Thursday, 2 May 2024

चुनाव में हो गई है बहुत बड़ी एंट्री, बनेगा बड़ा मुद्दा

UP News : लोकसभा चुनाव-2024 के बीच उत्तर प्रदेश में एक नई एंट्री हो गई है। विश्लेषकों का दावा है कि…

चुनाव में हो गई है बहुत बड़ी एंट्री, बनेगा बड़ा मुद्दा

UP News : लोकसभा चुनाव-2024 के बीच उत्तर प्रदेश में एक नई एंट्री हो गई है। विश्लेषकों का दावा है कि चुनाव में हुई यह नई एंट्री उत्तर प्रदेश में नया चुनावी मुद्दा बन सकता है। चुनाव में यह नई एंट्री पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग प्रदेश बनवाने के नाम पर हुई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने का मुददा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया सुश्री मायावती ने उछाला है। सभी विश्लेषकों की नजर अब इस बात पर लगी है कि क्या पश्चिमी उत्तर प्रदेश को नया प्रदेश बनाने का मुद्दा बड़ा मुद्दा बनेगा?

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मायावती का मुद्दा पश्चिमी उत्तर प्रदेश को बनाएंगे अलग प्रदेश

बसपा की मुखिया सुश्री मायावती ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धुंआधार चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। इस दौरान मुजफ्फरनगर की एक जनसभा में सुश्री मायावती ने घोषणा कर दी कि सत्ता में आने के बाद वें पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाएंगी। उन्होंने कहा कि छोटा प्रदेश बनने से विकास अधिक गति से होता है। इसी कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग प्रदेश बनाना बेहद जरूरी है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुद्दे पर अन्य दल हैं मौन

बसपा नेता मायावती द्वारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने के नारे के बाद दूसरे दलों की प्रतिक्रया की प्रतीक्षा हो रही है। अभी बसपा को छोडक़र सारे राजनीतिक दल पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की बात पर पूरी तरह से मौन हैं। विश्लेषकों का कहना है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग बहुत पुरानी है। विश्लेषक बता रहे हैं कि सभी दल सुश्री मायावती के बयान का जनता पर होने वाले असर को नापने-तौलने में लगे हुए हैं। इन दलों को यदि जरा भी लगा कि यह मुददा जनता को प्रभावित कर रहा है तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग प्रदेश बनाने का यह मुददा चुनाव में बड़ा मुददा भी बन सकता है।

क्या है पश्चिमी उत्तर प्रदेश को राज्य बनाने का मुद्दा ?

सबको पता है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग तीन दशक से भी पुरानी मांग है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों का कहना है कि वे सबसे अधिक राजस्व उत्तर प्रदेश की सरकार को देते हैं। सबसे अधिक राजस्व देने के बावजूद पश्चिमी उत्तर प्रदेश का पर्याप्त विकास नहीं हो पाया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी समस्या तो उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट की है। यहां के नागरिकों का कहना है कि उत्तर प्रदेश का हाईकोर्ट उनके लिए पाकिस्तान से भी अधिक दूरी पर है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की अलग बैंच बनवाने की मांग को लेकर पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वकील 40 साल से आंदोलन चला रहे हैं। हाईकोर्ट बैंच की मांग पूरी ना होती हुई देखकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वकील भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग करने लगे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश निर्माण मोर्चा नामक संगठन भी इस मांग को लेकर आंदोलन चला रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश निर्माण मोर्चा के महासचिव कर्नल सुधीर सिंह का कहना है कि इस मुददे का समर्थन करने पर मोर्चा ने उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का आभार व्यक्त किया है। कर्नल सुधीर सिंह ने माना कि यह मुददा अब चुनाव का बड़ा मुददा जरूर बनेगा।

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