Special Story : औरैया। कहते हैं कि भक्ति के भाव जो डुबकी लगा लेता हैं, फिर वो ईश्वरीय शक्ति के आगे सारी मोह माया भूल जाता है। एक ओर देश में कई ऐसे बाबा हैं जो धर्म के नाम पर करोड़ों की कमाई कर लग्जरी जिंदगी जी रहे हैं। वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए अपना घर-द्धार छोड़कर ईश्वर के नाम अपना जीवन कर दिया। इन्हीं में से एक हैं यूपी के औरैया के ध्रुवदास बाबा, जो पिछले 30 साल से पैदल तीर्थ कर रहे हैं। महाराज पूरे देश के मंदिर घूम चुके हैं। इन महाराज के पास एक डायरी है, जिसमें वह अच्छे-बुरे सारे कर्मों का हिसाब लिखते रहते हैं।
Special Story :
गांव में है कोठी, जमीन और दौलत
ध्रुवदास महाराज के पिता नरायनदास साहिर ओरैया के जमींदारों की श्रेणी में आते हैं। गांव में उनकी अच्छी खासी जमीन है। ध्रुवदास महाराज ने बताया कि आज भी उनके पास करीब 1100 बीघा की जमीन है। गांव में कोठी है और तिजोरी में करोड़ों की दौलत। पिता जी खेती का काम देखते हैं, जबकि परिवार के अन्य सदस्य उनकी मदद करते हैं। लेकिन हम ये सारी मोह माया छोड़कर भगवान के भजन में लग गए हैं। मोह माया कभी साथ नही गई साथ हमेशा अच्छे कर्म ही जाते है, इसलिए हम सब कुछ त्याग कर भगवान के भजन में लगे हैं।
ध्रुवदास बाबा के अनुसार, संत के पास सबसे बड़ी दौलत ईश्वर होती है। इसी को पाने के लिए संत पूरा जीवन खपा देता है।
घर द्वार सब कुछ त्याग दिया
ध्रुवदास महाराज की मां बचपन में गुजर गई थीं, जिससे उन्हें मां का प्रेम नहीं मिल पाया। लिहाजा, वे भगवान से ही प्रेम करने लगे। फिर इसी उम्र में एक संत को गुरु बनाकर अयोध्या निकल गए, तब से लेकर आज तक महाराज ने घर द्वार सब कुछ त्याग दिया है। पिछले 30 साल में ध्रुवदास महाराज ने देश के सारे मंदिर घूम कर तीर्थ कर लिए हैं। जहां मंदिर मिल जाता है वहीं रात में रुक जाते हैं। महाराज जी ने बताया कि वह कभी कुछ मांगते नहीं। मंदिर में भक्त जो प्रसाद चढ़ाते हैं, उसी को खाकर अपना पेट भरते हैं।
भगवान के सामने डायरी रख करते हैं कामना
ध्रुवदास महाराज पदयात्रा करते वक्त जहां-जहां रुकते हैं, वहां रुकने से लेकर खाने पीने तक का हिसाब-किताब सब डायरी में नोट कर लेते हैं। यही नही खाने पीने के अलावा अगर किसी ने उन्हें गाली भी दी तो वह भी उसी डायरी में नोट कर लेते हैं। महाराज डायरी मंदिर पर जाकर भगवान के आगे रख देते हैं और जिसके बारे में अच्छा लिखा है। उसके परिवार की भलाई की कामना करते हैं और जिसके बारे में बुरा लिखा है, उसे सद्बुद्धि देने की कामना करते हैं। महाराज कभी किसी गाड़ी से यात्रा नहीं करते। वह अब तक देश के सभी धार्मिक स्थलों पर पैदल जाकर दर्शनक कर चुके हैं।
सैय्यद अबू साद