Malharrao Holkar Birth Anniversary : मराठा साम्राज्य के आधार स्तम्भ, होल्कर वंश के संस्थापक थे पराक्रमी योद्धा मल्हारराव होल्कर

Malharrao Holkar Birth Anniversary :
युद्ध छोड़कर भाग जाने की झूठी कहानी इस युद्ध में जब विश्वास राव पेशवा वीरगति को प्राप्त हो गये तब मराठा वीरों का मनोबल गिरने लगा। ऐसे समय में तत्कालीन मराठा के सेनापति सदाशिव राव भाऊ जी ने मल्हारराव से उनकी पत्नी पार्वतीबाई को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का आग्रह किया क्योंकि मराठे सैनिक अब्दाली की सेना के क्रूरतम और महिलाओं के प्रति उनके बेहद ही घृणित नजरिये से भली-भाँति परिचित थे। मल्हारराव ने इस आदेश का तत्क्षण पालन किया जिसे बाद में झोलाछाप चाटुकार इतिहासकारों ने होलकर जी के युद्ध छोड़कर भाग जाने की झूठी कहानी गढ़ कर दुष्प्रचारित कर दिया।Red Headed Vulture : दुधवा में मिला अदभुत जंतु , देख कर चौंक जाएंगे आप, कभी नहीं देखा होगा
अहिल्याबाई होलकर ने सत्ता की बागडौर संभाली महा-पराक्रमी योद्धा मल्हारराव का देहावसान 20 मई, सन् 1766 में आलमपुर में हो गया। इस महायोद्धा की एक ही सन्तान थी जो बहुत पहले ही युद्ध में वीरगति को प्राप्त हो चुकी थी। खांडेराव की मृत्यु के बाद उनकी धर्मपत्नी अहिल्याबाई होलकर को मल्हारराव ने ही सती होने से रोका था। अहिल्या के बेटे और मल्हारराव के पोते मालेराव को इंदौर की रियासत मिली। किन्तु कुछ ही महीनों में दुर्भाग्यवश उसकी भी मौत हो गई। ततपश्चात अहिल्याबाई होलकर जी ने सत्ता की कमान संभाली और इतिहास साक्षी है कि वो एक कुशल शासिका सिद्ध हुईं। आज महान योद्धा मल्हारराव होलकर के जन्म-जयंती पर हम उन्हें कोटि-कोटि नमन व वन्दन करते हैं। साथ ही उनकी वीरगाथा को वास्तविक रूप में लोगों के समक्ष रखने का संकल्प उठाते हैं।Lucknow News : 104 साल पुरानी ऐसी विंटेज कार जिसे मिले कई अवॉर्ड
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युद्ध छोड़कर भाग जाने की झूठी कहानी इस युद्ध में जब विश्वास राव पेशवा वीरगति को प्राप्त हो गये तब मराठा वीरों का मनोबल गिरने लगा। ऐसे समय में तत्कालीन मराठा के सेनापति सदाशिव राव भाऊ जी ने मल्हारराव से उनकी पत्नी पार्वतीबाई को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का आग्रह किया क्योंकि मराठे सैनिक अब्दाली की सेना के क्रूरतम और महिलाओं के प्रति उनके बेहद ही घृणित नजरिये से भली-भाँति परिचित थे। मल्हारराव ने इस आदेश का तत्क्षण पालन किया जिसे बाद में झोलाछाप चाटुकार इतिहासकारों ने होलकर जी के युद्ध छोड़कर भाग जाने की झूठी कहानी गढ़ कर दुष्प्रचारित कर दिया।Red Headed Vulture : दुधवा में मिला अदभुत जंतु , देख कर चौंक जाएंगे आप, कभी नहीं देखा होगा
अहिल्याबाई होलकर ने सत्ता की बागडौर संभाली महा-पराक्रमी योद्धा मल्हारराव का देहावसान 20 मई, सन् 1766 में आलमपुर में हो गया। इस महायोद्धा की एक ही सन्तान थी जो बहुत पहले ही युद्ध में वीरगति को प्राप्त हो चुकी थी। खांडेराव की मृत्यु के बाद उनकी धर्मपत्नी अहिल्याबाई होलकर को मल्हारराव ने ही सती होने से रोका था। अहिल्या के बेटे और मल्हारराव के पोते मालेराव को इंदौर की रियासत मिली। किन्तु कुछ ही महीनों में दुर्भाग्यवश उसकी भी मौत हो गई। ततपश्चात अहिल्याबाई होलकर जी ने सत्ता की कमान संभाली और इतिहास साक्षी है कि वो एक कुशल शासिका सिद्ध हुईं। आज महान योद्धा मल्हारराव होलकर के जन्म-जयंती पर हम उन्हें कोटि-कोटि नमन व वन्दन करते हैं। साथ ही उनकी वीरगाथा को वास्तविक रूप में लोगों के समक्ष रखने का संकल्प उठाते हैं।Lucknow News : 104 साल पुरानी ऐसी विंटेज कार जिसे मिले कई अवॉर्ड
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