उत्तर प्रदेश की अयोध्या में रिकॉर्ड भीड़, VIP स्लॉट फुल

इस अभूतपूर्व आवागमन का असर मंदिर व्यवस्था पर भी साफ दिख रहा है। राम मंदिर में 1 जनवरी तक वीआईपी दर्शन के सभी पास पूरी तरह फुल हो चुके हैं, और अब भीड़ प्रबंधन उत्तर प्रदेश प्रशासन व ट्रस्ट के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।

अयोध्या में श्रद्धालुओं का सैलाब
अयोध्या में श्रद्धालुओं का सैलाब
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar27 Dec 2025 10:50 AM
bookmark

UP News : उत्तर प्रदेश की आस्था-राजधानी अयोध्या इन दिनों श्रद्धा के विराट सागर में बदल चुकी है। कड़ाके की ठंड के बीच भी रामनगरी में भक्तों का सैलाब लगातार उमड़ रहा है देश के कोने-कोने से लेकर विदेशों तक से श्रद्धालु प्रभु श्रीराम के दर्शन को पहुंच रहे हैं। रामपथ, घाटों और प्रमुख मंदिर मार्गों पर इतनी भीड़ है कि शहर का दृश्य किसी महाकुंभ से कम नहीं लगता। इस अभूतपूर्व आवागमन का असर मंदिर व्यवस्था पर भी साफ दिख रहा है राम मंदिर में 1 जनवरी तक वीआईपी दर्शन के सभी पास पूरी तरह फुल हो चुके हैं, और अब भीड़ प्रबंधन उत्तर प्रदेश प्रशासन व ट्रस्ट के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।

रोज बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या : ट्रस्ट का दावा

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा के अनुसार, पिछले एक महीने से श्रीराम मंदिर में श्रद्धालुओं की आमद लगातार रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ रही है। नए साल की दस्तक और आने वाले धार्मिक कार्यक्रमों के चलते यह रफ्तार फिलहाल थमने वाली नहीं दिखती। ट्रस्ट का आकलन है कि अगले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश की रामनगरी अयोध्या में भीड़ और ज्यादा घनी होगी, ऐसे में दर्शन-व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन को लेकर तैयारियों को और मजबूत किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश सरकार की बड़ी तैयारी

डॉ. अनिल मिश्रा के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अयोध्या में सड़क चौड़ीकरण और ट्रैफिक मैनेजमेंट में किए गए सुधारों का सीधा लाभ अब श्रद्धालुओं को दिख रहा है। बेहतर कनेक्टिविटी, तय रूट प्लान और प्रशासन की मुस्तैदी के कारण भारी भीड़ के बावजूद दर्शन-व्यवस्था काफी हद तक सुचारु बनी हुई है। ट्रस्ट ने साफ किया कि पास जारी करने की संख्या पहले से तय है रोजाना 6 स्लॉट में पास बनाए जाते हैं और हर स्लॉट में 400 पास निर्धारित हैं। इसी वजह से बढ़ती भीड़ के बीच 1 जनवरी तक सभी स्लॉट पहले ही फुल हो चुके हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ट्रस्ट ने मंदिर परिसर और आसपास व्यवस्थाओं को और मजबूत किया है। आरती पास से लेकर विशिष्ट पास तक सभी तरह के पास पूरी तरह निशुल्क रखे गए हैं। यात्रियों के लिए यात्री सुविधा केंद्र, बैठने की समुचित व्यवस्था, और बुजुर्गों, दिव्यांगों व जरूरतमंद श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क व्हीलचेयर की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

प्लिंथ पर उकेरे गए रामकथा प्रसंग

डॉ. अनिल मिश्रा के अनुसार, श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य अब पूर्ण हो चुका है और मंदिर-परिसर के परकोटे का निर्माण भी पूरा कर लिया गया है। खास बात यह है कि मंदिर के प्लिंथ (आधार भाग) पर प्रभु श्रीराम के जीवन से जुड़े प्रमुख प्रसंगों को बेहद कलात्मक और जीवंत शिल्प में उकेरा गया है जिसे देखते ही श्रद्धालु ठहर जाते हैं और भाव-विभोर हो उठते हैं। उत्तर प्रदेश की रामनगरी अयोध्या में उमड़ती यह अपार श्रद्धा यही संकेत दे रही है कि श्रीराम मंदिर अब केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि देश के साथ-साथ दुनिया भर के भक्तों के लिए एक स्थापित आध्यात्मिक केंद्र बन चुका है, जहां आस्था के साथ संस्कृति और कला भी एक साथ बोलती नजर आती है। UP News


संबंधित खबरें

अगली खबर पढ़ें

"बादशाह कहने वाला औरंगजेब आज इतिहास में गुम" लखनऊ से सीएम योगी का बड़ा संदेश

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक संदर्भों के जरिए औरंगजेब पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जो खुद को “हिंदुस्तान का बादशाह” कहता था, आज उसकी कब्र तक पर पूछने वाला कोई नहीं और गुरु तेगबहादुर जी को चुनौती देना उसकी बड़ी भूल थी।

सीएम योगी
सीएम योगी
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar27 Dec 2025 10:28 AM
bookmark

UP News : वीर बाल दिवस और श्री गुरु तेगबहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष के मौके पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित 5, कालिदास मार्ग शुक्रवार को श्रद्धा और इतिहास-बोध का केंद्र बन गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित शबद-पाठ व कीर्तन समागम में सिख गुरुओं और साहिबजादों के अद्वितीय बलिदान को नमन किया। कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को माथे लगाकर प्रणाम करने से की, फिर शबद-कीर्तन के बीच साहिबज़ादों की अमर शहादत की गाथा सुनी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक संदर्भों के जरिए औरंगजेब पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जो खुद को “हिंदुस्तान का बादशाह” कहता था, आज उसकी कब्र तक पर पूछने वाला कोई नहीं और गुरु तेगबहादुर जी को चुनौती देना उसकी बड़ी भूल थी। योगी ने कहा कि इतिहास उसी को याद रखता है, जिसके भीतर त्याग और बलिदान की लौ जलती है; सिख गुरुओं की परंपरा भारत की भक्ति और शक्ति की जीवंत मिसाल है।

सीएम आवास पर हुआ कीर्तन समागम

लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर हुए इस आयोजन में कीर्तन प्रस्तुत करने वाले बच्चों को पटका पहनाकर सम्मानित किया गया और उन्हें पुरस्कार भी प्रदान किए गए। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ‘छोटे साहिबजादे’ नामक पुस्तिका का भी विमोचन किया, जिसे नई पीढ़ी तक शौर्य और शहादत का संदेश पहुंचाने की दिशा में अहम पहल बताया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के चारों साहिबजादों बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के शहीदी दिवस को वीर बाल दिवस के रूप में मनाना, देश के लिए उनके स्वदेश और स्वधर्म हेतु दिए गए सर्वोच्च बलिदान को याद करने और उससे प्रेरणा लेने का राष्ट्रीय अवसर है।

देशभर में नई पीढ़ी तक पहुंचे साहिबजादों का संदेश

सीएम योगी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में वीर बाल दिवस सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के लिए चरित्र-निर्माण का संदेश बनकर सामने आया है। स्कूलों और कॉलेजों से लेकर दफ्तरों तक साहिबजादों की गाथाएं पढ़ी और सुनाई जा रही हैं, और उन्हें शिक्षा के माध्यम से बच्चों तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं में धैर्य, साहस, कर्तव्यबोध और बलिदान जैसी मूल्य-चेतना मजबूत होगी, जो राष्ट्र निर्माण की सबसे बड़ी पूंजी है।

लंगर परंपरा को बताया सामाजिक समरसता का प्रतीक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिख धर्म की लंगर परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि यह परंपरा सामाजिक समरसता का सबसे मजबूत संदेश देती है। उन्होंने कहा कि लंगर में किसी की जाति, धर्म या पहचान नहीं पूछी जाती हर व्यक्ति को एक ही पंक्ति में, एक ही भाव से भोजन कराया जाता है। मुख्यमंत्री के मुताबिक, यही वह संस्कार है जो उत्तर प्रदेश सहित पूरे भारत की साझी संस्कृति को मजबूती देता है और भारतीय समाज की एकता व मानवता की असली पहचान बनता है।

डबल इंजन सरकार का सहयोग

सीएम योगी ने गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज, माता गुजरी देवी और चारों साहिबज़ादों की स्मृतियों को नमन करते हुए कहा कि वीर बाल दिवस हर भारतीय युवा के लिए प्रेरणा का दिन है। उन्होंने गुरु तेगबहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष से जुड़े आयोजनों में डबल इंजन सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। कार्यक्रम के अंत में आनंद साहिब का पाठ और अरदास हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ और असीम अरुण के साथ लंगर में सहभागिता भी की। UP News

संबंधित खबरें

अगली खबर पढ़ें

उत्तर प्रदेश में स्कॉलरशिप को लेकर राहत, सभी के लिए एक जैसा होगा नियम

सरकार का साफ संदेश है कि उत्तर प्रदेश में किसी भी योग्य छात्र का भविष्य सिस्टम की देरी या तकनीकी अड़चन की भेंट नहीं चढ़ेगा, और जिनका हक प्रक्रिया में अटक गया था, उन्हें अब नियमों के तहत फिर से छात्रवृत्ति का लाभ दिलाने की तैयारी है।

योगी सरकार का बड़ा फैसला
योगी सरकार का बड़ा फैसला तकनीकी कारणों से छूटे छात्रों को दोबारा मौका
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar26 Dec 2025 03:22 PM
bookmark

UP News : उत्तर प्रदेश में छात्रवृत्ति को लेकर लंबे समय से इंतज़ार कर रहे हजारों विद्यार्थियों के लिए अब राहत की खबर है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शैक्षिक सत्र 2025–26 की दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में उन सभी पात्र छात्रों को दोबारा अवसर देने का निर्णय लिया है, जो तकनीकी खामियों, डेटा लॉक न हो पाने या पोर्टल संबंधी कारणों से आवेदन प्रक्रिया से बाहर रह गए थे। खास बात यह है कि यह संशोधित व्यवस्था सामान्य, OBC, अल्पसंख्यक और SC/ST—सभी वर्गों पर बराबरी के साथ लागू होगी। सरकार का साफ संदेश है कि उत्तर प्रदेश में किसी भी योग्य छात्र का भविष्य सिस्टम की देरी या तकनीकी अड़चन की भेंट नहीं चढ़ेगा, और जिनका हक प्रक्रिया में अटक गया था, उन्हें अब नियमों के तहत फिर से छात्रवृत्ति का लाभ दिलाने की तैयारी है।

उत्तर प्रदेश सरकार का फैसला

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रवृत्ति प्रक्रिया में छूटे विद्यार्थियों के लिए एक बार फिर राहत का रास्ता खोला है। समाज कल्याण विभाग के माध्यम से उन छात्र-छात्राओं को विशेष राहत दी गई है, जो समय पर मास्टर डेटा लॉक नहीं करा पाए थे और इसी वजह से उनका आवेदन या सत्यापन चरण पीछे रह गया था। विभाग ने अब नई समय-सारिणी जारी कर प्रक्रिया को दोबारा पटरी पर लाने की पहल की है, ताकि तकनीकी देरी या प्रक्रियागत चूक के कारण किसी पात्र विद्यार्थी की छात्रवृत्ति अटक न जाए और उत्तर प्रदेश में “हकदार को हक” की नीति जमीन पर प्रभावी रूप से लागू हो सके।

सभी वर्गों के लिए एक जैसी व्यवस्था

सरकारी सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश में छात्रवृत्ति प्रक्रिया को दोबारा गति देने के लिए जारी संशोधित टाइमलाइन सभी श्रेणियों सामान्य, OBC, अल्पसंख्यक, SC और ST के विद्यार्थियों पर एक समान लागू होगी। समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण का कहना है कि यह कदम प्रदेश की छात्रवृत्ति व्यवस्था को अधिक पारदर्शी, बेहतर प्रबंधित और समयबद्ध बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है, ताकि तकनीकी अड़चनों या प्रक्रियागत देरी के कारण किसी पात्र छात्र का अधिकार न रुके। सरकार का जोर इस बात पर है कि उत्तर प्रदेश में जरूरतमंद विद्यार्थियों तक आर्थिक सहायता समय पर पहुंचे, और छात्रवृत्ति प्रणाली भरोसे व जवाबदेही के नए मानक पर आगे बढ़े।

उत्तर प्रदेश ने तय की नई डेडलाइन

समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक आनंद कुमार सिंह के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में छात्रवृत्ति प्रक्रिया को समय पर और व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ाने के लिए संशोधित टाइमलाइन स्पष्ट कर दी गई है। इसके तहत 23 दिसंबर 2025 से 2 जनवरी 2026 के बीच प्रदेश के शिक्षण संस्थान मास्टर डेटा तैयार करेंगे। वहीं 23 दिसंबर 2025 से 9 जनवरी 2026 तक विश्वविद्यालय और संबंधित एफिलिएटिंग एजेंसियां फीस संरचना व छात्र संख्या का सत्यापन करेंगी। इसके बाद जिला स्तर पर जिला समाज कल्याण अधिकारी 15 जनवरी 2026 तक मास्टर डेटा और फीस का अंतिम सत्यापन पूरा करेंगे। साफ संकेत है कि इस बार उत्तर प्रदेश में छात्रवृत्ति की पूरी “बेस सेटिंग”यानी मास्टर डेटा को तय समय में लॉक कराकर आगे की प्रक्रिया को बिना रुकावट पटरी पर लाने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि पात्र विद्यार्थियों की मदद समय पर उनके खाते तक पहुंच सके।

सामान्य, OBC और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए आवेदन का नया शेड्यूल

उत्तर प्रदेश में सामान्य, OBC और अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति प्रक्रिया की नई समय-सारिणी भी तय कर दी गई है। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार छात्र 14 जनवरी 2026 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे, जबकि जरूरी दस्तावेजों की हार्ड कॉपी 21 जनवरी 2026 तक संबंधित शिक्षण संस्थान में जमा करानी होगी। इसके बाद संस्थान स्तर पर सत्यापन 27 जनवरी 2026 तक पूरा किया जाएगा। वास्तविक छात्र सत्यापन की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय/एफिलिएटिंग एजेंसियों के पास होगी, जो 28 जनवरी से 7 फरवरी 2026 तक चलेगा। फिर NIC द्वारा डेटा की अंतिम स्क्रूटनी 9 फरवरी 2026 तक पूरी की जाएगी। सबसे अहम बात यह है कि छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि 18 मार्च 2026 तक PFMS के जरिए आधार से लिंक बैंक खाते में भेजने का लक्ष्य रखा गया है। भुगतान की यह स्पष्ट डेडलाइन देकर उत्तर प्रदेश सरकार ने संकेत दिया है कि इस बार सिस्टम को समयबद्ध बनाकर “पेमेंट पेंडिंग” जैसी शिकायतों पर लगाम कसने की तैयारी है ताकि पात्र छात्रों को मदद कागज़ों में नहीं, समय पर खाते में दिखाई दे।

SC/ST विद्यार्थियों को उत्तर प्रदेश में अतिरिक्त राहत

उत्तर प्रदेश सरकार ने SC/ST वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति प्रक्रिया में एक कदम और आगे बढ़ते हुए समय-सीमा को अतिरिक्त राहत के साथ बढ़ा दिया है। अब इन वर्गों के छात्र 31 मार्च 2026 तक आवेदन कर सकेंगे, जबकि छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि का अंतिम भुगतान 22 जून 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। सरकार का कहना है कि यह विस्तार सामाजिक न्याय और समावेशी शिक्षा की प्रतिबद्धता का हिस्सा है ताकि दस्तावेज, सत्यापन या तकनीकी कारणों से किसी योग्य विद्यार्थी का हक अटक न जाए और उत्तर प्रदेश में कोई भी पात्र SC/ST छात्र सिर्फ प्रक्रिया की देरी के कारण पीछे न छूटे।

समय-सारिणी का पालन जरूरी

स्पष्ट अपील की है कि नई समय-सारिणी का सख्ती से पालन किया जाए। उनका कहना है कि छात्रवृत्ति व्यवस्था एक “चेन सिस्टम” की तरह है यदि किसी एक चरण पर डेटा लॉक, दस्तावेज जमा या सत्यापन में देरी हुई, तो उसका असर आगे के सत्यापन से लेकर भुगतान तक पड़ता है, और अंत में नुकसान सीधे छात्र को उठाना पड़ता है। कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार का यह निर्णय उन विद्यार्थियों के लिए एक तरह से “सेकंड चांस” है, जिनकी छात्रवृत्ति महज तकनीकी कारणों से अटक गई थी। अब जिम्मेदारी विद्यार्थियों और संस्थानों की है तारीखें नोट करें, दस्तावेज़ पूरे रखें, समय पर सत्यापन कराएं, ताकि छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि बिना किसी अड़चन के सीधे बैंक खाते तक पहुंच सके। UP News

संबंधित खबरें