आगरा में नाम बदलने की पहल तेज़, फतेहाबाद बन सकता है सिंदूरपुरम

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UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 08:07 AM
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UP News :  उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में ऐतिहासिक स्थानों के नामों को सांस्कृतिक पहचान देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के फतेहाबाद कस्बे और बादशाही बाग क्षेत्र का नाम बदलने का प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा गया है। यदि इसे उत्तर प्रदेश सरकार से मंजूरी मिलती है, तो फतेहाबाद ‘सिंदूरपुरम’ और बादशाही बाग ‘ब्रह्मपुरम’ के नाम से पहचाने जाएंगे।

सर्वसम्मति से पास हुआ प्रस्ताव

जिला पंचायत की हालिया बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. मंजू भदौरिया द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। अब यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार के समक्ष विचारार्थ रखा गया है। सूत्रों के अनुसार, यह प्रस्ताव स्थानीय जनता की मांग और ऐतिहासिक पुनर्परिभाषा की भावना के आधार पर तैयार किया गया है।

क्यों बदले जा रहे हैं नाम?

प्रस्ताव में फतेहाबाद और बादशाही बाग जैसे नामों को "गुलामी की मानसिकता" से जोड़ा गया है। डॉ. भदौरिया ने बताया कि पहले फतेहाबाद क्षेत्र को 'सामूगढ़' के नाम से जाना जाता था, लेकिन मुगल शासनकाल में इसका नाम बदल दिया गया। ऐसे में अब आवश्यकता महसूस की जा रही है कि इन नामों को भारतीय संस्कृति और गौरव से जोड़ा जाए। 'सिंदूरपुरम' नाम भारतीय पारिवारिक मूल्यों, नारी सम्मान और परंपरा का प्रतीक बताया गया है। वहीं 'ब्रह्मपुरम' नाम को दो महत्त्वपूर्ण प्रतीकों—भगवान ब्रह्मा और ब्रह्मोस मिसाइल—से जोड़ा गया है, जो आध्यात्मिकता और आधुनिक भारत की रक्षा क्षमता को एक साथ दर्शाता है।बोर्ड के एक सदस्य ने बताया कि यह केवल प्रशासनिक निर्णय नहीं है, बल्कि वर्षों से स्थानीय नागरिक इन क्षेत्रों के नामों को बदलने की मांग कर रहे थे। उसी जनभावना को ध्यान में रखते हुए जिला पंचायत ने यह कदम उठाया है।    UP News

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अब स्कूलों में लगेगी डिजिटल हाजिरी, 1 जुलाई से बदलेगा UP बोर्ड का नियम

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:53 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UP Board) अब प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में डिजिटल अनुशासन लाने जा रही है। बोर्ड ने 1 जुलाई से अपने मान्यता प्राप्त विद्यालयों में ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है। यह व्यवस्था कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों, शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के लिए अनिवार्य होगी। इसका उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाना, फर्जी नामांकन पर रोक लगाना और स्कूलों में अनुशासन को मजबूती देना है।

अब हाजिरी होगी मोबाइल या टैब से

नई व्यवस्था के तहत स्कूलों को मोबाइल ऐप या वेब पोर्टल के माध्यम से प्रत्येक दिन उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज करनी होगी। पहले जहां हाजिरी सिर्फ कागजों तक सीमित रहती थी अब यह डिजिटल माध्यम से सीधे बोर्ड के सर्वर पर दर्ज होगी। इससे शिक्षा विभाग को रियल टाइम डेटा मिल सकेगा और किसी भी स्तर की अनियमितता की तत्काल पहचान हो सकेगी।

क्यों जरूरी है यह बदलाव?

अभी तक कई स्कूलों में फर्जी प्रवेश और तथाकथित 'घोस्ट स्टूडेंट्स' की शिकायतें मिलती रही हैं जहां नामांकन तो दिखाया जाता है, पर छात्र स्कूल में उपस्थित नहीं होते। अब इस ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली से ऐसे मामलों पर लगाम लगेगी। सरकार को सही नामांकन और उपस्थिति के आंकड़े मिलेंगे जिससे स्कॉलरशिप और अन्य योजनाओं का लाभ सही छात्रों तक पहुंचेगा। निजी विद्यालयों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी और शिक्षा की गुणवत्ता पर भी सकारात्मक असर होगा।

23 जून को प्रयागराज में होगा सिस्टम का प्रेजेंटेशन

इस डिजिटल उपस्थिति प्रणाली की प्रस्तुति (प्रेजेंटेशन) 23 जून को यूपी बोर्ड मुख्यालय, प्रयागराज में होगी। यहां अधिकारियों और प्रधानाचार्यों को बताया जाएगा कि हाजिरी कैसे दर्ज की जाएगी, क्या तकनीकी सुविधाएं चाहिए होंगी और क्या चुनौतियां सामने आ सकती हैं। प्रधानाचार्य परिषद ने की सराहना उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार सिंह ने इस कदम की तारीफ करते हुए कहा, "ऑनलाइन हाजिरी की अनिवार्यता से न सिर्फ फर्जी नामांकन रुकेगा, बल्कि पढ़ाई का माहौल भी बेहतर होगा। यह बदलाव अनुशासन और ज़िम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देगा।" बोर्ड सचिव भगवती सिंह के अनुसार, प्रजेंटेशन के बाद सभी स्कूलों को विस्तृत गाइडलाइन भेजी जाएगी ताकि कोई भ्रम या तकनीकी परेशानी न हो। पायलट टेस्टिंग के बाद इसे प्रदेशभर में पूर्ण रूप से लागू किया जाएगा। UP News

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"अब मैं सोनिया हूं," सोनू ने तोड़ीं पहचान की दीवारें, प्रेम कुमार से रचाई शादी, इस अनोखे विवाह की हो रही चर्चा

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar24 Jun 2025 07:29 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के खैरटिया शीतलापुर गांव में एक असाधारण प्रेम कहानी ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। यहां दो युवा लड़कों ने समाज की रूढ़ियों, लिंग पहचान और सामाजिक सीमाओं को दरकिनार कर एक-दूसरे के साथ सात फेरे लिए। यह शादी न केवल गांव में, बल्कि जिले भर में चर्चा का विषय बन चुकी है।

"प्रेम ही मेरी पहचान है"

सोनू, जो अब खुद को सोनिया कहती हैं, ने सभी के सामने खुलकर कहा, मैंने अपने दिल की सुनी है, समाज क्या कहेगा इससे फर्क नहीं पड़ता। मुझे प्रेम कुमार से सच्चा प्यार है और मैं उनके साथ ही जीवन बिताना चाहती हूं। सोनिया की यह बात सुनकर वहां मौजूद कई लोग भावुक हो गए, वहीं कुछ हैरान भी। UP News

शिव मंदिर बना गवाह

गांव के प्राचीन शिव मंदिर में पूरे रीति-रिवाज से विवाह सम्पन्न हुआ। पंडित ने मंत्रोच्चार किया, फूलों की सजावट की गई, और स्थानीय लोग बाराती बनकर इस ऐतिहासिक विवाह के साक्षी बने। प्रेम कुमार ने भी पूरी निष्ठा से फेरे लिए और कहा, हमारे बीच जो रिश्ता है, वह किसी परिभाषा का मोहताज नहीं है। यह सच्चे प्रेम पर आधारित है। UP News

गांव में मिला समर्थन, तो कहीं उठे सवाल

इस विवाह को लेकर गांव में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ लोगों ने जहां इसे साहसी कदम बताया, वहीं कुछ ने इसे परंपराओं से अलग और समाज के विरुद्ध भी माना। हालांकि, पंचायत या प्रशासन की ओर से अब तक कोई आपत्ति नहीं जताई गई है। यह विवाह एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के लिए भी एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आया है, जहां पहचान और प्रेम के अधिकार को खुले तौर पर स्वीकारा गया। सोनिया और प्रेम कुमार की जोड़ी अब उन तमाम लोगों को प्रेरणा दे रही है जो अपने दिल की सुनना तो चाहते हैं, लेकिन समाज के डर से पीछे हट जाते हैं। UP News

प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार

फिलहाल इस विवाह को लेकर प्रशासन की कोई आधिकारिक टिप्पणी सामने नहीं आई है। यदि कानूनी पक्षों की बात करें, तो ट्रांसजेंडर व्यक्ति को अपनी पहचान के अनुरूप विवाह करने का संवैधानिक अधिकार प्राप्त है, लेकिन जमीनी स्तर पर यह आज भी संघर्ष का विषय है। हालांकि समाज इसे आज भी पूरी तरह उचित नहीं मानता है। इसे धर्म और समाज के परंपरागत नियमों के खिलाफ माना जाता है। UP News

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