Noida Loksabha Seat : उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर को उत्तर प्रदेश का मुख्य प्रवेश द्वार माना जाता है। नोएडा देश की राजधानी दिल्ली से सटा हुआ शहर है। यही कारण है कि दिल्ली से लेकर लखनऊ तक नोएडा की खूब चर्चा होती है। इन दिनों लोकसभा के चुनाव चल रहे हैं। ऐसे में नोएडा की राजनीति की चर्चा भी दूर तक हो रही है। हर कोई जानना चाहता है कि नोएडा सीट के नाम से प्रसिद्ध लोकसभा की गौतमबुद्धनगर सीट के क्या समीकरण हैं। यहां हम विश्लेषकों के द्वारा बता रहे हैं कि नोएडा सीट के ताजा हालात।
नोएडा सीट पर उतरे हैं तीन प्रत्याशी
अब तक सब जान चुके हैं कि नोएडा (गौतमबुद्घनगर) लोकसभा सीट पर तीन प्रमुख दावेदारों को चुनाव लडऩा है। तीनों दावेदार चुनाव मैदान में उतर चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी ने अपने वर्तमान सांसद डॉ महेश शर्मा को चुनाव के मैदान में उतारा है। डॉ महेश शर्मा इस चुनाव में जीत की हैट्रिक बनाने के मकसद से मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस तथा समाजवादी पार्टी के समझौते के तहत समाजवादी पार्टी ने बिल्कुल नए चेहरे के तौर पर राहुल अवाना को मैदान में उतारा है। एक समय में गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट की सबसे मजबूत पार्टी रही बहुजन समाज पार्टी ने नोएडा सीट से राजेंद्र सिंह सोलंकी को अपना प्रत्याशी बनाया है। इस प्रकार नोएडा सीट पर तीन प्रमुख योद्धा अब चुनावी मैदान में है। इन तीनों योद्धाओं के खुद के अपने-अपने दावे तथा समीकरण हैं। चुनावी विश्लेषक अपने-अपने हिसाब से समीक्षा कर रहे हैं।
नोएडा सीट पर सबसे बड़ा सवाल
Noida Loksabha Seat
नोएडा सीट पर आज की तारीख में चुनावी समीकरण की बात करें तो पूरा चुनावी गणित ठाकुर समाज पर केंद्रित नजर आ रहा है। सभी चुनावी विश्लेषक मान रहे हैं कि नोएडा सीट पर हार-जीत तथा हार-जीत के अंतर को ठाकुर समाज के मतदाता तय करेंगे। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ठाकुर समाज के मतदाता हाथी की सवारी करेंगे? यानी सवाल यह है कि क्या गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट के ठाकुर मतदाता बसपा के प्रत्याशी राजेंद्र सिंह सोलंकी के पक्ष में वोट डालेंगे। यह सवाल इस कारण उठा है कि बसपा ने नोएडा सीट पर ठाकुर प्रत्याशी इसी मकसद से उतरा है कि ठाकुर तथा बसपा के परंपरागत दलित समाज के वोटर भी लेकर चुनाव को बसपा की तरफ मोड़ सकते हैं। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ठाकुर समाज को अपना परंपरागत वोटर मानती रही है। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के कारण प्रदेश का पूरा ठाकुर समाज बीजेपी का कट्टर समर्थक माना जाता है। भाजपा के नेताओं तथा समर्थकों का दावा है कि ठाकुर समाज किसी भी दल को वोट दे सकता है किंतु ठाकुर बसपा के हाथी पर कभी भी सवार नहीं हो सकते। ठाकुर समाज को बसपा का पुराना नारा। ‘‘तिलक तराजू और तलवार इनको मारो जूते चार’’ हमेशा याद रहता है। तमाम चुनावी विश्लेषक इसी काम में लगे हुए हैं कि क्या नोएडा सीट पर ठाकुर मतदाता हाथी की सवारी करेंगे? नोएडा से लेकर ग्रेटर नोएडा, जेवर, सिकंदराबाद तथा खुर्जा तक ठाकुर समाज को लेकर यह सवाल खूब गूंज रहा है।
आगे पता चलेगा
Noida Loksabha Seat
अभी तो नोएडा सीट पर चुनाव बस शुरू ही हुआ है। आने वाले दिनों में यहां ढेर सारे नए-नए समीकरण बनेंगे तथा बिगड़ेंगे। ऐसे में अभी से नोएडा सीट पर कोई भविष्यवाणी करना उचित नहीं है। विश्लेषक यह बात मानकर चल रहे हैं कि इस सीट पर ठाकुर समाज का एक तरफ रुझान बहुत कुछ तय करने वाला है। नोएडा सीट पर गुर्जर समाज भी बड़ी शिद्दत के साथ यह दिखेगा कि ठाकुर किस तरफ जा रहे हैं। उसी के बाद गुर्जर समाज का रुक तय होगा। गुर्जर समाज मानकर चल रहा है कि उनके समाज से जो प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारा गया है वह प्रत्याशी पूरी तरह से भाजपा का मुकाबला करने की स्थिति में नहीं है। हर रोज नोएडा सीट पर नए विश्लेषण सामने आने वाले हैं।
बसपा का बड़ा दांव
Noida Loksabha Seat
विश्लेषकों की माने तो नोएडा सीट पर बसपा BSP का प्रत्याशी घोषित होने तक इस सीट पर भाजपा के साथ सपा तथा कंाग्रेस के गठबंधन का मुकाबला माना जा रहा था। बसपा ने जैसे ही ठाकुर समाज से आने वाले नेता राजेन्द्र सिंह सोलंकी के नाम की घोषणा की वैसे ही समीकरण पूरी तरह से बदल गए। बसपा ने नोएडा सीट पर एक तीर से कई निशाने साधने का प्रयास किया है। ऐसे में सभी विश्लेषक मानकर चल रहे हैं कि बसपा के प्रत्याशी के सामने सपा तथा कांग्रेस गठबंधन का प्रत्याशी कमजोर नजर आने लगा है। अगले कुछ दिनों में स्पष्ट हो जाएगा कि नोएडा की सीट पर भाजपा का मुकाबला सीधे-सीधे बसपा के साथ होगा अथवा सपा का प्रत्याशी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाकर कुछ नया गुल खिलाएगा। सभी विश्लेषक इस बात पर एकमत हैं कि ठाकुर प्रत्याशी पर दांव लगाकर बसपा ने नोएडा की सीट पर एक दिलचस्प मुकाबला बनाने की चाल चली है।