Sunday, 17 November 2024

पोषण वाटिका को लेकर फैल रही जागरूकता, यूपी में किसान उगाएँगे इम्यूनिटी पावर बढ़ाने वाली सब्जियाँ

Immunity-boosting foods : कोरोना महामारी के चलते देश और प्रदेश के लोगों में इम्यूनिटी पावर यानी रोग प्रतिरोधी क्षमता को…

पोषण वाटिका को लेकर फैल रही जागरूकता, यूपी में किसान उगाएँगे इम्यूनिटी पावर बढ़ाने वाली सब्जियाँ

Immunity-boosting foods : कोरोना महामारी के चलते देश और प्रदेश के लोगों में इम्यूनिटी पावर यानी रोग प्रतिरोधी क्षमता को लेकर जागरूकता बढ़ी है। यही वजह है कि हमारा शरीर खाद्य पदार्थों से मिलने वाले पोषण के माध्यम से बीमारियों से लड़ने में सक्षम हो पता है। अगर शरीर को जरूरी पोषक तत्व ना मिले तो कुपोषण की समस्या भी देखने को मिलती है। ऐसे में पोषण वाटिका को लेकर उत्तर प्रदेश में अब जागरूकता तेजी से फैल रही है।

पोषण वाटिका को किया जा रहा तैयार

दरअसल, यूपी के अलग- अलग जिलों में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के द्वारा पोषण वाटिका के अलग-अलग मॉडल को तैयार किया गया है। परिवार की जरूरत और संख्या की मुताबिक पोषण वाटिका में किस तरह की सब्जियां उगाई जाए इस पर भी विशेष प्रशिक्षण किसानों को दिया जा रहा है। घर पर गमले के माध्यम से भी पोषण वाटिका को छत पर स्थापित किया जा सकता है।

नवंबर में उगाएं ये फसल

भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ सूर्यनाथ सिंह चौरसिया ने बताया कि पोषण वाटिका को तैयार करने के लिए ऐसे स्थान का चयन करें जहां पर्याप्त धूप आती हो। छायादार स्थान का चयन करने से बचना चाहिए। न्यूट्रीशन गार्डन की पहली क्यारी में नवंबर से मार्च और मार्च से अक्टूबर के दौरान पत्ता गोभी, लेट्युअस , फसले के रूप में ग्वार एवं बींस की फसल को उगाना चाहिए। वहीं नवंबर दिसंबर में फूलगोभी और मूली के साथ-साथ प्याज की फसल लगानी चाहिए। चौथी क्यारी में बैगन के साथ पालक और मार्च से जून माह में भिंडी के साथ चौलाई साग लगानी चाहिए।

सब्जियों से मिलते हैं पोषक तत्व

सब्जी अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सूर्यनाथ सिंह चौरसिया ने बताया कि हमें इंद्रधनुष के रंग की सब्जियों का प्रयोग करना चाहिए। अलग-अलग रंग की सब्जियों का प्रयोग करने से शरीर को कई तरह के पोषक तत्व मिलते हैं।इन  Immunity-boosting foods से शरीर को एंटीऑक्सीडेंट भी मिलते हैं। पोषण वाटिका में रंग बिरंगी सब्जियों के साथ-साथ छोटे आकार वाले फल के पौधों को भी उगाया जा सकता है जिसमें अमरुद ,नींबू, केला, पपीता और सहजन को शामिल किया जा सकता है।

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