप्त प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करनी चाहिए। प्रवासी श्रमिकों को शोषण और दुर्व्यवहार से बचाने के लिए, कामकाजी परिस्थितियों की निगरानी करने, श्रम कानूनों को लागू करने और शिकायतों को तुरंत संभालने के लिए कुशल प्रणाली का होना आवश्यक है।

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