उत्तर प्रदेश लेखपाल भर्ती पर योगी का सख्त संदेश, अफसरों को दी कड़ी चेतावनी

परिषद अब संशोधित अधियाचन तैयार कर उसे एक सप्ताह के भीतर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) को भेजने की तैयारी में है, ताकि प्रदेश में लेखपाल भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह नियमसम्मत और आरक्षण नियमों के शत-प्रतिशत अनुपालन के साथ आगे बढ़ सके।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar20 Dec 2025 09:45 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश में राजस्व लेखपाल भर्ती को लेकर उठीं आरक्षण संबंधी विसंगतियों पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री ने राजस्व परिषद को साफ शब्दों में निर्देश दिए हैं कि आरक्षण प्रावधानों में किसी भी तरह की त्रुटि, लापरवाही या मनमानी सामने आई तो उसे कदापि स्वीकार नहीं किया जाएगा और जिम्मेदार अफसरों की जवाबदेही तय होगी। मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद ने जिलों से प्राप्त श्रेणीवार रिक्तियों के आंकड़ों की दोबारा समीक्षा शुरू कर दी है। परिषद अब संशोधित अधियाचन तैयार कर उसे एक सप्ताह के भीतर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) को भेजने की तैयारी में है, ताकि प्रदेश में लेखपाल भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह नियमसम्मत और आरक्षण नियमों के शत-प्रतिशत अनुपालन के साथ आगे बढ़ सके।

“आरक्षण का पालन अनिवार्य” – योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो टूक कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकारी भर्तियों में लंबवत (Vertical) और क्षैतिज (Horizontal) दोनों प्रकार के आरक्षण का पालन कानूनी दायित्व होने के साथ-साथ सामाजिक न्याय की मूल भावना भी है। उन्होंने संकेत दिए कि यदि किसी भर्ती में आरक्षण से जुड़ी गड़बड़ी पाई गई तो शासन स्तर पर कड़ा एक्शन तय है और संबंधित अधिकारियों को जवाब देना होगा।

7,994 पदों के विज्ञापन के बाद सामने आईं विसंगतियां

जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में राजस्व लेखपाल के 7,994 पदों के लिए 16 दिसंबर 2025 को विज्ञापन जारी होने के बाद जिलों से भेजे गए श्रेणीवार आंकड़ों में विसंगतियों की बात सामने आई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मामले का संज्ञान लेते हुए राजस्व परिषद को डेटा सत्यापन और त्रुटिरहित अधियाचन तैयार करने के निर्देश दिए। अब परिषद जिलावार कार्यरत और रिक्त पदों की गणना को पुनः सत्यापित कर रही है, ताकि UPSSSC को भेजा जाने वाला संशोधित प्रस्ताव पूरी तरह स्पष्ट, विवाद-मुक्त और नियमों के अनुरूप हो।

पारदर्शिता और विवाद-मुक्त प्रक्रिया पर जोर

राजस्व परिषद की सचिव कंचन वर्मा के अनुसार, मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद परिषद ने प्राथमिकता के आधार पर समीक्षा शुरू कर दी है। संशोधित अधियाचन आयोग को भेजे जाने के बाद उत्तर प्रदेश में लेखपाल भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से, आरक्षण नियमों के पूर्ण अनुपालन के साथ आगे बढ़ाई जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि आरक्षण व्यवस्था में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ या गड़बड़ी स्वीकार नहीं होगी। युवाओं के भविष्य से जुड़ी भर्तियों में पारदर्शिता, जवाबदेही और कानूनसम्मत प्रक्रिया सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी। लेखपाल भर्ती को लेकर मुख्यमंत्री का यह हस्तक्षेप न केवल मौजूदा प्रक्रिया को दुरुस्त करने की कोशिश है, बल्कि उत्तर प्रदेश में आने वाली हर भर्ती के लिए भी स्पष्ट संदेश है कि आरक्षण नियमों में ढिलाई की कोई गुंजाइश नहीं है। UP News

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वायरल फेम से ED की जांच तक: उन्नाव के यूट्यूबर के घर क्या-क्या मिला?

कार्रवाई के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस ने इलाके में सुरक्षा घेरा कड़ा किया, जबकि एजेंसी ने मौके पर मौजूद लोगों से पूछताछ कर दस्तावेज और लेनदेन से जुड़े रिकॉर्ड जुटाए। तलाशी के बाद ED ने चार वाहनों को जब्त करने का दावा किया है, जिनकी कीमत करीब 4.18 करोड़ रुपये की शुरुआती कीमत बताई जा रही हैं।

यूट्यूबर अनुराग द्विवेदी
यूट्यूबर अनुराग द्विवेदी
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar19 Dec 2025 11:00 AM
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UP News : गुरुवार की सुबह उत्तर प्रदेश के उन्नाव से लेकर लखनऊ तक प्रशासनिक गलियारों में उस वक्त हलचल तेज हो गई, जब ऑनलाइन क्रिकेट प्रेडिक्शन की दुनिया में चर्चित यूट्यूबर अनुराग द्विवेदी के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक साथ दबिश दी। एजेंसी की टीमों ने उन्नाव और राजधानी में कुल 9 ठिकानों पर कई घंटे तक तलाशी अभियान चलाकर दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और वित्तीय लेनदेन से जुड़े रिकॉर्ड खंगाले। ED की प्राथमिक जांच के मुताबिक, यह कार्रवाई कथित धोखाधड़ी, जालसाजी और अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी/जुए के नेटवर्क से जुड़े पैसों की परतें खोलने और फंड-फ्लो का सुराग जोड़ने के उद्देश्य से की गई

किन ठिकानों पर पहुंची टीम

सूत्रों के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने अनुराग के पैतृक आवास के अलावा उनके चाचा नपेंद्र नाथ द्विवेदी के घर, एक मेडिकल स्टोर और गन हाउस समेत जुड़े परिसरों पर भी एक साथ तलाशी ली। कार्रवाई के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस ने इलाके में सुरक्षा घेरा कड़ा किया, जबकि एजेंसी ने मौके पर मौजूद लोगों से पूछताछ कर दस्तावेज और लेनदेन से जुड़े रिकॉर्ड जुटाए। तलाशी के बाद ED ने चार वाहनों को जब्त करने का दावा किया है, जिनकी कीमत करीब 4.18 करोड़ रुपये की शुरुआती कीमत बताई जा रही हैं। एजेंसी का कहना है कि इन गाड़ियों की खरीद को “अपराध की आय” (प्रोसीड्स ऑफ क्राइम) से जोड़कर देखा जा रहा है और इसी कड़ी में पैसों के स्रोत तथा लेयरिंग/ट्रेल की जांच आगे बढ़ाई जा रही है।

“ऑनलाइन सट्टा पैनल” और डिजिटल नेटवर्क की जांच

ED के मुताबिक जांच के दौरान एक कथित ऑनलाइन सट्टेबाजी “पैनल” के संचालन के संकेत मिले हैं, जिसे एजेंसी सिलीगुड़ी से संचालित होने का दावा कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि इस नेटवर्क में कई आरोपी शामिल हैं और यह कथित तौर पर म्यूल बैंक खातों, टेलीग्राम चैनलों और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए देशभर में ऑनलाइन सट्टेबाजी/जुए का “इकोसिस्टम” खड़ा कर लेनदेन की परतें छिपाता रहा। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के उन्नाव से जुड़े सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर/यूट्यूबर अनुराग द्विवेदी की संभावित भूमिका भी एजेंसी की रडार पर बताई जा रही है।

प्रचार के बदले “कैश” और संदिग्ध लेनदेन

ED का दावा है कि जांच में यह संकेत मिले हैं कि अनुराग ने कथित अवैध सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स को सोशल मीडिया के जरिए प्रमोट करने में सक्रिय भूमिका निभाई। एजेंसी के मुताबिक इसके बदले भुगतान की रकम हवाला ऑपरेटरों, म्यूल बैंक खातों और बिचौलियों के जरिए पहुंचाई गई, ताकि लेनदेन की सीधी कड़ी छिपी रहे। ED का यह भी कहना है कि जांच के दौरान अनुराग से जुड़ी कंपनियों और परिवार के कुछ बैंक खातों में भारी रकम जमा होने के संकेत मिले हैं, जिनका फिलहाल कोई स्पष्ट वैध व्यावसायिक आधार सामने नहीं आया। हालांकि एजेंसी ने साफ किया है कि इन आरोपों पर अंतिम निष्कर्ष वित्तीय ट्रेल की पुष्टि और जांच पूरी होने के बाद ही तय होगा।

दुबई निवेश के दस्तावेज और डिजिटल सामग्री बरामद होने का दावा

ED ने आरोप लगाया है कि कथित “अपराध की आय” का इस्तेमाल विदेश, खास तौर पर दुबई में रियल एस्टेट/निवेश के लिए किया गया। तलाशी में दुबई में निवेश से जुड़े दस्तावेज और डिजिटल सामग्री मिलने की बात कही गई है। एजेंसी के मुताबिक कुछ संकेत ऐसे भी हैं, जिनसे हवाला चैनलों के जरिए निवेश की आशंका की जांच की जा रही है। घर पर नहीं मिले अनुराग, दुबई में होने की चर्चा कार्रवाई के दौरान अनुराग द्विवेदी के घर पर मौजूद न होने की बात भी सामने आई। सूत्रों के मुताबिक वह फिलहाल दुबई में बताए जा रहे हैं। कुछ दावों में दुबई की नागरिकता जैसी बातें भी कही जा रही हैं, हालांकि इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है। ED इस पहलू की भी जांच कर रही है कि वह वर्तमान में कहां हैं और भारत से बाहर उनकी गतिविधियां किस तरह संचालित हो रही हैं।

कौन हैं अनुराग द्विवेदी

26 वर्षीय अनुराग द्विवेदी को उन्नाव के अजगैन थाना क्षेत्र स्थित भितरेपार-खजूर गांव का निवासी बताया जाता है। क्रिकेट प्रेडिक्शन और एनालिसिस के नाम पर उन्होंने टेलीग्राम से शुरुआत की और देखते-देखते सोशल मीडिया पर बड़ी फॉलोइंग खड़ी कर ली। स्थानीय चर्चाओं में यह दावा भी सामने आता रहा है कि वे LUCKNOWLINS.ECL नाम की लखनऊ आधारित क्रिकेट टीम के कप्तान रह चुके हैं। बीते कुछ महीनों में उनकी लग्जरी लाइफस्टाइल, महंगी गाड़ियां और विदेशों में होने वाले भव्य आयोजनों की तस्वीरें उत्तर प्रदेश के डिजिटल स्पेस और स्थानीय गलियारों में लगातार सुर्खियां बटोरती रहीं। बताया जाता है कि 22 नवंबर 2025 को दुबई में क्रूज पर हुई उनकी शानदार शादी के फोटो-वीडियो भी जमकर वायरल हुए थे। UP News

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बहराइच सलामी विवाद: कथावाचक को गार्ड ऑफ ऑनर पर बहराइच पुलिस कटघरे में

सामान्य तौर पर ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उच्च न्यायपालिका के न्यायाधीशों या वरिष्ठ संवैधानिक/प्रशासनिक अधिकारियों के लिए तय प्रोटोकॉल का हिस्सा होता है; ऐसे में किसी गैर-संवैधानिक व्यक्ति को यह सम्मान देना नियमों के खिलाफ माना जा रहा है।

बहराइच सलामी विवाद
बहराइच सलामी विवाद
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar19 Dec 2025 10:28 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश के बहराइच में पुलिस परेड ग्राउंड पर कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ देने का मामला अब एक जिले की सीमा से बाहर निकलकर पूरे उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक और राजनीतिक बहस का विषय बन गया है। वीडियो–तस्वीरें सामने आते ही पुलिस महानिदेशक ने सख्त रुख अपनाया और एसपी बहराइच से तत्काल स्पष्टीकरण के साथ विस्तृत रिपोर्ट तलब कर ली। शासन स्तर पर इसे प्रोटोकॉल की मर्यादा और विभागीय अनुशासन पर सीधी चोट माना जा रहा है।

‘अति-भक्ति’ पर भारी पड़ा प्रोटोकॉल

यह मामला एक निजी कार्यक्रम से जुड़ा बताया जा रहा है, जिसमें बहराइच पुलिस लाइन्स के परेड ग्राउंड का इस्तेमाल कर कथावाचक को औपचारिक सलामी दी गई। लेकिन जिस मैदान को उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुशासन, प्रशिक्षण और संवैधानिक मर्यादा का प्रतीक माना जाता है, उसका इस तरह निजी आयोजन में उपयोग होना अब गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। सामान्य तौर पर ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उच्च न्यायपालिका के न्यायाधीशों या वरिष्ठ संवैधानिक/प्रशासनिक अधिकारियों के लिए तय प्रोटोकॉल का हिस्सा होता है; ऐसे में किसी गैर-संवैधानिक व्यक्ति को यह सम्मान देना नियमों के खिलाफ माना जा रहा है। प्रकरण तूल पकड़ने के बाद डीजीपी कार्यालय ने स्पष्ट कर दिया है कि पुलिस लाइन्स और परेड ग्राउंड का उपयोग केवल निर्धारित मानकों के तहत पुलिस प्रशिक्षण, अनुशासनात्मक गतिविधियों और आधिकारिक सरकारी समारोहों के लिए ही होगा, और किसी भी अनधिकृत इस्तेमाल पर जवाबदेही तय की जाएगी। इसी क्रम में एसपी बहराइच से पूरे घटनाक्रम की विस्तृत रिपोर्ट तलब कर ली गई है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि आदेश किस स्तर से हुआ और जिम्मेदारी किसकी बनती है।

अनुशासन और निष्पक्षता पर उठे सवाल

विशेषज्ञों का कहना है कि परेड ग्राउंड महज एक खुला मैदान नहीं, बल्कि पुलिस का ‘अनुशासन-परिसर’ है वही जगह जहां बल कानून, संविधान और सार्वजनिक सेवा के प्रति अपनी निष्ठा को व्यवहार में उतारता है। ऐसे में किसी निजी या धार्मिक व्यक्ति के सम्मान में यहां औपचारिक सलामी देना न सिर्फ प्रोटोकॉल से टकराता है, बल्कि विभाग की निष्पक्षता और संस्थागत गरिमा पर भी सवाल खड़े करता है। अब असली कसौटी यही है कि यह फैसला किसके निर्देश पर और किस प्रक्रिया के तहत लिया गया और रिपोर्ट सामने आने के बाद उत्तरदायित्व तय कर विभाग इसे “मिसाल” बनाकर कार्रवाई करता है या इसे एक ‘चूक’ बताकर टाल देता है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज

वीडियो वायरल होते ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी इस प्रकरण ने तूल पकड़ ली। विपक्ष ने इसे ‘प्रोटोकॉल’ से ज्यादा ‘प्राथमिकताओं की गड़बड़ी’ बताकर सरकार और पुलिस प्रशासन पर निशाना साधा। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि जब पुलिस सलामी में व्यस्त रहेगी, तो अपराधियों के हौसले अपने आप बढ़ेंगे—यही वजह है कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। दूसरी ओर, नगीना के सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने इसे संविधान की मूल भावना के खिलाफ करार देते हुए कहा कि भारत कोई मठ नहीं, बल्कि संवैधानिक गणराज्य है। उनके मुताबिक, सलामी राज्य की संप्रभु शक्ति और संस्थागत अनुशासन का प्रतीक है; इसे किसी धार्मिक या निजी प्रतिष्ठा बढ़ाने का माध्यम बनाना लोकतांत्रिक व्यवस्था की तटस्थता पर सीधा आघात है।

बहराइच पुलिस की सफाई

विवाद बढ़ने पर बहराइच पुलिस ने बयान जारी कर कहा कि प्रशिक्षण के दौरान पुलिसकर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य और मनोबल को मजबूत रखने के लिए योग, ध्यान और काउंसलिंग जैसी गतिविधियां कराई जाती हैं। इसी क्रम में प्रेरक उद्बोधन के लिए कथावाचक को आमंत्रित किया गया था। हालांकि, इस सफाई ने परेड ग्राउंड के उपयोग और ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ जैसे औपचारिक सम्मान पर उठे सवालों को शांत नहीं किया है। UP News

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