मुंबई धमाके का सुप्रीम फैसला, हाईकोर्ट के फैसले पर रोक

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने स्पष्ट किया कि बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को "मिसाल के तौर पर नहीं माना जाएगा"। साथ ही अदालत ने सभी 12 आरोपियों को नोटिस जारी कर चार हफ्ते (एक माह) के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन.के. सिंह की खंडपीठ ने महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर यह आदेश जारी किया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी की, "मैंने पूरी फाइल पढ़ी है। कुछ आरोपी पाकिस्तानी नागरिक भी हैं। इस मामले की गंभीरता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।" गौरतलब है कि सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में 12 आरोपियों को बरी कर दिया था, जिसके बाद नागपुर सेंट्रल जेल से दो आरोपियों को उसी शाम रिहा भी कर दिया गया था। अब सुप्रीम कोर्ट के इस दखल के बाद मामला फिर से कानूनी प्रक्रिया में लौट आया है।अगली खबर पढ़ें
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने स्पष्ट किया कि बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को "मिसाल के तौर पर नहीं माना जाएगा"। साथ ही अदालत ने सभी 12 आरोपियों को नोटिस जारी कर चार हफ्ते (एक माह) के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन.के. सिंह की खंडपीठ ने महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर यह आदेश जारी किया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी की, "मैंने पूरी फाइल पढ़ी है। कुछ आरोपी पाकिस्तानी नागरिक भी हैं। इस मामले की गंभीरता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।" गौरतलब है कि सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में 12 आरोपियों को बरी कर दिया था, जिसके बाद नागपुर सेंट्रल जेल से दो आरोपियों को उसी शाम रिहा भी कर दिया गया था। अब सुप्रीम कोर्ट के इस दखल के बाद मामला फिर से कानूनी प्रक्रिया में लौट आया है।संबंधित खबरें
अगली खबर पढ़ें







