Gujarat News : अच्छे कपड़े और चश्मा पहनने पर दलित मां बेटे की पिटाई

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Dalit mother son beaten up for wearing nice clothes and glasses
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 06:01 PM
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पालनपुर। गुजरात के बनासकांठा जिले के एक गांव में एक दलित व्यक्ति के अच्छे कपड़े पहनने और चश्मा लगाने से ऊंची जाति के कुछ लोग नाराज हो गए। उन्होंने उस व्यक्ति और उसकी मां पर हमला कर दिया। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। मंगलवार की रात पालनपुर तालुका गांव में हुई घटना पुलिस ने बताया कि घटना मंगलवार रात पालनपुर तालुका के मोटा गांव में हुई। पीड़ित और उसकी मां का वर्तमान में एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। पीड़ित की मां पर भी आरोपियों द्वारा हमला किया गया। पीड़ित जिगर शेखालिया द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने उसकी और उसकी मां की पिटाई की, क्योंकि वे उसके अच्छे कपड़े पहनने और चश्मा लगाने से नाराज थे।

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इन दिनों बहुत ऊंचा उड़ रहा है शिकायत में कहा गया है कि मंगलवार सुबह पीड़ित अपने घर के बाहर खड़ा था तो सात आरोपियों में से एक उसके पास आया। उसने पीड़ित को गाली दी और जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि वह इन दिनों बहुत ऊंचा उड़ रहा है। पुलिस ने बताया कि उसी रात जब शिकायतकर्ता गांव के एक मंदिर के बाहर खड़ा था तो समुदाय के छह आरोपी (राजपूत उपनाम) उसकी ओर आए। हाथ में लाठी लिए हुए आरोपियों ने उससे पूछा कि उसने कपड़े क्यों पहने और चश्मा क्यों लगाया। फिर उन्होंने उसकी पिटाई की और उसे डेयरी पार्लर के पीछे खींच कर ले गए।

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बेटे को बचाने आई मां को भी पीटा, कपड़े फाड़े पुलिस ने शिकायत का हवाला देते हुए बताया कि जब उसकी मां उसे बचाने के लिए दौड़ी तो उसके साथ भी उन लोगों ने मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने उसकी मां के भी कपड़े फाड़ दिए। उन्होंने बताया कि सात आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत दंगा, गैर-कानूनी रूप से इकट्ठा होने, एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने, स्वेच्छा से चोट पहुंचाने, अपमानजनक भाषा का उपयोग करने आदि के तहत गढ़ पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया। घटना के संबंध में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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New Delhi News : अपने रिश्तों को हिमालय जितनी ऊंचाई देने के लिए करेंगे काम : मोदी

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Will work to give our relations as high as the Himalayas: Modi
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:55 AM
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नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने नेपाली समकक्ष पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ के साथ व्यापक वार्ता के बाद कहा कि भारत और नेपाल अपने द्विपक्षीय संबंधों को हिमालयी ऊंचाइयों पर ले जाने और सीमा मुद्दे सहित सभी मामलों को इसी भावना के साथ हल करने का प्रयास करेंगे।

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दोनों नेताओं ने किया परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास बैठक के बाद मीडिया को दिए बयान में मोदी ने कहा कि उन्होंने और प्रचंड ने भविष्य में दोनों देशों के बीच साझेदारी को सुपर हिट बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। वार्ता के बाद मोदी और प्रचंड ने संयुक्त रूप से कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की शुरुआत की। उन्होंने कई योजनाओं का उद्घाटन और कुछ का शिलान्यास भी किया। दोनों पक्षों ने सीमा पार पेट्रोलियम पाइपलाइन के विस्तार, एकीकृत जांच चौकियों के विकास और पनबिजली में सहयोग बढ़ाने सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए सात समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए। दोनों नेताओं ने भारत के रुपईडीहा और नेपाल के नेपालगंज में एकीकृत जांच चौकियों का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया। उन्होंने बिहार के बथनाहा से नेपाल कस्टम यार्ड के लिए एक मालवाहक रेलगाड़ी को भी हरी झंडी दिखाई। 10 वर्षों में नेपाल से 10,000 मेगावाट बिजली का आयात का लक्ष्य प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तीन आईसीपी (इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट) के निर्माण से संपर्क सुदृढ़ होगा। पिछले वर्ष हमने बिजली क्षेत्र में सहयोग के लिए एक ऐतिहासिक दृष्टिपत्र दस्तावेज अपनाया था। इसे आगे बढ़ाते हुए आज भारत औऱ नेपाल के बीच दीर्घकालीन बिजली व्यापार समझौता किया गया है। इसके अंतर्गत हमने आने वाले 10 वर्षों में नेपाल से 10,000 मेगावाट बिजली का आयात करने का लक्ष्य रखा है। मोतिहारी अमलेहगंज पाइपलाइन के सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए इस पाइपलाइन को चितवन तक ले जाने का निर्णय किया गया है। इसके अलावा, सिलीगुड़ी से पूर्वी नेपाल में झापा तक और एक नई पाइपलाइन भी बिछाई जाएगी। साथ साथ चितवन और झापा में नए स्टोरेज टर्मिनल भी लगाए जाएंगे।

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हमारी साझेदारी वास्तव में हिट रही मोदी ने कहा कि उन्हें नौ साल बाद यह कहते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि हमारी साझेदारी वास्तव में हिट रही है। भारत और नेपाल के धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध बहुत पुराने और मजबूत हैं। इस सुन्दर कड़ी को और मजबूती देने के लिए प्रधानमंत्री प्रचंड और मैंने निश्चय किया है कि रामायण सर्किट से संबंधित परियोजनाओं में तेजी लाई जानी चाहिए।

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मोदी और प्रचंड ने की प्रगति की व्यापक समीक्षा प्रचंड ने अपनी टिप्पणियों में कहा कि उन्होंने और मोदी ने संबंधों में प्रगति की व्यापक समीक्षा की और संबंधों एवं सहयोग को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। नेपाली प्रधानमंत्री ने कहा कि वह मोदी की पड़ोस पहले की नीति की सराहना करते हैं। नेपाल और भारत के बीच संबंध सदियों पुराने और बहुआयामी हैं। यह संबंध एक तरफ सभ्यतागत, सांस्कृतिक और सामाजिक-आर्थिक संबंधों की समृद्ध परंपरा से निर्मित ठोस नींव पर खड़ा है तो दूसरी तरफ संप्रभु समानता, आपसी सम्मान, समझ और सहयोग के समय की कसौटी पर खरे उतरे सिद्धांत के प्रति दोनों देशों की दृढ़ प्रतिबद्धता पर। दोनों पक्षों ने व्यापार, ट्रांजिट, निवेश, पनबिजली, बिजली व्यापार, सिंचाई, बिजली पारेषण लाइन, पेट्रोलियम पाइपलाइन के विस्तार, एकीकृत जांच चौकी और भूमि और हवाई संपर्क सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।

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भारत के पांच राज्यों से सीमा साझा करता है नेपाल नेपाली नेता चार दिवसीय यात्रा पर बुधवार को यहां पहुंचे। नेपाल, क्षेत्र में अपने समग्र रणनीतिक हितों के संदर्भ में भारत के लिए महत्वपूर्ण है और दोनों देशों के नेताओं ने अक्सर सदियों पुराने ‘रोटी-बेटी’ संबंधों पर ध्यान दिया है। यह दोनों देशों के लोगों के बीच ब्याह शादी के रिश्तों को संदर्भित करता है। नेपाल पांच भारतीय राज्यों- सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ 1,850 किलोमीटर से अधिक सीमा साझा करता है। चारों ओर से जमीन से घिरा नेपाल वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन के लिए भारत पर बहुत अधिक निर्भर करता है। समुद्र तक नेपाल की पहुंच भारत के माध्यम से है और वह भारत से तथा उससे होते हुए अपनी आवश्यकताओं का एक प्रमुख अनुपात आयात करता है। साल 1950 की भारत-नेपाल शांति और मैत्री संधि दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों का आधार है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Jammu and Kashmir : कश्मीर के आतंरिक इलाकों से अभी सेना की वापसी का समय नहीं : औजला

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Now is not the time to withdraw the army from the interior areas of Kashmir: Aujla
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Jun 2023 09:46 PM
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श्रीनगर। कश्मीर की स्थिति में पिछले कुछ वर्षों में काफी सुधार हुआ है, लेकिन घाटी के आतंरिक इलाकों से सेना की वापसी का समय अभी नहीं आया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां यह जानकारी दी।

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34 वर्षों में सबसे कम है आतंकियों की सक्रियता चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस औजला ने विशेष साक्षात्कार में बताया कि घाटी में सक्रिय आतंकियों की संख्या पिछले 34 वर्षों में सबसे कम है। औजला ने कहा कि इंशाअल्लाह, लेकिन मुझे लगता है कि वह समय अभी नहीं आया है। इससे पहले कि हम कोई फैसला लें, हमें अभी भी बहुत सारी अच्छी चीजें होती हुई देखनी हैं। मैं खुद किसी समय सीमा पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा और न ही मैं यह कहूंगा कि यह गलत समय है या सही समय है। जीओसी ने कहा कि कश्मीर की समृद्धि और तरक्की सुनिश्चित करने के लिए सरकार की योजनाओं में सेना सिर्फ एक उपकरण है। उन्होंने कहा कि हम राज्य प्रशासन और अन्य एजेंसियों के साथ सामूहिक रूप से काम करेंगे, ताकि हम निर्णय लेने से पहले कश्मीर को बेहतर स्थिति में देख सकें। यह एक राष्ट्रीय आह्वान है और इस बारे में फैसला सही समय पर उचित तरीके से लिया जायेगा।

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तीन दशक में बहुत सी चीजें सही हुईं हैं उस समय जब वह एक युवा अधिकारी के रूप में करीब 30 साल पहले घाटी आए थे, तब से अब की स्थिति की तुलना के सवाल पर जीओसी ने कहा कि अब चीजें सही हुई हैं। हम जब पीछे मुड़कर तब की स्थिति पर गौर करते हैं, जब मैं पहली बार यहां आया था, तो चीजें सही नहीं थी और उन्हें नियंत्रित करना था। आज, मैं पूरी ईमानदारी के साथ कह सकता हूं कि पिछले 30 वर्षों में, और विशेष रूप से अगस्त 2019 से पिछले तीन, साढ़े तीन वर्षों में, चीजें सही हुई हैं। अधिकारी ने कहा कि कश्मीर में अनेक बलिदान और कड़ी मेहनत के बाद सामान्य स्थिति और शांति हासिल हुई है। खुद एक सैनिक होने के नाते, मुझे लगता है कि यह वह जगह है जहां सैनिकों के बलिदान, इतनी सारी एजेंसियों के बलिदान, प्रशासन और लोगों के प्रयासों से स्थिति में बदलाव आया है।

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अब बहुत प्रयास की जरूरत उन्होंने कहा कि यह एक क्रमिक प्रक्रिया है, जो पिछले कई वर्षों से चली आ रही है और अभी भी बहुत प्रयास किये जाने की जरूरत है। यह पूछे जाने पर कि क्या दक्षिण कश्मीर में आतंकवादियों की मौजूदगी चिंता का कारण है, उन्होंने कहा कि आतंकवादियों की कुछ मौजूदगी थी लेकिन चुनौती उन्हें बाहर खदेड़ने की है। बड़ी घटनाओं के दौरान आतंकवादियों की हमला करने की क्षमता पर एक सवाल के जवाब में, लेफ्टिनेंट जनरल औजला ने कहा कि सुरक्षा बल किसी भी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बहुत अच्छी स्थिति में हैं।