जाट समाज ही नहीं भारत माता के सच्चे सपूत थे बाबा शाहमल तोमर

उत्तर प्रदेश की धरती पर अनेक वीर योद्धाओं ने जन्म लिया है। UP की धरती पर भारत की आजादी की पहली लड़ाई लड़ी गई थी। आजादी की यह पहली जंग उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर से शुरू हुई थी। 10 मई 1857 को मेरठ से शुरू हुई आजादी की पहली जंग को सन् 1857 का पहला विद्रोह भी कहा जाता है।

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calendar04 Aug 2025 07:32 PM
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उत्तर प्रदेश की धरती पर अनेक वीर योद्धाओं ने जन्म लिया है। उत्तर प्रदेश के इन योद्धाओं में सबसे बड़ा नाम है बाबा शाहमल तोमर का नाम। उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव में पैदा हुए बाबा शाहमल तोमर का जन्म जाट समाज में हुआ था। उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरी दुनिया में मौजूद जाट समाज बाबा शाहमल तोमर को अपना हीरो मानता है। भारत माता की आजादी के लिए अंग्रेजों से लड़ते-लड़ते शहीद होने वाले बाबा शाहमल तोमर भारत माता के सच्चे सपूत थे। Uttar Pradesh Samacharउत्तर प्रदेश के बागपत जिले के रहने वाले थे बाबा शाहमल तोमर


उत्तर प्रदेश की धरती पर भारत की आजादी की पहली लड़ाई लड़ी गई थी। आजादी की यह पहली जंग उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर से शुरू हुई थी। 10 मई 1857 को उत्तर प्रदेश के मेरठ से शुरू हुई आजादी की पहली जंग को सन 1857 का पहला विद्रोह भी कहा जाता है। उत्तर प्रदेश में स्थापित बागपत जिला उस समय मेरठ जिले का हिस्सा हुआ करता था। बागपत जिले के छोटे से गाँव बिजरौल के रहने वाले बाबा शाहमल तोमर ने 1857 में अंग्रेजों को छठी का दूध याद दिला दिया था। उत्तर प्रदेश के तमाम किसानों को साथ लेकर अंग्रेजों पर कहर बनकर टूटे थे बाबा शाहमल सिंह तोमर। बाबा शाहमल सिंह तोमर जब तक जीवित रहे तब तक उन्होंने भारत माता को गुलाम बनाने वाले अंग्रेजों को कभी भी चैन से सोने नहीं दिया था।

उत्तर प्रदेश के किसान अमीचंद तोमर के पुत्र थे बाबा शाहमल


बाबा शाहमल के परिचय की बात करें तो बाबा शाहमल सिंह तोमर का जन्म 11 फरवरी 1797 को उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बिजरौल गाँव में हुआ था। बाबा शाहमल सिंह तोमर के पिता जी का नाम अमीचंद तोमर था। बाबा शाहमल सिंह तोमर की माता जी का नाम ध्यानवंती देवी था। माता धनवंती देवी उत्तर प्रदेश के वर्तमान बागपत जिले के हेवा गाँव की बेटी थीं। उनका विवाह बिजरौल गाँव के रहने वाले अमीचंद तोमर के साथ हुआ था। बाबा शाहमल सिंह तोमर इन्हीं महानतम माता-पिता की संतान थे। बाबा शाहमल सिंह तोमर के परिवार की छठी पीढ़ी अभी भी उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बिजरौल गाँव में रहते हैं। बाबा शाहमल सिंह तोमर की छठी पीढ़ी में चौधरी यशपाल सिंह, चौधरी सुखबीर सिंह, मांगेराम, बलजोर, बलवान सिंह तथा करताराम के नाम प्रमुख हैं। पूरे उत्तर प्रदेश में बाबा शाहमल के परिवार को बड़े सम्मान के साथ देखा जाता है। यह अलग बात है कि आजाद भारत की सरकारों ने उत्तर प्रदेश में जन्म भारत माता के लाल बाबा शाहमल सिंह तोमर को पर्याप्त सम्मान कभी नहीं दिया। उत्तर प्रदेश के जाट समाज ने उठाई बाबा शाहमल तोमर को सम्मान देने की मांग

उत्तर प्रदेश में जाट समाज का प्रमुख संगठन अखिल उत्तर प्रदेश जाट महासभा सक्रिय है। उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में हाल ही में अखिल उत्तर प्रदेश जाट महासभा की एक गोष्ठी में बाबा शाहमल तोमर की मूर्ति स्थापित करने की मांग की गई। आपको बता दें कि भारत में अंग्रेजों के विरूद्ध हुई 1857 की क्रांति के नायक बाबा शाहमल तोमर थे। अखिल भारत उत्तर प्रदेश जाट महासभा ने आरोप लगाया कि बाबा शाहमल को पर्याप्त सम्मान नहीं दिया गया है। गोष्ठी में अखिल उत्तर प्रदेश जाट महासभा ने कहा कि जाट महासभा चौधरी अमन सिंह के नेतृत्व में मांग करती है कि मेरठ में किसी उचित स्थान पर बाबा शाहमल की प्रतिमा स्थापित की जाए और मेरठ में उनके नाम का द्वार भी बनाया जाए। गोष्ठी में कहा गया कि भारत माता के वीर सपूत बाबा शाहमल का जीवन प्रेरणादाई है उनका बलिदान युगो तक अमर रहेगा देश के युवाओं को यह जानना चाहिए कि भारत की आजादी के लिए क्रांतिकारियों ने कितना बलिदान किया है वह हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। जिन्होनें देश की आजादी के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी अपना सर्वोच बलिदान किया इतिहास में उन्हें जगह ना मिले इसे सही नहीं ठहराया जा सकता है। इस अवसर पर अखिल उत्तर प्रदेश जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी अमन सिंह, चौधरी कल्याण सिंह, मीडिया प्रभारी गजेंद्र सिंह पायल, डी.के. बालियान सेवानिवृत्त डिप्टी एसपी, सुभाष लोहरी, विजेंद्र सिंह तोमर, एसपी सिंह तोमर, प्रमोद कुमार सागवान, विकास राणा सहित बड़ी सांख्य में उत्तर प्रदेश के लोग मौजूद थे। Uttar Pradesh Samacharयह भी पढ़े:VIP एरिया में भी चेन स्नैचिंग! कांग्रेस MP सुधा रामकृष्णन बनी शिकारउत्तर प्रदेश की बड़ौत तहसील पर बोला था बाबा शाहमल ने हमला

उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर से 1857 का विद्रोह शुरू हुआ था। यह विद्रोह उत्तर प्रदेश के मेरठ में 10 मई 1857 को शुरू किया गया था। इस विद्रोह के ठीक दो दिन बाद यानि 12 मई 1857 को बाबा शाहमल सिंह के नेतृत्व में जाति, बिरादरी के बंधनों को तोडक़र हजारों किसानों और आम लोगों ने उत्तर प्रदेश की बड़ौत तहसील पर हमला बोल दिया। यहां मौजूद अंग्रेज अधिकारियों व सैनिकों को मार भगाते हुए बाबा शाहमल सिंह ने बड़ौत तहसील पर उस समय के आजादी के प्रतीक ध्वज को फहराते हुए तहसील पर कब्जा कर लिया। बड़ौत तहसील से अंग्रेजी धन को लूटकर इसे अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर की मदद के लिए दिल्ली भिजवाया। बाबा शाहमल सिंह के सहयोगी मेहताब खां व बागपत के तत्कालीन थानेदार वजीर खां के माध्यम से बहादुर शाह जफर से मिलने बागपत जनपद का प्रतिनिधि मंडल दिल्ली गया। प्रतिनिधिमंडल से मिलने के बाद बहादुर शाह जफर ने बाबा शाहमल सिंह को बड़ौत तहसील का सूबेदार घोषित कर दिया। इसके बाद अंग्रेजी हुकुमत से लड़ते हुए उन्होंने दो माह तक बड़ौत तहसील पर अपना शासन चलाया था।Uttar Pradesh Samacharउत्तर प्रदेश में किसानों की सेना का नेतृत्व किया बाबा शाहमल ने

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बड़ौत कस्बे के निकटवर्ती गांव बिजरौल के निवासी बाबा शाहमल सिंह ने देशखाप चौरासी मुखिया चौधरी श्यो सिंह के आह्वान पर इस क्षेत्र में क्रांति की बागडोर संभाली और गांव-गांव घूम कर आजादी की चेतना पैदा की। उनकी जोशीली बातों से यहां का आमजन अंग्रेजी हुकूमत को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए प्रेरित हुआ। विभिन्न जाति-बिरादरी के मुखियाओं ने अपने-अपने समुदाय को क्रांति में शामिल होने के लिए प्रेरित करने की जिम्मेदारी ली। उनके सम्मिलित प्रयासों से 8000 साधारण किसानों की सेना का गठन हुआ जो उस युग की एक असाधारण घटना थी। इस सेना के मुखिया की जिम्मेदारी बाबा शाहमल के पास थी। बाबा शाहमल सिंह तोमर के नेतृत्व में ऐसे यौद्धा भी शामिल थे जिन्हें लड़ाई का कोई प्रशिक्षण नहीं था। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश के हर नागरिक ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ी गई लड़ाई में बाबा शाहमल सिंह तोमर का साथ दिया। बाबा शाहमल तोमर की सेना गौरिल्ला युद्ध करने में माहिर थी। अंग्रेजों के घुडसवार जब भी किसी रास्ते को गुजरते, जंगलों में छिपे क्रांतिकारी उन पर हमला बोलकर उनकी रसद, हथियार लूट लिया करते थे। Uttar Pradesh Samachar 

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यूपी में रक्षाबंधन पर महिलाओं को योगी सरकार का तोहफा, 3 दिन मिलेगी ये सुविधा

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की माताओं-बहनों को एक खास सौगात दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उच्च स्तरीय बैठक में इसका ऐलान किया। उन्होने कहा कि प्रदेश में इस बार रक्षाबंधन के मौके पर महिलाओं के लिए यूपी रोडवेज की बसों में महिलाओं के लिए एक विशेष तोहफा दिया गया है।

Rakhi yogi
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calendar04 Aug 2025 06:45 PM
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रक्षाबंधन के पावन अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य की माताओं-बहनों को एक खास सौगात दी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उच्च स्तरीय बैठक में इसका ऐलान किया। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश में इस बार रक्षाबंधन के मौके पर महिलाओं के लिए यूपी रोडवेज की बसों में महिलाओं के लिए एक विशेष तोहफा दिया गया है। उत्तर प्रदेश की महिलाओं के लिए योगी सरकार का यह तोहफा काफी राहत लेकर आया है। Uttar Pradesh Samachar : कब से कब तक मुफ्त सफर?


उत्तर प्रदेश के सीएम के निर्देश के अनुसार, रक्षाबंधन त्योहार के उपलक्ष्य में 8 अगस्त सुबह 6 बजे से 10 अगस्त रात 12 बजे तक महिलाएं राज्य के भीतर यूपीएसआरटीसी (रोडवेज) और नगरीय बस सेवाओं में फ्री यात्रा का लाभ उठा सकेंगी। यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि महिलाएं भाई-बहन के इस पर्व को आसानी और सुरक्षा के साथ मना सकें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि रक्षाबंधन के दौरान जाम की स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध किए जाएं। इस दौरान शहरी और ग्रामीण रूटों पर पर्याप्त संख्या में बसें चलाई जाएंगी।

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। संवेदनशील रूटों पर पेट्रोलिंग बढ़ाई जाएगी, ताकि बहनें निडर होकर अपने गंतव्यों तक पहुंच सकें। योगी सरकार पहले भी त्योहारों के अवसर पर महिलाओं के लिए ऐसी सुविधाएं देती रही है। रक्षाबंधन पर फ्री यात्रा की परंपरा अब एक सकारात्मक उदाहरण बन चुकी है, जिससे महिलाओं को सामाजिक और भावनात्मक रूप से जोड़ने का प्रयास होता हैUttar Pradesh Samachar : 

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A फॉर अखिलेश, M से मुकदमा ! बच्चों को सियासत पढ़ाना पड़ा महंगा

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है जहां एक समाजवादी नेता द्वारा बच्चों को 'राजनीतिक ABCD सिखाने का वीडियो सामने आने के बाद मामला गरमा गया है। बच्चों को “A फॉर अखिलेश”, “D फॉर डिंपल”, “M फॉर मुलायम” जैसी परिभाषाएं पढ़ाने को लेकर नेता फरहाद आलम गाडा पर FIR दर्ज की गई है।

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calendar02 Dec 2025 04:34 AM
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राजनीति और शिक्षा के टकराव का नया अध्याय उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से सामने आया है, जहां एक समाजवादी नेता द्वारा बच्चों को 'राजनीतिक ABCD सिखाने का वीडियो सामने आने के बाद मामला गरमा गया है। बच्चों को “A फॉर अखिलेश”, “D फॉर डिंपल”, “M फॉर मुलायम” जैसी परिभाषाएं पढ़ाने को लेकर नेता फरहाद आलम गाडा पर FIR दर्ज की गई है। वीडियो के सामने आने के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का सिलसिला भी तेज हो गया है। Uttar Pradesh Samachar

क्या है पूरा मामला?

सहारनपुर के रामनगर क्षेत्र में स्थित समाजवादी पार्टी के नेता फरहाद गाडा के आवास पर एक पीडीए पाठशाला चलाई जा रही थी। एक वायरल वीडियो में कुछ स्कूली बच्चे यूनिफॉर्म पहने दिखाई दे रहे हैं और उन्हें समाजवादी पार्टी से जुड़े नेताओं के नामों से अल्फाबेट सिखाया जा रहा है। शिकायतकर्ता मेन सिंह ने कल्लरपुर गुर्जर गांव थाने में शिकायत दी, जिसमें आरोप लगाया गया कि यह पाठशाला बच्चों की शिक्षा को राजनीतिक रंग देने का प्रयास है। इसी आधार पर सहारनपुर पुलिस ने गाडा पर एफआईआर दर्ज कर ली है। एसपी सिटी व्योम बिंदल ने बताया कि मामला गंभीर है क्योंकि इसमें शिक्षा का दुरुपयोग कर बच्चों पर राजनीतिक प्रभाव डालने की कोशिश की गई है।

यह भी पढ़े:दिशोम गुरु नहीं रहे ! झारखंड ने खोया अपना संघर्षशील सपूतअखिलेश यादव ने साधा निशाना

FIR दर्ज होने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा: पढ़ाई के लिए तो अंग्रेजों ने भी एफआईआर नहीं की थी। भाजपा का शिक्षा-विरोधी चेहरा अब जनता के सामने आ गया है। अब भाजपा हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। यह कार्रवाई निंदनीय है। इस विवाद में फरहाद गाडा ने खुद को निर्दोष बताते हुए सफाई दी कि ‘पीडीए पाठशाला’ का मकसद केवल वर्णमाला सिखाना नहीं, बल्कि बच्चों को संविधान, सामाजिक न्याय और समाजवादी आंदोलन के महान नेताओं से परिचित कराना था। उन्होंने यह भी कहा कि वे ऐसी पाठशालाएं पूरे जिले में खोलने की योजना बना रहे हैं ताकि “बच्चों को वैचारिक रूप से जागरूक बनाया जा सके।

कानपुर और भदोही में भी बढ़ा विवाद

फरहाद गाडा अकेले नहीं हैं। कानपुर के बिल्हौर ब्लॉक में समाजवादी पार्टी की नेता रचना सिंह गौतम पर भी इसी तरह की "अनधिकृत पाठशाला" चलाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। यह पाठशाला एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय के बाहर आयोजित की गई थी। भदोही में भी एक अन्य सपा नेता समेत एक दर्जन से अधिक लोगों पर केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि कम नामांकन वाले सरकारी स्कूलों के विलय के विरोध में इन नेताओं ने स्कूली बच्चों को आंदोलन में शामिल किया। Uttar Pradesh Samachar