UP Elections 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Elections) में भारतीय जनता पार्टी को महिला मतदाताओं का भारी समर्थन मिला। (UP Elections) इस वजह से भाजपा को बड़ी बढ़त मिल गई। एक सर्वे रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक सहयोगी दलों को बाहर करने पर भाजपा को पूरे चुनाव में 41.3 फीसदी वोट मिले वहीं, समाजवादी पार्टी को 32.1 फीसदी वोट मिले। कुल मिलाकर यह अंतर 9 प्रतिशत से अधिक है। इस अंतर में महिला मतदाताओं का सबसे ज्यादा योगदान है। हालांकि इसका असर सपा के प्रदर्शन पर भी पड़ा और मुस्लिम मतों का ध्रुवीकरण सपा के पक्ष में हो गया।
UP Elections 2022
भाजपा को जिताने में महिलाओं की अहम भूमिका रही है। एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा को महिलाओं का 16 फीसदी से ज्यादा वोट मिला। दिलचस्प बात यह है कि भाजपा को मिले वोटों में से महिलाओं का वोट ज्यादा था। समाजवादी पार्टी एकमात्र ऐसी पार्टी थी जिसे महिलाओं की तुलना में पुरुषों के अधिक वोट मिले। 51 फीसदी जाट महिलाओं और 42 फीसदी जाट पुरुषों ने भाजपा को वोट दिया। वहीं 38 फीसदी जाट महिलाओं ने सपा को वोट दिया।
भाजपा-सपा गठबंधन को जो लाभ हुआ है, वह पूरी तरह से बसपा और कांग्रेस के लिए भारी नुकसान के कारण है। किसान आंदोलन से सपा गठबंधन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा को कड़ी टक्कर देने में सफल रहा। हालांकि जहां भाजपा की पकड़ मजबूत थी, वहां विपक्ष उसे हिला नहीं पाया।
रिपोर्ट के मुताबिक, मुस्लिम बहुल इलाकों में 82 फीसदी मुस्लिम वोट और यादव बहुल इलाकों में 83 फीसदी मुस्लिम वोट समाजवादी पार्टी को गए। हाल के दिनों में मुस्लिम वोटों का कभी ध्रुवीकरण नहीं हुआ। हालांकि, भाजपा को यादव, गैर-यादव ओबीसी का एक बड़ा हिस्सा मिला।
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आंकड़ों के मुताबिक, 67 फीसदी गैर-यादव ओबीसी ने बीजेपी को वोट दिया। समाजवादी पार्टी को ऐसे वोटों का केवल 20 प्रतिशत ही मिला। इस वर्ग की जनसंख्या पूरे राज्य में सबसे अधिक है।
बसपा को एक बार फिर मायावती के पारंपरिक जाटव वोट बैंक का 63 फीसदी हिस्सा मिला है वहीं, भाजपा को इस हिस्से से 20 फीसदी वोट मिल सके। साथ ही भाजपा को गैर जाटव दलितों का बड़ा वोट मिला। आंकड़ों के मुताबिक भाजपा को इस वर्ग के 53 फीसदी वोट मिले।
सवर्ण वोट बैंक का एक बड़ा हिस्सा भाजपा के पक्ष में रहा। 70 फीसदी ब्राह्मणों और 72 फीसदी राजपूतों ने भाजपा को वोट दिया। यादवों और मुसलमानों के अलावा सपा को किसी भी वर्ग के 50 फीसदी से ज्यादा वोट नहीं मिले।
उत्तर प्रदेश में 2017 जैसा प्रदर्शन दोहराते हुए भाजपा ने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में अपनी पकड़ बनाए रखी। पार्टी का वोट शेयर पिछली बार के 41.3 फीसदी से बढ़कर 44 फीसदी हो गया। हालांकि, ओबीसी पर समाजवादी पार्टी और उसके सहयोगियों का वोट शेयर भी 24.3 फीसदी से बढ़कर 36.5 फीसदी हो गया।
रालोद-सपा गठबंधन को जो फायदा मिला है, वह पूरी तरह से बसपा और कांग्रेस को भारी नुकसान के कारण हुआ है। किसान आंदोलन के चलते सपा गठबंधन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा को कड़ी टक्कर देने में सफल रहा। लेकिन जहां भाजपा की मजबूत पकड़ थी, वहां विपक्ष उसे हिला नहीं पाया। भाजपा ने शहरी इलाकों में अच्छा प्रदर्शन किया, जहां उसे 53.5 फीसदी वोट मिले।