Friday, 15 November 2024

Yashwant Sinha: करारी हार के बावजूद चर्चा के केंद्र में हैं यशवंत सिन्हा

Yashwant Sinha: देश में 15वें राष्ट्रपति के लिए हुए चुनाव में प्रतिभा पर जातीय समीकरण हावी रहा। यही कारण है…

Yashwant Sinha: करारी हार के बावजूद चर्चा के केंद्र में हैं यशवंत सिन्हा

Yashwant Sinha: देश में 15वें राष्ट्रपति के लिए हुए चुनाव में प्रतिभा पर जातीय समीकरण हावी रहा। यही कारण है कि एक दर्जन राज्यों में 110 सदस्यों ने क्रॉस वोटिंग की। इससे विपक्ष के उम्मीदवार रहे यशवंत सिन्हा को करारी हार का मुंह देखना पड़ा। देश की 15वीं राष्ट्रपति चुनी गईं द्रौपदी मुर्मू ने तीन दौर की मतगणना के बाद ही विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा पर निर्णायक बढ़त बना ली थी। वहीं, सिन्हा पहले राउंड में ही रेस से बाहर हो गए थे। यूं तो पहले से ही आंकड़े मुर्मू के पक्ष में थे, लेकिन यशवंत सिन्हा इतने बुरी तरह से हारेंगे, यह किसी ने नहीं सोचा था। यही कारण है कि द्रौपदी मुर्मू की जीत से ज्यादा यशवंत सिन्हा की हार के चर्चा हो रहे हैं।

राष्ट्रपति चुनाव में पहले राउंड में सांसदों के वोटों की गिनती की गई। लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर कुल 776 सांसदों के वोट मान्य थे। हालांकि, इनमें 15 मत रद्द हो गए, जबकि कुछ सांसदों ने वोट नहीं डाले। कुल 748 सांसदों के 5,23,600 वैल्यू तक के वोट काउंट हुए। इनमें द्रौपदी मुर्मू को 540 वोट मिले। इन वोटों की वैल्यू 3,78,000 रही।

विपक्ष के उम्मीदवार रहे यशवंत सिन्हा को 208 सांसदों वोट मिले। इनकी वैल्यू 1,45,600 रही। यानी संसद में मुर्मू को 72 फीसदी सांसदों का समर्थन हासिल हुआ है। जबकि यशवंत सिन्हा के लिए सिर्फ 28 फीसदी सांसदों ने ही वोट डाला। खास बात ये है कि विपक्ष के 17 सांसदों ने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की। मतलब पहले राउंड में ही सिन्हा रेस से बाहर हो गए थे।

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