उत्तर प्रदेश के बनारस की दाल मंडी में वीडीए प्रशासन का बड़ा एक्शन

उत्तर प्रदेश के बनारस की दाल मंडी में वीडीए प्रशासन का बड़ा एक्शन
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:08 PM
bookmark
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दाल मंडी इलाके में अवैध निर्माण और सुरक्षा मानकों की अनदेखी को लेकर वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) ने एक बार फिर सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली है। इन दिनों लगातार करवाई के तहत, नगर निगम ने 151 मकानों को बकाया टैक्स का भुगतान करने के लिए नोटिस जारी किया है, वहीं विकास प्राधिकरण ने 12 मकानों को बिना नक्शा पास किए निर्माण करने के कारण अवैध घोषित कर दिया है। UP News

यह भी पढ़ें : पीएम मोदी ने नवाचार सम्मेलन में टेक्नोलॉजी सेक्टर की वृद्धि पर डाला प्रकाश

बेसमेंट में अवैध रूप से चल रही दुकानों पर होगी कार्रवाई

उत्तर प्रदेश में वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा हाल ही में किए गए सर्वे में यह बात सामने आई कि दाल मंडी के कई भवनों के बेसमेंट का उपयोग अवैध रूप से कॉमर्शियल रूप से किया जा रहा है। इन भवनों में सुरक्षा मानकों की पूरी तरह से अनदेखी की जा रही है, जिसे लेकर अब वीडीए (VDA) ने कार्रवाई की योजना बनाई है। उत्तर प्रदेश में वीडीए (VDA) सचिव, डॉ. वेद प्रकाश मिश्रा ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि "बेसमेंट का उपयोग व्यापारिक उद्देश्यों के लिए करना अवैध है और इस पर कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। दाल मंडी में बेसमेंट की जांच की जा रही है और जो भी अवैध पाए जाएंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।"

यह भी पढ़ें : विकसित बिहार’ की दिशा में योगी आदित्यनाथ ने दरभंगा में

साल 2018 से चल रही कार्रवाई

उत्तर प्रदेश में यह मुद्दा नया नहीं है, दरअसल 2018 में दाल मंडी के बंशीधर कतरे में 20 फीट का अवैध बेसमेंट पाए जाने के बाद, उसे सील किया गया था। इसके बाद से ही दाल मंडी में बेसमेंट के अवैध उपयोग पर कार्रवाई की जा रही थी और अब चौड़ीकरण के काम के दौरान 8 और दुकानों का पता चला है, जिनमें बेसमेंट को अवैध रूप से दुकान के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था।

अब तक 12 मकानों को अवैध घोषित किया गया

विकास प्राधिकरण ने अब तक 12 मकानों को अवैध घोषित किया है, जिनमें से कुछ के कागजात भी पूरी तरह से सही नहीं हैं। इन मकानों को खाली करने का नोटिस भी जारी किया जा चुका है। इसी बीच, पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने बताया कि चौक खाना क्षेत्र में अस्थाई कैंप कार्यालय पर अब तक 40 लोगों ने अपने कागजात जमा किए हैं, जिनमें से तीन की रजिस्ट्री हो चुकी है और इनकी दुकानों और मकानों को गिराने की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी।

यह भी पढ़ें : लालू के लालों में भिड़ंत! तेज प्रताप बोले– ‘तेजस्वी अभी बच्चा है, सीएम मैं बनूंगा

चौड़ीकरण के लिए 187 मकानों को मुआवजा

उत्तर प्रदेश में वाराणसी विकास प्राधिकरण ने 187 मकानों को चौड़ीकरण के लिए मुआवजे की सूची में शामिल किया है, जिनमें से 12 मकान अवैध घोषित किए गए हैं। इन मकानों को तोड़ने की प्रक्रिया भी तेज़ी से शुरू की जाएगी।
अगली खबर पढ़ें

वोटर लिस्ट में बड़ा खेल! उत्तर प्रदेश से हट सकते हैं 50 लाख डुप्लीकेट नाम

वोटर लिस्ट में बड़ा खेल! उत्तर प्रदेश से हट सकते हैं 50 लाख डुप्लीकेट नाम
locationभारत
userचेतना मंच
calendar03 Nov 2025 12:27 PM
bookmark

उत्तर प्रदेश में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले मतदाता सूची को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग की जांच में पता चला है कि कई जिलों में एक ही व्यक्ति का नाम दो या तीन बार दर्ज है। इस गड़बड़ी का सबसे ज्यादा असर उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, वाराणसी, बिजनौर और हापुड़ जैसे जिलों में देखने को मिला है। आयोग ने अब इस पर सख्त रुख अपनाते हुए जिलाधिकारियों को तुरंत सुधार कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं। अनुमान है कि जांच पूरी होने के बाद करीब 50 लाख डुप्लीकेट नाम सूची से हटाए जा सकते हैं।   UP News

जांच में उजागर हुई बड़ी गड़बड़ी

उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कई मतदाताओं के नाम एक ही सूची में अलग-अलग वार्डों या क्षेत्रों में दोहराए गए हैं। पीलीभीत जिले के पूरनपुर ब्लॉक में ही लगभग 97 हजार ऐसे मतदाता मिले हैं जिनके नाम एक से अधिक बार दर्ज हैं। यह न केवल प्रशासनिक चूक को उजागर करता है बल्कि चुनावी पारदर्शिता पर भी सवाल उठाता है।  UP News

आयोग चलाएगा ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ अभियान

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने इसे ठीक करने के लिए गहन पुनरीक्षण अभियान (Special Intensive Revision - SIR) चलाने का फैसला किया है। ब्लॉकवार डुप्लीकेट मतदाताओं की सूची तैयार कर जिलाधिकारियों को भेज दी गई है। निर्देश दिए गए हैं कि अधिकारी घर-घर जाकर सत्यापन करें और जिनके नाम दोहराए गए हैं, उन्हें सूची से तुरंत हटाएं।

वाराणसी और जौनपुर जैसे बड़े जिलों में भारी दोहराव

आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश के 826 विकास खंडों में से 108 ब्लॉक ऐसे हैं जहां 40 हजार से ज्यादा डुप्लीकेट मतदाता दर्ज हैं।

  • वाराणसी के आराजीलाइन ब्लॉक में 77,947

  • गाजीपुर के सैदपुर ब्लॉक में 71,170

  • वाराणसी के पिंडरा ब्लॉक में 70,940

  • जौनपुर के शाहगंज सोंधी ब्लॉक में 62,890 ऐसे मतदाता पाए गए हैं। इन जिलों के अधिकारियों को विशेष निगरानी में रखा गया है।

यह भी पढ़े: उत्तर प्रदेश का यह जिला अब नहीं कहलाएगा गरीब : बनेगा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर

करीब 50 लाख नाम हट सकते हैं

उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यदि जांच सही ढंग से की गई, तो करीब 50 लाख डुप्लीकेट नाम हटाए जा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पहले भी सुधार के प्रयास हुए थे, लेकिन इतनी व्यापक और वैज्ञानिक स्तर पर जांच पहली बार की जा रही है। लक्ष्य है कि पंचायत चुनाव से पहले मतदाता सूची पूरी तरह साफ, पारदर्शी और त्रुटिरहित हो। आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि सत्यापन कार्य निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जाए।    UP News

ग्राम पंचायत स्तर पर विशेष टीमें गठित करने के आदेश दिए गए हैं, जो मतदाताओं की पहचान और दस्तावेजों की दोबारा जांच करेंगी। हर जिले को खंडवार रिपोर्ट बनाकर आयोग को भेजनी होगी ताकि किसी भी स्तर पर चुनावी प्रक्रिया में भ्रम या गड़बड़ी की गुंजाइश न रहे।    UP News

अगली खबर पढ़ें

उत्तर प्रदेश का यह जिला अब नहीं कहलाएगा गरीब : बनेगा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर

उत्तर प्रदेश का यह जिला अब नहीं कहलाएगा गरीब : बनेगा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Nov 2025 02:17 PM
bookmark
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक क्रांति की नई पटकथा लिखी जा रही है। लंबे समय से आर्थिक रूप से पिछड़े कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में अब विकास की गाड़ी रफ्तार पकड़ने जा रही है। यूपीडा (उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण) यहां 576 हेक्टेयर क्षेत्र में एक विशाल औद्योगिक कॉरिडोर विकसित करने जा रहा है। इस परियोजना से न केवल उत्तर प्रदेश के जिला बांदा की तस्वीर बदलेगी बल्कि बुंदेलखंड की अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा मिलेगी। UP News :

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे बनेगा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर

यह औद्योगिक गलियारा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे बनाया जाएगा। सरकार ने इस परियोजना के लिए 138 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है, जिसमें से 100 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं। इस क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी, सुरक्षा और चहारदीवारी जैसी सभी बुनियादी सुविधाएं तैयार की जाएंगी, ताकि उद्योगपतियों को निवेश के लिए अनुकूल माहौल मिल सके।

395 किसानों की जमीन पर बनेगा विकास का आधार

कॉरिडोर निर्माण के लिए जमालपुर और महोखर ग्राम पंचायतों के 395 किसानों से कुल 576 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की गई है। अब इस भूमि पर तेजी से बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है। परियोजना पूरी होने के बाद देश-विदेश के निवेशकों को आमंत्रित किया जाएगा, ताकि क्षेत्र में बड़े उद्योगों की स्थापना हो सके।

रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा सहारा

इस औद्योगिक गलियारे से हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर मिलने की उम्मीद है। साथ ही, आसपास के गांवों के लोगों को भी काम मिलेगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त होगी। छोटे कारोबार और सेवा क्षेत्र को भी नई ऊर्जा मिलेगी, जिससे पूरे बुंदेलखंड की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

बुंदेलखंड बनेगा औद्योगिक हब

नरैनी विधायक ओममणि वर्मा ने कहा कि सरकार बुंदेलखंड को औद्योगिक विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं, चित्रकूटधाम मंडल के संयुक्त अपर निदेशक सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि यूपीडा इस परियोजना को तेजी से आगे बढ़ा रहा है और अगले कुछ वर्षों में बांदा एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में उभरेगा। UP News