"बादशाह कहने वाला औरंगजेब आज इतिहास में गुम" लखनऊ से सीएम योगी का बड़ा संदेश
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक संदर्भों के जरिए औरंगजेब पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जो खुद को “हिंदुस्तान का बादशाह” कहता था, आज उसकी कब्र तक पर पूछने वाला कोई नहीं और गुरु तेगबहादुर जी को चुनौती देना उसकी बड़ी भूल थी।

UP News : वीर बाल दिवस और श्री गुरु तेगबहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष के मौके पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित 5, कालिदास मार्ग शुक्रवार को श्रद्धा और इतिहास-बोध का केंद्र बन गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित शबद-पाठ व कीर्तन समागम में सिख गुरुओं और साहिबजादों के अद्वितीय बलिदान को नमन किया। कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को माथे लगाकर प्रणाम करने से की, फिर शबद-कीर्तन के बीच साहिबज़ादों की अमर शहादत की गाथा सुनी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक संदर्भों के जरिए औरंगजेब पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जो खुद को “हिंदुस्तान का बादशाह” कहता था, आज उसकी कब्र तक पर पूछने वाला कोई नहीं और गुरु तेगबहादुर जी को चुनौती देना उसकी बड़ी भूल थी। योगी ने कहा कि इतिहास उसी को याद रखता है, जिसके भीतर त्याग और बलिदान की लौ जलती है; सिख गुरुओं की परंपरा भारत की भक्ति और शक्ति की जीवंत मिसाल है।
सीएम आवास पर हुआ कीर्तन समागम
लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर हुए इस आयोजन में कीर्तन प्रस्तुत करने वाले बच्चों को पटका पहनाकर सम्मानित किया गया और उन्हें पुरस्कार भी प्रदान किए गए। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ‘छोटे साहिबजादे’ नामक पुस्तिका का भी विमोचन किया, जिसे नई पीढ़ी तक शौर्य और शहादत का संदेश पहुंचाने की दिशा में अहम पहल बताया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के चारों साहिबजादों बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के शहीदी दिवस को वीर बाल दिवस के रूप में मनाना, देश के लिए उनके स्वदेश और स्वधर्म हेतु दिए गए सर्वोच्च बलिदान को याद करने और उससे प्रेरणा लेने का राष्ट्रीय अवसर है।
देशभर में नई पीढ़ी तक पहुंचे साहिबजादों का संदेश
सीएम योगी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में वीर बाल दिवस सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के लिए चरित्र-निर्माण का संदेश बनकर सामने आया है। स्कूलों और कॉलेजों से लेकर दफ्तरों तक साहिबजादों की गाथाएं पढ़ी और सुनाई जा रही हैं, और उन्हें शिक्षा के माध्यम से बच्चों तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं में धैर्य, साहस, कर्तव्यबोध और बलिदान जैसी मूल्य-चेतना मजबूत होगी, जो राष्ट्र निर्माण की सबसे बड़ी पूंजी है।
लंगर परंपरा को बताया सामाजिक समरसता का प्रतीक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिख धर्म की लंगर परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि यह परंपरा सामाजिक समरसता का सबसे मजबूत संदेश देती है। उन्होंने कहा कि लंगर में किसी की जाति, धर्म या पहचान नहीं पूछी जाती हर व्यक्ति को एक ही पंक्ति में, एक ही भाव से भोजन कराया जाता है। मुख्यमंत्री के मुताबिक, यही वह संस्कार है जो उत्तर प्रदेश सहित पूरे भारत की साझी संस्कृति को मजबूती देता है और भारतीय समाज की एकता व मानवता की असली पहचान बनता है।
डबल इंजन सरकार का सहयोग
सीएम योगी ने गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज, माता गुजरी देवी और चारों साहिबज़ादों की स्मृतियों को नमन करते हुए कहा कि वीर बाल दिवस हर भारतीय युवा के लिए प्रेरणा का दिन है। उन्होंने गुरु तेगबहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष से जुड़े आयोजनों में डबल इंजन सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। कार्यक्रम के अंत में आनंद साहिब का पाठ और अरदास हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ और असीम अरुण के साथ लंगर में सहभागिता भी की। UP News
UP News : वीर बाल दिवस और श्री गुरु तेगबहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष के मौके पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित 5, कालिदास मार्ग शुक्रवार को श्रद्धा और इतिहास-बोध का केंद्र बन गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित शबद-पाठ व कीर्तन समागम में सिख गुरुओं और साहिबजादों के अद्वितीय बलिदान को नमन किया। कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को माथे लगाकर प्रणाम करने से की, फिर शबद-कीर्तन के बीच साहिबज़ादों की अमर शहादत की गाथा सुनी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक संदर्भों के जरिए औरंगजेब पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जो खुद को “हिंदुस्तान का बादशाह” कहता था, आज उसकी कब्र तक पर पूछने वाला कोई नहीं और गुरु तेगबहादुर जी को चुनौती देना उसकी बड़ी भूल थी। योगी ने कहा कि इतिहास उसी को याद रखता है, जिसके भीतर त्याग और बलिदान की लौ जलती है; सिख गुरुओं की परंपरा भारत की भक्ति और शक्ति की जीवंत मिसाल है।
सीएम आवास पर हुआ कीर्तन समागम
लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर हुए इस आयोजन में कीर्तन प्रस्तुत करने वाले बच्चों को पटका पहनाकर सम्मानित किया गया और उन्हें पुरस्कार भी प्रदान किए गए। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ‘छोटे साहिबजादे’ नामक पुस्तिका का भी विमोचन किया, जिसे नई पीढ़ी तक शौर्य और शहादत का संदेश पहुंचाने की दिशा में अहम पहल बताया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के चारों साहिबजादों बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के शहीदी दिवस को वीर बाल दिवस के रूप में मनाना, देश के लिए उनके स्वदेश और स्वधर्म हेतु दिए गए सर्वोच्च बलिदान को याद करने और उससे प्रेरणा लेने का राष्ट्रीय अवसर है।
देशभर में नई पीढ़ी तक पहुंचे साहिबजादों का संदेश
सीएम योगी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में वीर बाल दिवस सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के लिए चरित्र-निर्माण का संदेश बनकर सामने आया है। स्कूलों और कॉलेजों से लेकर दफ्तरों तक साहिबजादों की गाथाएं पढ़ी और सुनाई जा रही हैं, और उन्हें शिक्षा के माध्यम से बच्चों तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं में धैर्य, साहस, कर्तव्यबोध और बलिदान जैसी मूल्य-चेतना मजबूत होगी, जो राष्ट्र निर्माण की सबसे बड़ी पूंजी है।
लंगर परंपरा को बताया सामाजिक समरसता का प्रतीक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिख धर्म की लंगर परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि यह परंपरा सामाजिक समरसता का सबसे मजबूत संदेश देती है। उन्होंने कहा कि लंगर में किसी की जाति, धर्म या पहचान नहीं पूछी जाती हर व्यक्ति को एक ही पंक्ति में, एक ही भाव से भोजन कराया जाता है। मुख्यमंत्री के मुताबिक, यही वह संस्कार है जो उत्तर प्रदेश सहित पूरे भारत की साझी संस्कृति को मजबूती देता है और भारतीय समाज की एकता व मानवता की असली पहचान बनता है।
डबल इंजन सरकार का सहयोग
सीएम योगी ने गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज, माता गुजरी देवी और चारों साहिबज़ादों की स्मृतियों को नमन करते हुए कहा कि वीर बाल दिवस हर भारतीय युवा के लिए प्रेरणा का दिन है। उन्होंने गुरु तेगबहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष से जुड़े आयोजनों में डबल इंजन सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। कार्यक्रम के अंत में आनंद साहिब का पाठ और अरदास हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ और असीम अरुण के साथ लंगर में सहभागिता भी की। UP News












