Tuesday, 26 November 2024

UP Election Result 2022 : भाजपा ने बिगाड़े समीकरण, मुस्लिम-यादव वोट बैंक में लगाई सेंध

UP Election Result 2022 : उत्तर प्रदेश में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव (UP Election Result) में भाजपा को पूर्ण बहुमत…

UP Election Result 2022 : भाजपा ने बिगाड़े समीकरण, मुस्लिम-यादव वोट बैंक में लगाई सेंध

UP Election Result 2022 : उत्तर प्रदेश में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव (UP Election Result) में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला है। इस चुनाव (UP Election Result) में न केवल जातीय समीकरण बदल गए हैं, बल्कि सालों से चले आ रहे मिथक भी भाजपा ने तोड़ दिए हैं। इस चुनाव में भाजपा ने न केवल सपा के मुस्लिम और यादव वोट बैंक में सेंधमारी की है, बल्कि बसपा के दलित वोट बैंक पर भी कब्जा किया है। जाट और ब्राह्मण बाहुल्य इलाकों में भी भाजपा ने इस चुनाव में अपना दबदबा बनाया है।

UP Election Result 2022

यहां हम बात करेंगे यूपी की पांच ऐसी जातियों की, जिनकी भागेदारी ने भाजपा को एक बार फिर से सत्ता में पहुंचाया है। सबसे पहले बात करते हैं सहारनपुर शहर सीट की। यह सीट मुस्लिम बाहुल्य मानी जाती है। इस सीट पर सपा के प्रत्याशी ही विजयी होते रहे हैं। 2017 के चुनाव में सपा के संजय गर्ग ने इस सीट पर विजयी हासिल की थी, क्योंकि उन्हें मुस्लिम वोट जमकर पड़ा था। 2022 के चुनाव में अब भाजपा के राजीव गुंबर ने इस सीट पर जीत दर्ज की है। माना जा रहा है कि मुसलमान मतदाताओं में पुुरुषों ने भले ही भाजपा के पक्ष के मतदान न किया हो, लेकिन मुस्लिम महिला मतदाताओं ने कमल के फुल को ही चुना।

उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण वोट बैंक की बात करें तो करीब 14 ब्राह्मण मतदाता है। यूपी की 115 सीटों पर ब्राह्मण मतदाता ही हार जीत तय करते हैं। 2017 में योगी सरकार आने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ पर ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप लगने लगा था। 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद विपक्ष ने सीएम योगी पर ब्राह्मण विरोधी होने का ठप्पा भी लगा दिया था। यही नहीं पार्टी के कुछ ब्राह्मण विधायकों ने भी इस मुद्दे पर सरकार से सवाल तक किया। चुनाव से पहले विपक्ष ने इसी ब्राह्मण वोट बैंक को लुभाने के लिए तमाम वादे किए, लेकिन 10 ब्राह्मण बाहुल्य विधानसभा सीटों का नतीजा बता रहा है कि ब्राह्मण योगी सरकार से नाराज नहीं था।

UP Result 2022
UP Result 2022

साहिबाबाद सीट पर करीब 1.59 लाख की आबादी ब्राह्मणों की है। इस सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। इसी प्रकार लखनऊ कैंट में 1.50 लाख की आबादी है और यहां से भाजपा ने जीत दर्ज की है। कल्याणपुर सीट, सहजनवां, कटरा बाजार, सरोजिनी नगर, चिल्लूपार, तरबंगज, मेहनोन ऐसी सीट है, जहां पर ब्राह्मण मतदाता एक सवा लाख से ज्यादा है। इन सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। हंडिया सीट पर भी एक लाख से ज्यादा ब्राह्मण हैं, यहां इस इस चुनाव में सपा प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है।

उत्तर प्रदेश के टॉप 10 ठाकुर बाहुल्य सीट

योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनते ही उन पर ठाकुर नेताओं और अफसरों को शह देने का आरोप लगा। यही नहीं, जब प्रदेश में माफियाओं को खत्म करने के लिए बुलडोजर और ताबड़तोड़ एनकाउंटर हो रहे थे तब ठाकुर माफियाओं को बचाने का भी उन पर आरोप लगा। जिलों में और थानों में ठाकुर अफसरों की पोस्टिंग के भी आरोप लगे। दरअसल, ठाकुर वर्ग ओपिनियन मेकर माने जाते हैं। 2022 चुनावों में स्थिति उलट थी। लगभग सभी विपक्षी दलों ने ठाकुर नेताओं को बहुत कम संख्या में टिकट दिए। जिसका नतीजा यह रहा कि 2022 चुनाव में ठाकुर बाहुल्य टॉप टेन सीट पर भाजपा ने ही विजय पताका फहराई। प्रदेश में लगभग 6 से 7 प्रतिशत ठाकुर वोट बैंक है।

प्रदेश की एत्मादपुर, खुर्जा, बाह, खैरागढ़, सिकंदरा राऊ, बरौली, गोवर्धन, छर्रा सीटों पर ठाकुर मतदाताओं की संख्या 80 हजार से एक लाख के करीब है, जिन पर भाजपा प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। इसके अलावा कापली और बैरिया सीट पर सपा प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। इन दोनों सीटों पर ठाकुर मतदाताओं की संख्या 80.80 हजार है।

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टॉप 10 यादव बाहुल्य सीट

प्रदेश में 9 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली यादव जाति पिछड़ा वर्ग में 20 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखती है। इस वोट बैंक पर मुलायम परिवार का प्रभाव माना जाता है। टॉप टेन यादव बाहुल्य सीटों के नतीजों को देखे तो वहां 8 सीटों पर सपा ने झंडा फहराया है। यह सभी जिले लगभग इटावा और उसके आसपास की ही हैं।

गुन्नौर में 1.80 लाख, जसवंत नगर में 1.40 लाख, जसराना में 1.30 लाख, करहल में 1.25 लाख, सिरसागंज में 1.20 लाख, प्रतापपुर में 1 लाख, मल्हनी में 90 हजार यादव मतदाता है। इन सभी सीटों पर सपा प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है, जबकि 90.90 हजार यादवों वाली छिबरामऊ तथा बख्शी का तालाब सीट पर भाजपा प्रत्याशी जीते हैं। कायमगंज में 75 हजार यादव मतदाता है, जहां पर अपना दल एस के प्रत्याशी जीते हैं।

टॉप 10 जाट बाहुल्य सीट

प्रदेश में 6 से 7 प्रतिशत जाट वोट बैंक है। जबकि पश्चिमी यूपी में इनकी तादाद 17 प्रतिशत के आसपास है। राज्य की 120 विधानसभा सीटों पर इनका असर माना जाता है। किसान आंदोलन के बाद जिस तरह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट बाहुल्य इलाकों के किसान एकजुट हुए थे। उससे माना जा रहा था कि इस वोट बैंक से भाजपा को बड़ा झटका देगा। बहरहाल, मुजफ्फरनगर दंगों के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जो जातीय समीकरण टूटे थे। वह विपक्ष के लाख प्रयासों के बाद भी जुड़ नहीं सके। टॉप जाट बाहुल्य सीटों के नतीजे बता रहे हैं कि भाजपा से जाट वोटर नाराज नहीं था।

फतेहपुर सीकरी में 1.10 लाख, खैर में 1.8 लाख, मथुरा में 1.1 लाख, छाता में 1 लाख, मांट में 1 लाख, बलदेव में 97 हजार, इगलास में 92 हजार, सादाबाद में 90 हजार, बड़ौत में 80 हजार जाट मतदाता है। इन सभी सीटों पर भी भाजपा ने विजय दर्ज की है। जबकि 75 हजार जाट वाली बुढ़ाना सीट पर रालोद प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है।

UP Election Result 2022
UP Election Result 2022

टॉप 10 मुस्लिम बाहुल्य सीट

उत्तर प्रदेश में 20 प्रतिशत आबादी मुस्लिमों की है। इस वर्ग में भाजपा सरकार को लेकर काफी नाराजगी रही है। सीएए और एनआरसी को लेकर हुए दंगों में यूपी के 20 से ज्यादा मुस्लिम युवकों की जान चली गई थी। कई दिनों तक दिल्ली से लेकर यूपी के कई शहरों में आंदोलन चला था। इसका असर भी चुनावी नतीजों में दिख रहा है। मुस्लिम बाहुल्य दस सीटों पर सपा का ही परचम लहरा रहा है।

सहारनपुर नगर पर 1.68 लाख तथा धौलाना सीट पर 1.75 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। इन दोनों सीटों पर इस बार भाजपा प्रत्याशी ने विजय दर्ज की है। संभल में 2.5 लाख, कुंदरकी में 2.20 लाख, मुरादाबाद देहात में 2.5 लाख, मुरादाबाद शहर में 2 लाख, स्वार में 1.82 लाख, मटेरा में 1.80 लाख, अमरोहा में 1.78 लाख तथा चमरौआ में 1.70 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। इन सीटों पर सपा प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है।

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