क्या है UP का निराश्रित महिला पेंशन योजना? इसका उद्देश्य और लाभ

क्या है UP का निराश्रित महिला पेंशन योजना? इसका उद्देश्य और लाभ
locationभारत
userचेतना मंच
calendar07 AUG 2025 07:08 AM
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उत्तर प्रदेश की बहनों के लिए इस बार रक्षाबंधन बेहद खास रहने वाला है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की लाखों निराश्रित महिलाओं को आर्थिक संबल देते हुए एक विशेष उपहार दिया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने जानकारी दी कि प्रदेश की 36 लाख 75 हजार 623 निराश्रित महिलाओं के बैंक खातों में कुल ₹115 करोड़ 64 लाख की राशि सीधे ट्रांसफर की गई है। ये राशि निराश्रित महिला पेंशन योजना (Destitute Women Pension Scheme) के तहत दी गई है जिससे बेसहारा महिलाओं को आर्थिक मजबूती मिल सके। Uttar Pradesh Samachar  राशि ट्रांसफर की जानकारी सामने आने के बाद से ही निराश्रित महिलाएं इस योजना के बारे में अधिक जानने को लेकर काफी उत्सुक हैं। ऐसे में हमने आपके लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना से जुड़ी सभी अहम जानकारियां आप तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।

क्या है निराश्रित महिला पेंशन योजना? What is Destitute Women Pension Scheme?

निराश्रित महिला पेंशन योजना एक सामाजिक सुरक्षा योजना है जिसका उद्देश्य बेसहारा, विधवा और आयविहीन महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। निराश्रित महिला पेंशन योजना का संचालन राज्यों के महिला एवं बाल विकास विभाग या सामाजिक न्याय विभाग द्वारा किया जाता है।

योजना की शुरुआत और उद्देश्य

निराश्रित महिला पेंशन योजना की शुरुआत सबसे पहले वर्ष 1980-81 में हरियाणा में लागू की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य उन महिलाओं को आर्थिक सहारा देना है जो स्वयं आजीविका चलाने में असमर्थ हैं। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को मासिक पेंशन दी जाती है ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें।

हरियाणा में पेंशन दरों का विकास

हरियाणा में निराश्रित महिला पेंशन योजना शुरुआत में पेंशन ₹50 प्रतिमाह थी। धीरे-धीरे बढ़ाकर इसे 01 जनवरी 2020 से ₹2,250 प्रति माह कर दिया गया है। यह पेंशन हर पात्र महिला को प्रति माह दी जाती है।

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पात्रता मानदंड (हरियाणा के अनुसार)

  • महिला की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
  • महिला हरियाणा की निवासी हो और आवेदन तिथि से कम से कम 1 साल से राज्य में रह रही हो।
  • महिला की सभी स्रोतों से वार्षिक आय ₹2 लाख से कम हो।
  • महिला निम्न में से किसी एक श्रेणी में आती हो विधवा हो, पति, माता-पिता या पुत्रों के बिना निराश्रित हो और मानसिक/शारीरिक रूप से अक्षम और परिजन न हों।

किन्हें नहीं मिलेगा लाभ? (अपवाद)

  • जो महिला सरकारी नौकरी में है।
  • किसी सरकारी संस्था/निकाय से पेंशन या सहायता ले रही है।

आवेदन प्रक्रिया

  • आवेदन ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है।
  • नजदीकी सामाजिक कल्याण कार्यालय में जाकर फॉर्म भरें।
  • जरूरी दस्तावेज आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण, आधार कार्ड, मृत्यु प्रमाण (विधवा होने की स्थिति में) साथ रखें ।

योजना से मिलने वाले लाभ

हर राज्य में पेंशन राशि अलग होती है। उदाहरण के तौर पर हरियाणा में ₹2,250/माह, उत्तर प्रदेश में ₹500/माह, कुछ राज्यों में विशेष परिस्थितियों में अतिरिक्त लाभ भी दिए जाते हैं। योजना की जानकारी के लिए संबंधित राज्य की महिला एवं बाल विकास विभाग की वेबसाइट पर जाएं या myScheme.gov.in पर विजिट करें। Uttar Pradesh Samachar  नोट: हर राज्य के नियम अलग हो सकते हैं इसलिए आवेदन से पहले नियम जरूर पढ़ें।
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योगी की पुलिस ने ढेर किए पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी के हत्यारे

योगी की पुलिस ने ढेर किए पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी के हत्यारे
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userचेतना मंच
calendar07 AUG 2025 06:11 AM
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उत्तर प्रदेश के सीतापुर में चर्चित पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में इस जघन्य वारदात में शामिल दोनों शूटर एनकाउंटर में ढेर कर दिए गए। मारे गए दोनों शूटर रिजवान राजू और अकील खान उर्फ संजय सगे भाई थे। इन दोनों पर पहले से ही एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। Uttar Pradesh Samachar 

इलाज के दौरान हुई मौत

जानकारी के मुताबिक, यह घटना पिसावां थाना क्षेत्र की है जहां बीती रात STF और पुलिस की टीम वाहनों की चेकिंग कर रही थी। एक संदिग्ध बाइक को रोकने की कोशिश की गई लेकिन बाइक सवारों ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों शूटर गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान मौत हो गई।

क्या था पूरा मामला?

बता दें कि, 8 मार्च को पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की उस वक्त निर्मम हत्या कर दी गई थी, जब वे बाइक से जा रहे थे। हाईवे पर बाइक रुकवाकर शूटरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। मामले की जांच में सामने आया कि हत्या की साजिश एक मंदिर के पुजारी ने रची थी।जांच में पता चला कि कारदेव बाबा मंदिर के पुजारी शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर को पत्रकार ने मंदिर परिसर में आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। इसी बात से बौखलाए पुजारी ने राघवेंद्र की हत्या की साजिश रची। उसने 4 लाख रुपये की सुपारी देकर दो शूटरों से पत्रकार की हत्या करवा दी। पुजारी पहले ही गिरफ्तार होकर जेल भेजा जा चुका है।

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पुलिस की हो रही तारीफ

इस मुठभेड़ को लेकर STF और सीतापुर पुलिस की तेज कार्रवाई की सराहना की जा रही है। एक तरफ पत्रकार की निर्मम हत्या से लोगों में गुस्सा था। वहीं अब दोनों शूटरों के मारे जाने से पीड़ित परिवार और समाज को राहत मिली है। Uttar Pradesh Samachar 
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ठेकों में टॉप पर यूपी ! अखिलेश ने खोली 'योगी मॉडल' की परतें

ठेकों में टॉप पर यूपी ! अखिलेश ने खोली 'योगी मॉडल' की परतें
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userचेतना मंच
calendar07 AUG 2025 05:11 AM
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उत्तर प्रदेश में शराब के बढ़ते व्यापार और स्कूलों के बंद होने को लेकर सियासी घमासान तेज होता जा रहा है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य की योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है।  उन्होंने उत्तर प्रदेश की मौजूदा योगी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश की मौजूदा योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि बीजेपी शासन में नशे का कारोबार फलफूल रहा है, जबकि शिक्षा को पीछे धकेला जा रहा है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक ग्राफ साझा करते हुए दावा किया है कि शराब के ठेकों की संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश, न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया जैसे विकसित अमेरिकी राज्यों से भी आगे निकल गया है। उन्होंने तंज कसते हुए पूछा— क्या यही है भाजपा सरकार की प्राथमिकता ? शिक्षा नहीं, नशा ?  Uttar Pradesh Samachar

नशे की संस्कृति को बढ़ावा दे रही है सरकार

अखिलेश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा - इसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए कि नशा उत्तर प्रदेश सरकार की प्राथमिकता क्यों बनता जा रहा है ? चाहे शराब हो या कोई अन्य नशीला पदार्थ, सब कुछ इतनी तेज़ी से क्यों बढ़ रहा है ? नशा परिवार तोड़ता है, लेकिन इसका अर्थ वही समझ सकता है जो परिवार की अहमियत जानता हो। सपा प्रमुख ने तीखी टिप्पणी करते हुए योगी सरकार को "अनुपयोगी सरकार" करार दिया और कहा कि इस शासन ने प्रदेश को शराब के ठेकों के मामले में विश्व के बड़े शहरों से आगे कर दिया है।

यह सरकार स्कूल बंद करवा रही है और शराब की दुकानें खुलवा रही है। शिक्षा का ह्रास और नशे का विस्तार— यही है भाजपा का मॉडल ? - अखिलेश का यह सवाल अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। विपक्ष के मुताबिक प्रदेश में लगातार ऐसे सरकारी स्कूल बंद किए जा रहे हैं, जिनमें छात्र संख्या कम है। वहीं दूसरी ओर, शराब की नई दुकानों के खुलने पर कोई लगाम नहीं है। सपा का कहना है कि सरकार बच्चों के भविष्य को नजरअंदाज कर रही है और नशे के जाल को बढ़ावा दे रही है।

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'पीडीए पाठशाला' बनी विरोध की मिसाल

अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी ने इन बंद स्कूलों के सामने 'पीडीए पाठशाला' अभियान शुरू किया है, जिसे शिक्षा के समर्थन और सरकार की नीतियों के विरोध का प्रतीक बताया जा रहा है। इस अभियान के ज़रिए पार्टी सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है कि शिक्षा के साथ खिलवाड़ अब और नहीं चलेगा।  Uttar Pradesh Samachar