UP News: जाट आरक्षण की लड़ाई सड़क पर नहीं वोट से होगी: यशपाल

मेरठ। तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद माना जा रहा था कि ऐन यूपी चुनाव के पहले भाजपा ने बाजी फिर से अपनी ओर मोड़ ली है। लेकिन अब जाट आरक्षण की फिर चली मुहिम भाजपा के लिए दिक्कत बन सकती है। अगर यह मामला तुल पकड़ता है तो भाजपा की परेशानी दोबारा बढ़ सकती है। पश्चिमी उप्र की 125 विधानसभा क्षेत्रों के चुनाव में निर्णायक माने जाने वाले जाट समाज के प्रतिनिधि जाटों के आरक्षण पर प्रधानमंत्री द्वारा किये गये वायदे को याद दिलायेगा। इसके लिए 1 दिंसबर से जनजागरण अभियान शुरू किया जाएगा। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित मेरठ व सहारनपुर मण्डल के पदाधिकारियों की बैठक में बोलते हुए समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि 26 मार्च 2015 को प्रधानमंत्री द्वारा जाट समाज के प्रमुख संगठनों, विधायकों, सांसदों व मन्त्रियों की उपास्थिति में जाट समाज को केन्द्रीय स्तर पर ओबीसी श्रेणी में शामिल करने का वायदा किया था। उन्होंने कहा कि जाट आरक्षण की लड़ाई सड़क पर नहीं बल्कि वोट से लड़ी जाएगी। जाट समाज लम्बे समय से निरन्तर अपनी मांग को विभिन्न स्तरों पर उठाता रहा है। जाट समाज अपनी जाट आरक्षण की मांग पूरी ना होने से बहुत जायदा आहत है। राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा संगठन के पुर्नगठन व मजबूत करने के लिये संगठन में राजेन्द्र चिकारा को राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) नियुक्त किया गया है। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष जगतवीर सिंह सिरोही ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 125 विधानसभा क्षेत्रों में जाट समाज चुनावों को प्रभावित करता है। सभी विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों को ज्ञापन सौंपकर पूरे प्रदेश में 1 दिसम्बर 2021 से जन जागरण अभियान शुरू कर प्रधानमंत्री को उनके वायदों को पूरा करने के लिये कहा जायेगा। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा जल्द ही अन्य मण्डलों में भी मीटिंग होगी। इस अवसर पर प्रदेश महासचिव बीरपाल राणा, प्रदेश के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष डा. ओमपाल देशमुख, मेरठ जिलाध्यक्ष धर्मपाल बालियान, प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश प्रधान, मुजफ्फरनगर जिलाध्यक्ष प्रमोद अहलावत, गौतमबुद्धनगर से अजीत पूनिया आदि मौजूद थे।
अगली खबर पढ़ें
मेरठ। तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद माना जा रहा था कि ऐन यूपी चुनाव के पहले भाजपा ने बाजी फिर से अपनी ओर मोड़ ली है। लेकिन अब जाट आरक्षण की फिर चली मुहिम भाजपा के लिए दिक्कत बन सकती है। अगर यह मामला तुल पकड़ता है तो भाजपा की परेशानी दोबारा बढ़ सकती है। पश्चिमी उप्र की 125 विधानसभा क्षेत्रों के चुनाव में निर्णायक माने जाने वाले जाट समाज के प्रतिनिधि जाटों के आरक्षण पर प्रधानमंत्री द्वारा किये गये वायदे को याद दिलायेगा। इसके लिए 1 दिंसबर से जनजागरण अभियान शुरू किया जाएगा। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित मेरठ व सहारनपुर मण्डल के पदाधिकारियों की बैठक में बोलते हुए समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि 26 मार्च 2015 को प्रधानमंत्री द्वारा जाट समाज के प्रमुख संगठनों, विधायकों, सांसदों व मन्त्रियों की उपास्थिति में जाट समाज को केन्द्रीय स्तर पर ओबीसी श्रेणी में शामिल करने का वायदा किया था। उन्होंने कहा कि जाट आरक्षण की लड़ाई सड़क पर नहीं बल्कि वोट से लड़ी जाएगी। जाट समाज लम्बे समय से निरन्तर अपनी मांग को विभिन्न स्तरों पर उठाता रहा है। जाट समाज अपनी जाट आरक्षण की मांग पूरी ना होने से बहुत जायदा आहत है। राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा संगठन के पुर्नगठन व मजबूत करने के लिये संगठन में राजेन्द्र चिकारा को राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) नियुक्त किया गया है। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष जगतवीर सिंह सिरोही ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 125 विधानसभा क्षेत्रों में जाट समाज चुनावों को प्रभावित करता है। सभी विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों को ज्ञापन सौंपकर पूरे प्रदेश में 1 दिसम्बर 2021 से जन जागरण अभियान शुरू कर प्रधानमंत्री को उनके वायदों को पूरा करने के लिये कहा जायेगा। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा जल्द ही अन्य मण्डलों में भी मीटिंग होगी। इस अवसर पर प्रदेश महासचिव बीरपाल राणा, प्रदेश के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष डा. ओमपाल देशमुख, मेरठ जिलाध्यक्ष धर्मपाल बालियान, प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश प्रधान, मुजफ्फरनगर जिलाध्यक्ष प्रमोद अहलावत, गौतमबुद्धनगर से अजीत पूनिया आदि मौजूद थे।
संबंधित खबरें
अगली खबर पढ़ें







