आगरा में नाम बदलने की पहल तेज़, फतेहाबाद बन सकता है सिंदूरपुरम

UP News : उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में ऐतिहासिक स्थानों के नामों को सांस्कृतिक पहचान देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के फतेहाबाद कस्बे और बादशाही बाग क्षेत्र का नाम बदलने का प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा गया है। यदि इसे उत्तर प्रदेश सरकार से मंजूरी मिलती है, तो फतेहाबाद ‘सिंदूरपुरम’ और बादशाही बाग ‘ब्रह्मपुरम’ के नाम से पहचाने जाएंगे।
सर्वसम्मति से पास हुआ प्रस्ताव
जिला पंचायत की हालिया बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. मंजू भदौरिया द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। अब यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार के समक्ष विचारार्थ रखा गया है। सूत्रों के अनुसार, यह प्रस्ताव स्थानीय जनता की मांग और ऐतिहासिक पुनर्परिभाषा की भावना के आधार पर तैयार किया गया है।
क्यों बदले जा रहे हैं नाम?
प्रस्ताव में फतेहाबाद और बादशाही बाग जैसे नामों को "गुलामी की मानसिकता" से जोड़ा गया है। डॉ. भदौरिया ने बताया कि पहले फतेहाबाद क्षेत्र को 'सामूगढ़' के नाम से जाना जाता था, लेकिन मुगल शासनकाल में इसका नाम बदल दिया गया। ऐसे में अब आवश्यकता महसूस की जा रही है कि इन नामों को भारतीय संस्कृति और गौरव से जोड़ा जाए। 'सिंदूरपुरम' नाम भारतीय पारिवारिक मूल्यों, नारी सम्मान और परंपरा का प्रतीक बताया गया है। वहीं 'ब्रह्मपुरम' नाम को दो महत्त्वपूर्ण प्रतीकों—भगवान ब्रह्मा और ब्रह्मोस मिसाइल—से जोड़ा गया है, जो आध्यात्मिकता और आधुनिक भारत की रक्षा क्षमता को एक साथ दर्शाता है।बोर्ड के एक सदस्य ने बताया कि यह केवल प्रशासनिक निर्णय नहीं है, बल्कि वर्षों से स्थानीय नागरिक इन क्षेत्रों के नामों को बदलने की मांग कर रहे थे। उसी जनभावना को ध्यान में रखते हुए जिला पंचायत ने यह कदम उठाया है। UP News
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UP News : उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में ऐतिहासिक स्थानों के नामों को सांस्कृतिक पहचान देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के फतेहाबाद कस्बे और बादशाही बाग क्षेत्र का नाम बदलने का प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा गया है। यदि इसे उत्तर प्रदेश सरकार से मंजूरी मिलती है, तो फतेहाबाद ‘सिंदूरपुरम’ और बादशाही बाग ‘ब्रह्मपुरम’ के नाम से पहचाने जाएंगे।
सर्वसम्मति से पास हुआ प्रस्ताव
जिला पंचायत की हालिया बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. मंजू भदौरिया द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। अब यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार के समक्ष विचारार्थ रखा गया है। सूत्रों के अनुसार, यह प्रस्ताव स्थानीय जनता की मांग और ऐतिहासिक पुनर्परिभाषा की भावना के आधार पर तैयार किया गया है।
क्यों बदले जा रहे हैं नाम?
प्रस्ताव में फतेहाबाद और बादशाही बाग जैसे नामों को "गुलामी की मानसिकता" से जोड़ा गया है। डॉ. भदौरिया ने बताया कि पहले फतेहाबाद क्षेत्र को 'सामूगढ़' के नाम से जाना जाता था, लेकिन मुगल शासनकाल में इसका नाम बदल दिया गया। ऐसे में अब आवश्यकता महसूस की जा रही है कि इन नामों को भारतीय संस्कृति और गौरव से जोड़ा जाए। 'सिंदूरपुरम' नाम भारतीय पारिवारिक मूल्यों, नारी सम्मान और परंपरा का प्रतीक बताया गया है। वहीं 'ब्रह्मपुरम' नाम को दो महत्त्वपूर्ण प्रतीकों—भगवान ब्रह्मा और ब्रह्मोस मिसाइल—से जोड़ा गया है, जो आध्यात्मिकता और आधुनिक भारत की रक्षा क्षमता को एक साथ दर्शाता है।बोर्ड के एक सदस्य ने बताया कि यह केवल प्रशासनिक निर्णय नहीं है, बल्कि वर्षों से स्थानीय नागरिक इन क्षेत्रों के नामों को बदलने की मांग कर रहे थे। उसी जनभावना को ध्यान में रखते हुए जिला पंचायत ने यह कदम उठाया है। UP News







