बड़ी खबर : जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाना सही फैसला : सुप्रीम कोर्ट

07 6
Jammu Kashmir News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 07:44 AM
bookmark

Jammu Kashmir News : जम्मू कश्मीर में धारा 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ी खबर आ रही है। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के फैसले को सही बताते हुए इसे संवैधानिक रुप से वैध बताया है। कोर्ट की संविधान पीठ ने इस बड़े फैसले पर कहा कि राष्ट्रपति के पास धारा 370 पर फैसला लेने का अधिकार है और राष्ट्रपति की संवैधानिक शक्तियों को चुनौती नहीं दी जा सकती है।

Jammu Kashmir News

सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस अहम फैसले में सरकार को 30 सितंबर 2024 तक जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने तथा उसका राज्य का दर्जा बहाल करने के भी आदेश दिए हैं।

आज देशभर की नजर सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हुई थी। सुप्रीम कोर्ट में आज जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने पर संवैधानिक पीठ का फैसला आना था। चीज जस्टिस आफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड ने अहम फैसला देते हुए कहा कि राजा हरि सिंह द्वारा भारत विलय के समझौते के बाद ही राज्य की संप्रुभता समाप्त हो गई थी। जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और वहां पर भारत का संविधान ही चलेगा। उन्होंने कहा कि धारा 370 पर राष्ट्रपति को फैसला लेने का अधिकार है। अनुच्छेद 356 में राष्ट्रपति की शक्तियां लिखी हुई हैं और उनकी संवैधानिक शक्तियों को चुनौती नहीं दी जा सकती।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि धारा 370 एक अस्थायी व्यवस्था थी और इसे हटाया जा सकता है। कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा धारा 370 को हटाए जाने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया को भी सही ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धारा 370 को हटाने का फैसला जम्मू कश्मीर के एकीकरण के लिए फैसला था। भारत को जोड़ने की प्रक्रिया इससे मजबूत हुई है। इसलिए 5 अगस्त 2019 में केंद्र सरकार द्वारा राज्य से धारा 370 को हटाए जाने का फैसला बना रहेगा।

करीब दो दर्जन याचिकाएं

कोर्ट ने कहा कि धारा 370 को बेअसर कर जम्मू कश्मीर को नई व्यवस्था की जानी चाहिए। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में 27 याचिकाएं दायर की गई थी। सभी पर सुनवाई के बाद सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाया जाना सरकार का सही है।

सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ शीर्ष अदालत के पांच जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं।

याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल, गोपाल सुब्रमण्यम, राजीव धवन,दुष्यन्त दवे, गोपाल शंकरनारायणन, जफर शाह।

केंद्र की तरफ से इन वकीलों ने रखा पक्ष अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमण, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, हरीश साल्वे, राकेश द्विवेदी और वी गिरी।

संविधान पीठ द्वारा पूछे गए सवाल

क्या अनुच्छेद 370 संविधान में स्थायी प्रावधान बन गया ?

यदि यह एक स्थायी प्रावधान बन जाता है तो क्या संसद के पास अनुच्छेद 370 में संशोधन करने की शक्ति है?

क्या संसद के पास राज्य सूची के किसी आइटम पर कानून बनाने की कोई ताकत नहीं है? केंद्र शासित प्रदेश कब तक अस्तित्व में रह सकता है?

संविधान सभा की अनुपस्थिति में धारा 370 को हटाने की सिफारिश कौन कर सकता है?

यह खबर लगातार अपडेट की जा रही है...

नोएडा में हर महीने 3 महिला और 6 ब​च्चियां बनती हैं हवस की शिकार

देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें।

देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुकपर लाइक करें या  ट्विटरपर फॉलो करें।

अगली खबर पढ़ें

अयोध्या में ताले खुलने की वजह का हुआ खुलासा? इसलिए राजीव गांधी ने ये निर्णय लिया था

Rajeev Gandhi
राजीव गांधी
locationभारत
userचेतना मंच
calendar11 Dec 2023 03:39 PM
bookmark
अयोध्या में ताले खुलने की वजह: प्रणब मुखर्जी की पुत्री और नेत्री शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने पिता प्रणब मुखर्जी से हुई अपनी बातचीत और उनकी डायरी के शोध के आधार पर एक किताब लिखी है। इस पुस्तक का शीर्षक है 'इन प्रणब माई फादर- ए डॉटर्स रिमेंबर्स'। शर्मिष्ठा मुखर्जी की ये किताब रूपा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित हो रही है। इस किताब का विमोचन आज, 11 दिसंबर को उनकी जयंती पर होने जा रहा है।

बीबीएल का मैच रद्द हुआ, बारिश नहीं बल्कि इस वजह से स्थगित करना पड़ा मैच

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपनी आने वाली पुस्तक ‘इन प्रणब, माई फादरः ए डॉटर रिमेम्बर्स’ के कुछ अंश साझा किए हैं। जिसके बाद राजनीतिक जमीन पर भूचाल आ गया है। इन अंश में शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने पिता प्रणब मुखर्जी के राजनीतिक जीवन से जुड़े कई राज खोले हैं। जिनमें से एक ये है कि अयोध्या में राजीव गांधी सरकार ने राम मदिर के ताले क्यों खुलवाए थे।

महुआ का सियासी भविष्य अब क्या होगा, क्या अगला लोकसभा चुनाव लड़ सकेंगी?

अयोध्या में ताले खुलने की वजह क्या थी, सरकार ने क्यों लिया निर्णय?

[caption id="attachment_48500" align="aligncenter" width="800"]अयोध्या में ताले खुलने की वजह अयोध्या में ताले खुलने की वजह[/caption] शर्मिष्ठा मुखर्जी की इस किताब में बताया गया है कि अयोध्या में रामलला के मंदिर के ताले खुलवाने के पीछे की क्या वजह थी? क्यों तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इस तरह का साहसिक निर्णय लिया था। क्या राजीव गांधी के इस फैसले को लेने के पीछे कोई राजनीतिक विवशता थी? इन सवालों के जवाब इस किताब में प्रणब दा के नजरिए से दिए गए हैं।

बीजेपी के संकेत क्या हैं? साय के छत्तीसगढ़ का सीएम बनने के बाद उठा सवाल

प्रणब दा की पुत्री शर्मिष्ठा ने इस किताब में दावा किया है कि प्रणब मुखर्जी के अनुसार "शाहबानो मामले पर कानून बनाने के बाद हिंदू मध्यम वर्ग में कांग्रेस की छवि को बहुत नुकसान हुआ था। इस छवि को ठीक करने के लिए ही पूर्व पीएम राजीव गांधी ने अयोध्या में राम जन्मभूमि का ताले खुलवाए थे।" किताब में कहा गया है कि "उस समय प्रणब मुखर्जी ने राजीव गांधी और अरुण नेहरू की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए थे।"

शर्मिष्ठा का खुलासा: प्रणब दा जानते थे, उन्हें पीएम नहीं बनाया जाएगा

अयोध्या में ताले खुलने की वजह: बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहने पर प्रतिक्रिया

इस पुस्तक में ये भी दावा किया गया है कि प्रणब मुखर्जी के मुताबिक "बाबरी मस्जिद का डिमोलिशन आजादी के बाद देश के इतिहास का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। जब साल 1992 में बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया गया था। उस समय नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री थे और प्रणब मुखर्जी ने उनका बचाव करते हुए सारे कांग्रेस नेताओं से कहा था कि 'यह प्रधानमंत्री की नहीं बल्कि हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है'।"

अयोध्या में ताले खुलने की वजह

क्रिकेट के अनूठे नियम: जिनसे दर्शक क्या खिलाड़ी भी हो जाते हैं कंफ्यूज

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुकपर लाइक करें या  ट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

Chhattisgarh Top News : छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री होंगे विष्णु देव साय, भाजपा ने कर दिया है ऐलान

20 7
छत्तीसगढ़ की तस्वीर
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 12:36 AM
bookmark

Chhattisgarh Top News : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर आ रही है। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा हाईकमान द्वारा सीएम का चयन करने के लिए भेजे गए पर्यवेक्षकों ने छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री का चयन कर लिया है। छत्तीसगढ़ में नए सीएम के नाम की घोषणा कर दी गई है। इस राज्य में विष्णुदेव साय नए सीएम होंगे।

Chhattisgarh Top News

आपको बता दें छत्तीसगढ़ में भाजपा के वरिष्ठ नेता विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा आदिवासी चेहरा हैं। वह कुनकुरी से विधायक हैं और साय रायगढ़ से सांसद भी रह चुके हैं।

कौन हैं विष्णुदेव साय ?

छत्तीसगढ़ में भाजपा के वरिष्ठ नेता विष्णुदेव साय रायगढ़ से 4 बार (1999-2014) सांसद चुने गए। नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में साय ने केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्हें भाजपा ने मैदान में नहीं उतारा था, क्योंकि भाजपा ने छत्तीसगढ़ में 2018 में हुए राज्य विधानसभा चुनाव हारने के बाद अपने किसी भी मौजूदा सांसद को नहीं दोहराने का फैसला किया था। इसके साथ ही विष्णुदेव साय प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष भी हैं। जून 2020 में भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था। वह अगस्त 2022 तक प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी रहे हैं।

विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ की कुनकुरी विधानसभा से आते हैं। राज्य में आदिवासी समुदाय की आबादी सबसे अधिक है और विष्णुदेव इसी समुदाय से हैं। अजित जोगी के बाद छत्तीसगढ़ में इस समुदाय से कोई दूसरा मुख्यमंत्री नहीं बन सका था। भाजपा इस बार आदिवासी समुदाय से आने वाले साय के ज़रिये पूरे देश में मैसेज दे रही है।

बसपा सुप्रीमो मायावती का उत्तराधिकारी घोषित, जानें किसे सौंपी गई BSP की कमान

देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें।

देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुकपर लाइक करें या  ट्विटरपर फॉलो करें।