Kanpur Amazing News: उत्तर प्रदेश में पहली बार काउंटर लगाकर जेल में बनी दाल, चावल, रोटी और सब्जी उचित दामों पर आम लोगों को भी बेची जाएगी। परिणाम अच्छा रहा तो खाना बनाने वाले बंदियों को नामी होटल के शेफ से प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा…
सैय्यद अबू साद
यूं तो जेल की रोटी खाने के नाम से ही बड़े-बड़े लोगों की हालत खराब हो जाती है, लेकिन अब उत्तर प्रदेश के कानपुर कारागार की रोटी कोई भी जाकर खा सकेगा। जी हां, दरअसल जेल प्रशासन ने बंदियों को काम देने और जेल बंद कैदियों से मिलने आने वाले और आसपास के लोगों को उचित दाम पर खाना मिल सके। इसके लिए जिला कारागार के बाहर काउंटर लगेगा और इसकी शुरूआत 15 अगस्त से की जाएगी।
उत्तर प्रदेश की पहली जेल कैंटीन
कानपुर के जिलाधिकारी विशाख. जी. की पहल पर उत्तर प्रदेश में पहली बार जेल में बनी दाल, चावल, रोटी और सब्जी उचित दामों पर आम लोगों को भी दी जाएगी। जेल प्रशासन ने खाने की ब्रिकी के लिए जेल गेट के बगल में ही व्यवस्था की है। इसके लिए काउंटर भी बनकर तैयार हो गया है। इसकी काउंटर से खाने की बिक्री की जाएगी। इससे जेल में बंदियों से मिलने आने वाले लोगों व जरूरतमंदों को सस्ते दाम पर खाना मिल सके। इसकी शुरूआत 15 अगस्त से की जाएगी। लोग जिला कारागार आकर सुविधा ले सकेंगे।
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परिश्रमिक दोगुना करने को भेजा जाएगा पत्र
जिला कारागार में कुल 2594 कैदी बंद है। इसमें महिला 107, बच्चा 14, अल्प वयस्क 166, विदेशी 8, बैरक 12 (ए) में 95, बैरक 12 (बी) में 48, हॉस्पिटल के बैरक नंबर 15 में 39, एचएसबी 27 में 9, एनएसए में तीन व बाकी पुरुष बंदी हैं। इन सभी बंदियों के लिए 85 बंदी कुक दो शिफ्टों में खाना बनाते हैं। जेल अधीक्षक डॉ. बीडी पांडेय ने बताया कि जिला कारागार में आटा चक्की, बड़ी रसोई व पीएनजी कनेक्शन की सुविधा पहले से ही है। अब तक रसोई में बंदी जैसा काम करता है उसके हिसाब से 25 से 40 रुपये प्रतिदिन दिए जाते थे। अब कैंटिन में भी खाना बनाने पर उचित परश्रिमिक दिया जाएगा। इसके साथ ही खाना बनाने वाले बंदियों का पारिश्रमिक बढ़ाने के लिए शासन को जल्द ही पत्र भेजा जाएगा। जिसके कि उनकी पारिश्रमिक दोगुना की जाए सके। जेल की रसोई में लगे बंदी अभी अपने साथियों का ही खाना तैयार करते थे। जिला प्रशासन की मंशा सिर्फ कैदियों को रोजगार देना है, जिससे कि वह बाहर निकलकर फिर से आपराधिक वारदातों को अंजाम न दें।
Kanpur Amazing News: क्या आपको भी खानी है जेल की रोटी ? तो बस किजिए ऑर्डर दोपहर में मिलेगा खाना
जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल में बंद कैदियों को मैन्युअल के हिसाब से सुबह और रात में खाना सर्व किया जाता है। सुबह कैदियों का खाना बनने के साथ ही कैंटीन का भी खाना तैयार किया जाएगा। इसके बाद उसे नामी रेस्टोरेंट और होटल की तरह पैकिंग कर कैंटिन काउंटर पर ले जाया जाएगा। पैकिंग को पूरे स्वीकृत तरीके से किया जाएगा। खाने का काउंटर शुरू होने के बाद परिणाम अच्छा रहा तो खाना बनाने वाले बंदियों को नामी होटल के शेफ से प्रशिक्षण भी दिलाई जाएगी।
कारागार दोष वालों को सिफारिश की जरूरत नहीं
जेल की रोटी खाने के लिए अब आपको किसी से सिफारिश कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दरअसल कुछ लोग जेल की रोटी खाने की सिफारिश लगाकर आते थे। दरअसल, कुछ लोग जेल आकर अपनी या बच्चों की कुंडली में कारागार दोष का हवाला देकर रोटी खिलाने का अनुरोध करते थे। ऐसे लोगों के लिए अब सिफारिश की जरूरत नहीं पड़ेगी। वह आराम से यहां आकर महज कुछ रुपये खर्च कर जेल की रोटी खा सकेंगे।