GHAZIABAD HEALTH NEWS: गाजियाबाद। जिस तेजी से मौसम करवट ले रहा है। उसी तेजी से सरकारी अस्पतालों में स्कीन रोगियों की संख्या बढ़ रही है। सरकारी अस्पताल में रोजाना इलाज कराने वाले मरीजों की संंख्या करीब 300 से 400 तक है। इनमें फंगल इंफेक्शन व स्क्रेबसिस के मरीजों की संख्या ज्यादा है। अस्पताल के सूत्रों पर भरोसा करें तो गर्मी अधिक बढ़ने पर मरीजों की संख्या में और भी इजाफा होगा।
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डॉक्टर्स की मानें तो त्वचा सम्बंधित सभी रोग शरीर के लिए नुकसानदेह हैं। इसमें फंगल इंफेक्शन, स्क्रेबसिस भी शामिल हैं। जो शरीर में चर्म रोग का रूप ले सकते हैं। यह रोग मौसम में बदलाव, प्रदूूषण और सेनेटाइजर के ज्यादा प्रयोग समेत अन्य कारणों से भी हो सकता है। इन बीमारियों को लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। इसके साथ ही जिन लोगों को सोरायसिस की दिक्कत होती है, बदलते मौसम में उनकी परेशानी बढ़ जाती है। ऐसे में मरीज लापरवाही बरतेंगे तो हालत बहुत ज्यादा खराब हो जाती है।
एमएमजी अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. एके दीक्षित का कहना है कि ओपीडी में बीते कुछ दिनों से त्वचा रोग से संबंधित 300 से 400 मरीज पहुंच रहे हैं, लेकिन इसमें 80 फीसदी मरीज फंगल इंफेक्शन और अन्य एलर्जी वाले हैं जबकि इससे पूर्व 150 से 200 मरीजों की संख्या थी। उन्होंने बताया कि मौसम में बदलाव के साथ ही ठंड के समय में अधिक दिन तक नहीं नहाने व त्वचा को लेकर सफाई नहीं बरतने से भी एलर्जी की समस्या बढ़ रही है। जो एक से दूसरे लोगों को भी हो सकते हैं। इसके लक्षण दिखाई देेने पर इसे अनदेखा ना करें, डॉक्टर से सलाह लें।
-ये हैं लक्षण:
त्वचा पर लाल दाने, खुजली व जलन के रूप में पूरे शरीर पर धीरे-धीरे फैलाव। स्किन पर लाल धब्बे या लाल चकते पड़ जाते हैं, साथ ही सूजन का आना।
-ये बरतें सावधानी:
त्वचा की सफाई पर विशेष ध्यान दें। अंडरवियर व मोजे की जोड़ी को हर दिन बदलें। सिंथेटिक सामग्री से बने कपड़ों की जगह सूती कपड़े पहनें। फंगल इंफेक्शन होने पर कपड़े, बिस्तर, चादर व बर्तनों को भी साझा ना करें।
-बीच में न छोड़े दवा:
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. एके दीक्षित का कहना है कि फंगल इंफेक्शन को पूरी तरह से खत्म करने के लिए दो से ढ़ाई माह का इलाज होता है। वहीं स्क्रेबसीस 10 से 12 दिन में इलाज के बाद खत्म हो जाता है। लेकिन अधिकांश लोग इलाज शुरू होने के दौरान आराम पड़ने पर इलाज बीच में ही छोड़ देते हैं। यह गलत है।