उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची को लेकर सियासी घमासान तेज

एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा दावा किया कि प्रदेश में मतदाता सूची से करीब चार करोड़ नाम कम हो गए हैं। उत्तर प्रदेश की कुल आबादी लगभग 26 करोड़ है, जिसमें से लगभग 65 प्रतिशत लोग मतदाता बनने की पात्रता रखते हैं। इस हिसाब से राज्य में करीब 16 करोड़ मतदात

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सीएम योगी और अखिलेश यादव
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar15 Dec 2025 07:30 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच इस मुद्दे पर तीखी बयानबाजी देखने को मिल रही है। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा दावा किया कि प्रदेश में मतदाता सूची से करीब चार करोड़ नाम कम हो गए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की कुल आबादी लगभग 26 करोड़ है, जिसमें से लगभग 65 प्रतिशत लोग मतदाता बनने की पात्रता रखते हैं। इस हिसाब से राज्य में करीब 16 करोड़ मतदाता होने चाहिए।

करीब चार करोड़ मतदाता सूची से गायब 

सीएम योगी ने बताया कि जनवरी 2025 में जारी मतदाता सूची में 15.44 करोड़ नाम दर्ज थे। इसके बाद एक जनवरी 2026 तक 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले नए युवा मतदाता भी जुड़ने चाहिए थे, जिससे संख्या बढ़नी चाहिए थी। लेकिन इसके उलट, जो ड्राफ्ट मतदाता सूची सामने आई है, उसमें केवल 12 करोड़ मतदाताओं के नाम शामिल हैं। यानी करीब चार करोड़ मतदाता सूची से गायब हैं।

योगी ने कहा-लापता मतदाता पार्टी के विरोधी नहीं

मुख्यमंत्री ने भाजपा कार्यकतार्ओं से अपील करते हुए कहा कि ये लापता मतदाता पार्टी के विरोधी नहीं हैं, बल्कि इनमें से 80 से 90 प्रतिशत लोग भाजपा समर्थक हैं। उन्होंने कार्यकतार्ओं को निर्देश दिया कि वे ड्राफ्ट सूची की प्रतियां निकलवाकर बूथ स्तर पर मिलान करें। प्रत्येक बूथ पर मौजूद 200-250 परिवारों के आधार पर आसानी से जांच की जा सकती है। सीएम ने कहा कि अभी समय सीमित है, इसलिए योग्य मतदाताओं के नाम जोड़वाने के लिए उपयुक्त फॉर्म भरवाए जाएं। उन्होंने यह भी जोर दिया कि चुनाव बूथ स्तर पर जीते जाते हैं और किसी भी पात्र मतदाता का नाम छूटना नहीं चाहिए, जबकि अपात्र का नाम सूची में शामिल नहीं होना चाहिए।

अखिलेश यादव का तीखा जवाब

मुख्यमंत्री के इस बयान पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जब खुद मुख्यमंत्री यह स्वीकार कर रहे हैं कि एसआईआर प्रक्रिया में हटाए गए चार करोड़ मतदाताओं में से 85-90 प्रतिशत भाजपा के वोटर हैं, तो यह सीधे तौर पर पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) की जीत को दर्शाता है। अखिलेश यादव ने कहा कि इसका एक अर्थ यह भी निकलता है कि पीडीए समर्थकों की सतर्कता के चलते एसआईआर प्रक्रिया में भाजपा अपनी मनमर्जी नहीं चला पाई। दूसरा निष्कर्ष यह है कि जिन मतदाताओं के नाम साक्ष्यों के अभाव में हटाए गए, उनमें से बड़ी संख्या भाजपा समर्थकों की थी, यानी गड़बड़ी भी उन्हीं के स्तर से हो रही थी।

जितने वोट कट वे भाजपा को चुनावी दौड़ से बाहर करने के लिए काफी

उन्होंने आगे गणित समझाते हुए कहा कि यदि चार करोड़ में से करीब 3.40 करोड़ मतदाता भाजपा के थे, तो इसका मतलब है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 403 सीटों पर कुल मिलाकर भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। यह औसतन प्रति सीट लगभग 84 हजार वोटों की कमी के बराबर है, जो भाजपा को चुनावी दौड़ से बाहर करने के लिए काफी है। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने सत्ताधारी दल के नुकसान को देखते हुए ही एसआईआर प्रक्रिया की समयसीमा दो सप्ताह के लिए बढ़ाई है। साथ ही उन्होंने कहा कि पीडीए समर्थक अब पहले से कहीं अधिक सतर्कता के साथ इस प्रक्रिया पर नजर रखेंगे और किसी भी प्रकार की अनियमितता को सफल नहीं होने देंगे।

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जनवरी से लागू होगी उत्तर प्रदेश स्वच्छ वायु प्रबंधन योजना, योगी करेंगे शुभारंभ

यह योजना वर्ष 2025 से 2031 तक छह वर्षों में चरणबद्ध रूप से लागू की जाएगी। इस परियोजना का उद्देश्य प्रदेश की वायु गुणवत्ता में सुधार करना, नागरिकों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना और पर्यावरण के अनुकूल आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar15 Dec 2025 06:48 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में लगातार बढ़ रही वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए एक व्यापक और दीर्घकालिक पहल शुरू करने जा रही है। उत्तर प्रदेश स्वच्छ वायु प्रबंधन परियोजना का औपचारिक शुभारंभ जनवरी 2026 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया जाएगा। यह योजना वर्ष 2025 से 2031 तक छह वर्षों में चरणबद्ध रूप से लागू की जाएगी। इस परियोजना का उद्देश्य प्रदेश की वायु गुणवत्ता में सुधार करना, नागरिकों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना और पर्यावरण के अनुकूल आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।

सशक्त प्रशासनिक ढांचा

परियोजना के संचालन और निगरानी के लिए एक उच्चस्तरीय शासी निकाय का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता प्रदेश के मुख्य सचिव करेंगे। इसमें प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी शामिल होंगे। हाल में हुई बैठक में अधिकारियों को समयसीमा के भीतर लक्ष्यों को पूरा करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।

विश्व बैंक का सहयोग और वित्तीय संरचना

यह महत्वाकांक्षी योजना विश्व बैंक के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही है। विश्व बैंक के निदेशक मंडल ने 10 दिसंबर 2025 को इस परियोजना को मंजूरी प्रदान की। परियोजना की कुल लागत 2,760 करोड़ (304.66 मिलियन अमेरिकी डॉलर) निर्धारित की गई है, जिसमें से 2,714 करोड़ (299.66 मिलियन डॉलर) ऋण के रूप में तथा 45.29 करोड़ (5 मिलियन डॉलर) अनुदान के रूप में प्राप्त होंगे। इस राशि का उपयोग छह वर्षों में चरणबद्ध ढंग से किया जाएगा।

भारत की पहली एयरशेड आधारित पहल

उत्तर प्रदेश स्वच्छ वायु प्रबंधन परियोजना भारत की पहली एयरशेड-आधारित वायु गुणवत्ता योजना है। इसे विशेष रूप से इंडो-गंगा मैदान को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, जहाँ वायु प्रदूषण की समस्या गंभीर बनी हुई है। परियोजना का आधार आईआईटी कानपुर, आईआईटी दिल्ली और नॉर्वे के वायु अनुसंधान संस्थान द्वारा किए गए वैज्ञानिक अध्ययनों पर रखा गया है।

घरेलू, परिवहन और औद्योगिक क्षेत्रों पर फोकस

इस योजना के अंतर्गत लगभग 39 लाख परिवारों को स्वच्छ और सुरक्षित खाना पकाने के विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे घरेलू प्रदूषण में कमी आएगी। परिवहन क्षेत्र में लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और गोरखपुर जैसे प्रमुख शहरों में 15,000 इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन और 500 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। इसके साथ ही 13,500 अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले भारी वाहनों को हटाकर स्वच्छ तकनीक अपनाने हेतु प्रोत्साहन दिया जाएगा।

स्वच्छ उत्पादन प्रणालियों को बढ़ावा मिलेगा

औद्योगिक क्षेत्र में संसाधन-कुशल ईंट निर्माण तकनीक, सुरंग भट्टों और स्वच्छ उत्पादन प्रणालियों को बढ़ावा मिलेगा। औद्योगिक समूहों के लिए अलग-अलग स्वच्छ वायु प्रबंधन योजनाएं बनाई जाएंगी। छोटे भाप बॉयलरों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए साझा बॉयलर सुविधाओं की व्यवहार्यता का अध्ययन कर आवश्यक नीतिगत ढांचा तैयार किया जाएगा। वायु प्रदूषण की समस्या को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय बढ़ाएगी। सीमा-पार होने वाले उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए साझा रणनीति अपनाई जाएगी, जिससे कम लागत में अधिक टिकाऊ और प्रभावशाली परिणाम प्राप्त हो सकें।


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उत्तर प्रदेश में हाईवे लूट : 85 लाख रुपये मुनीम से छीनकर बाइक सवार बदमाश फरार

सरस्वती मेडिकल कॉलेज के पास घी-तेल व्यापारी के मुनीम अजय पाल से बाइक पर सवार दो बदमाशों ने 85 लाख रुपये छीन लिए। बदमाशों ने अजय पाल की चलती बाइक में टक्कर मारकर उसे गिरा दिया। जब वे गिर पड़े तो उन्हें तमंचा दिखाकर उनका बैग छीन लिया और बैग को रुपये सहित वे बदमाश ले उड़े।

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मुनीम अजय पाल और पुलिस अफसर
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar15 Dec 2025 05:36 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के हापुड़-गाजियाबाद हाईवे पर दिनदहाड़े एक बड़ी लूट की घटना सामने आई। सरस्वती मेडिकल कॉलेज के पास घी-तेल व्यापारी के मुनीम अजय पाल से बाइक पर सवार दो बदमाशों ने 85 लाख रुपये छीन लिए। बदमाशों ने अजय पाल की चलती बाइक में टक्कर मारकर उसे गिरा दिया। जब वे गिर पड़े तो उन्हें तमंचा दिखाकर उनका बैग छीन लिया और बैग को रुपये सहित वे बदमाश ले उड़े।

बाइक से टक्कर मारकर गिराया, फिर रुपये वाला बैग छीनकर फरार

पुलिस के अनुसार, अजय पाल दादरी निवासी हैं और वह व्यापारी गोपाल के लिए काम करते हैं। सोमवार को अजय पाल दो अलग-अलग व्यापारियों से कुल 85 लाख रुपये वसूलकर बाइक से गाजियाबाद लौट रहे थे। जैसे ही वे सरस्वती अस्पताल के पास फ्लाईओवर पर पहुंचे, बाइक सवार दो अपराधियों ने पीछे से उन्हें टक्कर मारी और गिरा दिया। इसके बाद उन्होंने अजय पाल को तमंचा दिखाकर डराया और रुपये से भरा बैग छीनकर फरार हो गए।

पुलिस ने इलाके में गहन जांच शुरू की

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने इलाके में जांच शुरू कर दी। दिनदहाड़े हुई इस लूट से स्थानीय व्यापारियों में डर और चिंता की स्थिति पैदा हो गई। एएसपी विनीत भटनागर ने बताया कि लूट की पूरी रकम 85 लाख रुपये है और अपराधियों की तलाश जारी है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही इस मामले का खुलासा किया जाएगा। यह रकम मुनीम अजय पाल दो व्यापारियों से लेकर आ रहे थे जब यह हादसा हुआ।

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