Friday, 2 May 2025

नोएडा में शेयर होल्डिंग में बदलाव की सूचना नहीं देने पर लगेगा जुर्माना

Noida News : नोएडा प्राधिकरण से प्लॉट लेने वाले समूह या कंपनी को शेयर होल्डिंग में बदलाव की सूचना प्राधिकरण…

नोएडा में शेयर होल्डिंग में बदलाव की सूचना नहीं देने पर लगेगा जुर्माना

Noida News : नोएडा प्राधिकरण से प्लॉट लेने वाले समूह या कंपनी को शेयर होल्डिंग में बदलाव की सूचना प्राधिकरण को देनी होती है। सूचना नहीं देने पर 26 फरवरी से लागू हुई यूनिफाइड पॉलिसी में बदलाव के दिन से प्रतिदिन 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
जुर्माने की जद में प्राधिकरण के ग्रुप हाउसिंग, औद्योगिक, संस्थागत प्लॉट के बड़ी संख्या में आवंटी आ गए हैं। कई प्लॉट की कंपनी में शेयर होल्डिंग में बदलाव सालों पहले हो चुका है। इन पर लाखों में जुर्माना हो जाएगा। ऐसे आवंटियों की संख्या 8 हजार से ज्यादा होने का अनुमान है। जुर्माना नहीं जमा होने से प्राधिकरण में आवंटियों का काम नहीं हो पा रहा है।

सूचना साझा करने के लिए दिया जाएगा अंतिम मौका

ऐसे में प्राधिकरण सभी आवंटियों को शेयर होल्डिंग की सूचना साझा करने के लिए अंतिम मौका देने जा रहा है। अभी तक तैयारी यह है कि 90 दिन का समय दिया जाए जिसमें आवंटी समूह या कंपनी सूचना साझा कर सकें। इसके बाद से जुर्माना प्रभावी किया जाएगा। प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया, अगर कंपनी संचालक अपने निदेशकों को बदलते या हटाते हैं तो इसकी सूचना नोएडा प्राधिकरण को देनी होती है। यह प्रक्रिया सीआईसी के अंतर्गत होती है। यूनिफाइड पॉलिसी के नियमों के तहत निदेशक बदलने के बाद जानकारी नहीं देने पर 500 रुपये रोजाना जुर्माने का प्रावधान है। अब हजारों आवंटियों की समस्या को देखते हुए प्राधिकरण ऐसे लोगों को 3 महीने मी का समय देने जा रहा है। बिना जुर्माने के सीआईसी से संबंधित प्रक्रिया में बदलाव की जानकारी देनी होगी।

टीएम व ट्रांसफर चार्ज घटाने पर नहीं बन रही सहमति

यूनिफाइड पॉलिसी लागू होने के बाद टीएम और ट्रांसफर चार्ज भी बढ़े हैं। औद्योगिक संपत्तियों के ट्रांसफर शुल्क 4 से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिए गए हैं। इससे लोगों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। ट्रांसफर शुल्क कम करने पर प्राधिकरण अधिकारियों ने कई बार मंचन किया है, लेकिन अभी कोई सहमति दरें घटाने पर नहीं बनी हैं।

समयवृद्धि का भी मौका देगा प्राधिकरण

यूनिफाइड पॉलिसी लागू होने से प्राधिकरण में दो साल से ज्यादा की समयवृद्धि का विकल्प प्लॉट पर नहीं है। पहले लीज डीड पर औद्योगिक प्लॉट का क्षेत्रफल 20 हजार वर्ग मीटर होने पर 3 साल और इससे बड़े क्षेत्रफल का प्लॉट होने पर 5 साल का समय मिलता था। इसके बाद शुल्क लेकर प्राधिकरण 8 साल तक की समयवृद्धि आवंटी को देता था। इसी तरह ग्रुप हाउसिंग में प्लॉट पर निर्माण का समय लीज डीड पर 7 साल मिलता था। इसके बाद 5 साल तक का समय शुल्क लेकर निर्माण के लिए प्राधिकरण देता था। अब लीज डीड में मिलने वाले समय के बाद समयवृद्धि में दो साल के बाद कोई विकल्प ही नहीं दिया गया है। प्राधिकरण ऐसे प्लॉट के आवंटियों को एक और मौका देने जा रहा है। अधिकारियों की मानें तो 20 हजार वर्ग मीटर से बड़े प्लॉट के आवंटियों को 2 साल और इससे छोटे प्लॉट पर 1 साल का समय दिया जा सकता है। Noida News

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