इमाम बख्श नासिख: जिनकी शायरी ने लखनऊ को अदबी राजधानी बना दिया

कहा जाता है कि अवध के नवाब की सरपरस्ती का प्रस्ताव उन्होंने कठोर अंदाज़ में ठुकरा दिया और यही फैसला उनके लिए लखनऊ से दूरी की वजह बन गया। इसके बाद वे लंबे समय तक लखनऊ और बाहर के बीच आते-जाते रहे; मंत्री हकीम मेहदी के दौर में तो हालात ऐसे बने कि उन्हें शहर से हटना पड़ा।

इमाम बख्श नासिख
इमाम बख्श नासिख
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar18 Dec 2025 05:08 PM
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Imam Bakhsh Nasikh : इमाम बख्श नासिख (1776–1839) उर्दू ग़ज़ल की उस परंपरा का बड़ा नाम हैं, जिसने मुगल दौर के आख़िरी वर्षों में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को शायरी की नई राजधानी बनाने में अहम भूमिका निभाई। शुरुआती दिनों में उन्हें मीर काज़िम अली का संरक्षण मिला और इसी संरक्षण के सहारे उनका साहित्यिक कद तेजी से बढ़ा। लेकिन 1830 के दशक में लखनऊ के दूसरे बड़े ग़ज़लकार ख्वाजा हैदर अली ‘आतिश’ से उनकी कड़ी प्रतिद्वंद्विता शुरू हुई, जिसने शहर की अदबी फिज़ा को और तीखा भी किया और चर्चित भी। कहा जाता है कि अवध के नवाब की सरपरस्ती का प्रस्ताव उन्होंने कठोर अंदाज़ में ठुकरा दिया और यही फैसला उनके लिए लखनऊ से दूरी की वजह बन गया। इसके बाद वे लंबे समय तक लखनऊ और बाहर के बीच आते-जाते रहे; मंत्री हकीम मेहदी के दौर में तो हालात ऐसे बने कि उन्हें शहर से हटना पड़ा। मेहदी की मृत्यु के बाद नासिख 1837 में आखिरकार लौटे और दो साल बाद 1839 में लखनऊ में ही उनका इंतकाल हुआ। नासिख के बाद ग़ज़ल की चमक को पुरानी बुलंदी तक पहुंचने में वक्त लगा और फिर यह रौनक बहादुर शाह ज़फ़र के दौर में दिल्ली के अदबी माहौल में जाकर नई तरह से उभरी।

इमाम बख़्श नासिख़ की मशहूर शायरियाँ

1 - ज़िंदगी ज़िंदा-दिली का है नाम,

मुर्दा-दिल ख़ाक जिया करते हैं

इमाम बख़्श नासिख़ की मशहूर शायरियाँ

2 - जिस क़दर जांघ से तुम रंग नाज़दिक,

हम क़दर दूरी कर दिया जांघ को

इमाम बख़्श नासिख़ की मशहूर शायरियाँ

3 - काम क्या निकले किसी तदबीर से,

आदमी मजबूर है तकदीर से

इमाम बख़्श नासिख़ की मशहूर शायरियाँ

4 - आती जाती है जा-बा-जा बदली,

साकिया जल्द आ हवा बदली

इमाम बख़्श नासिख़ की मशहूर शायरियाँ

5 - वो नहीं भूलता जहाँ जाऊँ,

हाए मैं क्या करूँ कहाँ जाऊँ । Imam Bakhsh Nasikh

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उत्तर प्रदेश का विधायक निकला लुटेरा, अदालत में किया सरेंडर

उत्तर प्रदेश पुलिस ने दीप नारायण सिंह यादव के विरूद्ध लूट सहित 65 अपराधिक मामले दर्ज कर रखे हैं। इन दिनों पूर्व विधायक दीप नारायण सिंह लूट के मामले में फरार चल रहा था। बृहस्पतिवार को पूर्व विधायक दीप नारायण सिंह यादव ने बड़े ही नाटकीय ढंग से अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।

पूर्व विधायक दीप नारायण सिंह यादव
पूर्व विधायक दीप नारायण सिंह यादव
locationभारत
userआरपी रघुवंशी
calendar18 Dec 2025 04:30 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश में विधायक रह चुका एक नेता लुटेरा निकला। उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस पूर्व विधायक के विरूद्ध लूट सहित 65 अपराधिक मामले दर्ज कर रखे हैं। उत्तर प्रदेश के इस पूर्व विधायक ने पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए गुपचुप ढंग से अदालत में सरेंडर कर दिया है। उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक के द्वारा गुपचुप तरीके से सरेंडर करने का मामला पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है।

उत्तर प्रदेश के झांसी का है लुटेरा विधायक

आपको बता दें कि लुटेरा पूर्व विधायक उत्तर प्रदेश के झांसी जिले का रहने वाला है। इस पूर्व विधायक का नाम दीप नारायण सिंह यादव है। पूर्व विधायक दीप नारायण सिंह यादव समाजवादी पार्टी के टिकट पर झांसी की गरौठा विधानसभा सीट से विधायक रह चुका है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने दीप नारायण सिंह यादव के विरूद्ध लूट सहित 65 अपराधिक मामले दर्ज कर रखे हैं। इन दिनों पूर्व विधायक दीप नारायण सिंह लूट के मामले में फरार चल रहा था। बृहस्पतिवार को पूर्व विधायक दीप नारायण सिंह यादव ने बड़े ही नाटकीय ढंग से अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।

लूट के मामले में फरार चल रहा था पूर्व विधायक

उत्तर प्रदेश के झांसी की गरौठा विधानसभा सीट के पूर्व विधायक दीप नारायण सिंह यादव के विरूद्ध नवंबर महीने में लूट का एक मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामला इनके लिए सबसे ज्यादा मुसीबत देने वाला रहा। तभी से यह फरार थे और पुलिस के लिए चुनौती बन गए थे। गांव भुजौंद के रहने वाले प्रेम सिंह पालीवाल ने कोतवाली मोंठ थाने में 20 नवंबर को दीप नारायण सिंह के विरूद्ध लूटऔर रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था। उन्होंने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद से दीप नारायण सिंह यादव लगातार फरार चल रहा था। बृहस्पतिवार को दीप नारायण सिंह यादव ने वकीलों के बीच में छिपकर कचहरी में प्रवेश किया। कचहरी में पहुंचकर उसने न्यायधीश जितेन्द्र सिंह के सामने सरेंडर कर दिया। अदालत ने उत्तर प्रदेश के इस लुटेरे पूर्व विधायक को जेल में भेज दिया है। UP News

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अखिलेश ने कहा-सत्र से जनसमस्याओं को दूर रखने की कोशिश कर रही सरकार

लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा से जुड़ी विचारधारा के लोगों ने आजादी से पहले और बाद में कभी वंदे मातरम को अपनाने का प्रयास नहीं किया। सरकार के पास जनता की समस्याओं पर जवाब नहीं है, तो वह विषयों को आगे बढ़ाकर असली मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है।

akhilesh (15)
अखिलेश यादव
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar18 Dec 2025 05:02 PM
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UP News : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि सत्ताधारी दल जनता से जुड़े अहम सवालों से बचना चाहता है। इसी उद्देश्य से विधानसभा सत्र में जरूरी मुद्दों को दरकिनार कर वंदे मातरम जैसे विषयों पर बहस कराने की कोशिश की जा रही है, जबकि इस विषय पर चर्चा पहले ही लोकसभा में हो चुकी है। गुरुवार को लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा से जुड़ी विचारधारा के लोगों ने आजादी से पहले और बाद में कभी वंदे मातरम को अपनाने का प्रयास नहीं किया। अब जब सरकार के पास जनता की समस्याओं पर जवाब नहीं है, तो वह ऐसे विषयों को आगे बढ़ाकर असली मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है।

गंभीर समस्या पर चर्चा से बच रही सरकार

उन्होंने लखनऊ में बढ़ते प्रदूषण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि खराब वायु गुणवत्ता के कारण भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच प्रस्तावित क्रिकेट मैच रद करना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद सरकार यह दावा कर रही है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स ठीक था। अखिलेश यादव ने सवाल उठाया कि सरकार आखिर किन आंकड़ों के आधार पर यह बात कह रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वतंत्र एजेंसियों के प्रदूषण संबंधी आंकड़ों को नकारने का मकसद केवल यह है कि इस गंभीर समस्या पर कोई चर्चा न हो।

भाजपा शासन में सबसे अधिक पेड़ों की कटाई हुई

पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा शासन में सबसे अधिक पेड़ों की कटाई हुई है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर जंगल खत्म किए गए, अब अरावली पर्वतमाला को नुकसान पहुंचाने की योजना बनाई जा रही है। सोनभद्र में खनन के नाम पर सैकड़ों फीट गहरे गड्ढे कर दिए गए हैं, लेकिन सरकार इन विषयों पर चुप्पी साधे हुए है।

अखिलेश ने कहा-नीतीश कुमार को एक सहायक की आवश्यकता

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़े एक हालिया विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि इस उम्र में उन्हें एक सहायक की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जानी चाहिए और किसी भी व्यक्ति के साथ इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है। इसके अलावा अखिलेश यादव ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा चुनाव आयोग की मदद से इस प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रही है, ताकि विपक्ष के मतदाताओं को सूची से बाहर किया जा सके और चुनावी लाभ हासिल किया जा सके।


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