Noida News: नोएडा उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है। हर कोई नोएडा के विषय में जानना चाहता है। यहां नोएडा के प्रतिदिन के सभी समाचार अखबारों के हवाले से हम समाचार प्रकाशित करते हैं। नोएडा शहर से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों में 09 जून को क्या खास समाचार प्रकाशित हुए हैं यहां एक साथ पढऩे को मिलेंगे।
Noida News: समाचार अमर उजाला से
अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “रजिस्ट्री से पहले मालिकाना हक के ट्रांसफर की सुविधा” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि आम्रपाली की चुनिंदा परियोजनाओं में प्री-रजिस्ट्रेशन स्टेज ट्रांसफर की सुविधा फिर शुरू हो गई है। कोर्ट रिसीवर कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक यह सुविधा उन परियोजनाओं में शुरू हुई है जिनमें 60 प्रतिशत तक ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट मिल गया है। इनमें रजिस्ट्री से पहले ऐसे फ्लैट खरीदार जरूरत के हिसाब से फ्लैट के मालिकाना हक का ट्रांसफर करा सकेंगे। इससे करीब 3000 जरूरतमंद फ्लैट खरीदारों को फायदा हो सकेगा। बीते दिनों यह सुविधा अस्थायी तौर पर बंद कर दी गई थी। इसमें नोएडा की अधिकांश परियोजनाएं शामिल हैं।
अहम है कि आम्रपाली के मामले में निर्माण कार्य पूरा करने का जिम्मेदारी एनबीसीसी के पास है। दरअसल, आम्रपाली के मामले में 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने प्री-रजिस्ट्रेशन स्टेज ट्रांसफर की सुविधा उपलब्ध कराई थी। उस दौरान रजिस्ट्री नहीं होने की वजह से काफी हंगामा हुआ था। ऐसे में कई खरीदारों ने कोर्ट से अपील की थी कि उनको इस तरह की सुविधा दिलाई जाए कि जरूरत के हिसाब से वह अपनी संपत्ति का ट्रांसफर बिना रजिस्ट्री के भी कर सकें। इसके बाद आम्रपाली के कई खरीदारों ने प्री-रजिस्ट्रेशन स्टेज ट्रांसफर का लाभ उठाया। हालांकि बाद में कोर्ट रिसीवर कार्यालय को यह सूचना मिली कि इस सुविधा का दुरुपयोग भी किया जा रहा है। स्टांप शुल्क बचाने के लिए लोग इस तरह का ट्रांसफर कराने लगे थे। जिसके बाद इसे अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया था।
Noida News:
अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “जाम में फंसे ग्रेनो को मिलेगा नया रास्ता” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के संचालन से पहले ग्रेटर नोएडा को ट्रैफिक जाम की उलझनों से मुक्त कराने की कवायद तेज हो गई है। शहर की दो सबसे व्यस्त और संवेदनशील लोकेशनों परी चौक और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लिए ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने योजना एवं वास्तुकला विद्यालय (स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर) को ट्रैफिक समाधान की जिम्मेदारी सौंपी है। यह व्यापक स्टडी आने वाले ट्रैफिक पैटर्न को समझते हुए दीर्घकालिक उपाय सुझाएगी।
दरअसल, परी चौक को शहर का प्रवेश द्वार और भावी ट्रांसपोर्ट हब मानते हुए सबसे अधिक प्राथमिकता दी गई है। यहां रैपिड रेल का स्टेशन प्रस्तावित है और एयरपोर्ट चालू होते ही वाहनों की संख्या और बढ़ेगी। मौजूदा यातायात का दबाव पहले से ही बहुत ज्यादा है। ऐसे में स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर की ओर से रोड चौड़ीकरण, गोलचक्कर की डिजाइन, फुटओवर ब्रिज और वैकल्पिक मार्गों जैसे उपाय सुझाए जाएंगे। हालांकि, रैपिड रेल कॉरिडोर के चलते यहां अंडरपास बनाना व्यावहारिक नहीं है। ऐसे ही एनसीआर का उभरता रिहायशी क्षेत्र ग्रेटर नोएडा वेस्ट (नोएडा एक्सटेंशन) वर्तमान में दो लाख से ज्यादा आबादी समेटे है, और यहां ट्रैफिक रोजाना समस्या बनती जा रही है। इसलिए, यहां फ्लाईओवर, अंडरपास, सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने और सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क को सुदृढ़ करने के विकल्पों की गहन स्टडी की जाएगी।
Hindi News:
अमर उजाला ने 09 जून 2025 के अंक में प्रमुख समाचार “ई-बसों के संचालन पर तीनों प्राधिकरण वहन करेंगे 225 करोड़ रुपये का घाटा” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में 500 इलेक्ट्रिक बसों की योजना को धरातल पर उतारने के लिए नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण को सालाना 225 करोड़ रुपये का घाटा सहना होगा। निदेशालय नगरीय परिवहन (डीयूटी) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना में तीनों प्राधिकरणों को हर साल करीब 225 से 230 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ सकता है। हालांकि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के संचालन से पहले जनता की सहूलितय के लिए प्राधिकरण इस ई बस परियोजना को रफ्तार देने में जुट गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रत्येक बस का दैनिक संचालन खर्च 19,978 रुपये आंका गया है। इसके अनुसार 500 बसों के लिए सालाना खर्च 359 करोड़ रुपये बैठेगा। साथ ही एसपीवी के प्रशासनिक खर्च, वेतन, फेयर कलेक्शन, डिपो रखरखाव, निगरानी यूनिट आदि मिलाकर कुल खर्च 370 करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा। वहीं, सांलाना राजस्व की बात करें तो सिर्फ 145 करोड़ रुपये की आमदनी का अनुमान है। इसमें 135 करोड़ रुपये किराये से और 10 करोड़ रुपये विज्ञापन से आएंगे। इस प्रकार हर साल 225 करोड़ रुपये से अधिक की भारी पूर्ति अंतर (वाइबिलिटी गैप) सामने आ रही है। लखनऊ में हाल ही में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में इस प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा हुई। इसके तहत नोएडा प्राधिकरण की हिस्सेदारी 48 फीसदी तय की गई है, जबकि ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण की हिस्सेदारी 26-26 फीसदी होगी। तीनों प्राधिकरण मिलकर बसों के संचालन की लागत और घाटे की भरपाई करेंगे।
Noida News: समाचार दैनिक जागरण से
दैनिक जागरण के नोएडा संस्करण में 09 जून 2025 का प्रमुख समाचार “इंजीनियर को मुनाफे का लालच देकर 65 लाख की साइबर ठगी” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि सेक्टर-119 निवासी एक इंजीनियर से निवेश पर मुनाफे का झांसा देकर साइबर जालसाजों ने 65 लाख रुपये ठग लिए। जालसाजों ने पीड़ित को बिना कॉल किए सीधे एक व्हॉट्सएप ग्रुप में जोड़ा था। इस ग्रुप में ही निवेश को लेकर जानकारी दी जा रही थी। ठगों ने थोड़े निवेश पर अधिक मुनाफे का लालच देकर पीड़ित से 11 बार में राशि जमा करवाई। पीड़ित को ठगी की जानकारी तब हुई जब निवेश और उसपर कमाया मुनाफा निकालने में वह असफल रहा। सेक्टर-36 साइबर क्राइम थाना पुलिस ने शिकायत पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सेक्टर-119 निवासी आशु मलिक ने शिकायत में बताया कि 20 अप्रैल को किसी अपरिचित ने के-13 स्मार्ट स्टॉक गेन्सफ्यू नाम के व्हाट्सएप ग्रुप में उसे जोड़ दिया था। ठगों ने अपना परिचय इनवेस्टमेंट ब्रोकर के रूप में दिया। ग्रुप में पहले से ही सौ सदस्य थे, जो निवेश पर होने वाले मुनाफे का स्क्रीन शॉट साझा कर रहे थे। कई दिन तक आशु ने ग्रुप की हर गतिविधि को परखा। इसी दौरान ग्रुप की ही एक महिला ने पंजीकरण कराकर छोटा-छोटा निवेश करने पर जोर डाला।
आरोपी की ओर से कहने पर शिकायतकर्ता ने निवेश कर दिया। इसमें उसे कुछ मुनाफा भी मिला, जिसे वह आसानी से निकाल भी पाया। इसके बाद आशु को यकीन हो गया कि वह सही ग्रुप में जुड़ गया है और निवेश करके वह कम समय में ज्यादा मुनाफा कमा सकता है। मुनाफा कमाने के चक्कर में शिकायतकर्ता ने 29 अप्रैल से लेकर 29 मई तक 11 बार में पांच बैंक खातों में 65 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इस पर शिकायतकर्ता को करीब एक करोड़ रुपये का मुनाफा होते दिखा। शिकायतकर्ता ने जब यह रकम निकालने का प्रयास किया तो उसपर विभिन्न कर के तौर पर 50 लाख रुपये और ट्रांसफर करने का दबाव बनाया जाने लगा। ठगों द्वारा बताया गया कि अगर उसने 50 लाख रुपये और नहीं भेजे तो पहले निवेश की गई रकम भी फंस सकती है। इसके बाद आशु को ठगी का पता चला। धनराशि वापस मांगने पर ठगों ने संपर्क तोड़ दिया।
दैनिक जागरण के नोएडा संस्करण में प्रमुख समाचार “दो ई-रिक्शा के टकराने से डेढ़ साल के बच्चे की मौत, महिला घायल” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि नोएडा सेक्टर एक में दो ई-रिक्शा के आपस में टकराने पर सवारी बनकर बैठी महिला और उसका बच्चा घायल हो गए। अस्पताल ले जाने पर चकित्सकों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया जबकि महिला का उपचार ल रहा है। महिला के भाई ने ई-क्शा चालक के खिलाफ फेज वन में मामला दर्ज कराया है।
नोएडा सेक्टर 16 जेजे कालोनी सुनील कुमार परिवार संग रहते हैं। मेहनत मजदूरी का काम करते हैं। न जून की सुबह करीब साढ़े दस ने उनकी बहन और डेढ़ साल का जा ई-रिक्शा से कहीं जा रहे थे। से ही उनका ई-रिक्शा सेक्टर एक ठेके पास पहुंचा। इसी दौरान दूसरा -रिक्शा चालक लापरवाही व तेज त से चलाते हुए आया। उनकी बहन के ई-रिक्शा के कर मार दी। उनकी बहन और वा सड़क पर गिरकर घायल हो जबकि ई-रिक्शा क्षतिग्रस्त हो दोनों घायलों को नजदीक के अस्पताल ले जाया गया। जहां पर उनके भांजे को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। उनकी बहन के सिर, हाथ, पैर व गर्दन में चोट आई। उनका उपचार चल रहा है। उनके भाई ने मामले में पुलिस से शिकायत की। थाना प्रभारी निरीक्षक अमित कुमार ने बताया कि तहरीर के आधार पर चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
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