Uttar Pradesh News : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को डॉ. भीमराव आंबेडकर के 67वें परिनिर्वाण दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं महंगाई बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि देश में रोटी-रोजी के अभाव और महंगाई के कारण आमदनी अठन्नी भी नहीं, पर खर्चा रुपया हो गया है। इसके कारण गरीब, मजदूर, छोटे व्यापारी, किसान, मध्यम वर्ग सहित सभी मेहनतकश समाज की हालत त्रस्त है। यह चिंतनीय है। संविधान को सही से लागू करके इनकी हालत अब तक काफी संवर जानी चाहिए थी। मायावती ने कहा कि डॉ. आंबेडकर का जीवन संघर्ष करोड़ों गरीबों, मजदूरों, वंचितों और अन्य मेहनतकशों के लिए आज भी उम्मीद की किरण है।
Ambedkar Jayanti 2023
देश की 81 करोड़ जनता सरकारी अन्न को मोहताज
इससे पहले मायावती ने सोशल मीडिया पर लिखा-लगभग 140 करोड़ की आबादी वाले भारत के गरीबों, मजदूरों, दलितों, आदिवासियों, अति पिछड़ों सहित उपेक्षित बहुजनों के मसीहा डॉ. आंबेडकर श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। लेकिन, देश के 81 करोड़ से अधिक गरीब लोगों को पेट पालने के लिए सरकारी अन्न को मोहताज होना होगा, ऐसी दुर्दशा आजादी का सपना नहीं था। बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर ने संविधान बनाते समय कभी यह नहीं सोचा था।
उतार चढ़ाव के बावजूद पार्टी से जुड़े हैं लोग- मायावती
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विपक्षी पार्टियों पर हमलावर होते हुए मायावती ने कहा- इस दौरान संकीर्ण, जातिवादी, पूंजीवादी और सांप्रदायिक ताकतों ने बसपा को कमजोर करने के लिए हर प्रकार के घिनौने हथकंडे अपनाए, लेकिन ऐसे उतार-चढ़ाव के बावजूद पार्टी से जुड़े लोग पूरी मजबूती और समर्पण के साथ तन, मन, धन से मैदान में डटे रहे, जिसके लिए सभी का तहेदिल से आभार। इससे पहले मायावती ने कहा था कि अगर देश की सरकारें संविधान के पवित्र उसूलों के तहत काम करतीं, तो करोड़ों गरीबों को कई मुसीबतों से मुक्ति मिल गई होती।
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