UP News : साल 2024 के शुरूआती महीने में आयोजित हुई यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा लीक होने के चलते रद्द करवा दी गई थी। जिसके बाद से उत्तर प्रदेश एसटीएफ की ओर से इस मामले से जुड़े आरोपियों की तलाश की जा रही है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश एसटीएफ के हाथों बड़ी कामयाबी लगी है। स्पेशल टास्क फोर्स के हाथ लगे एक आरोपी जिसे बुधवार को गिरफ्तार किया गया था से पूछताछ की जा रही है। जिसमें मुख्य साजिशकर्ता रवि अत्री ने कई बड़े खुलासा किया है।
एक साल पहले ही की थी प्लानिंग
पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा पेपर लीक करने के लिए एक साल पहले ही जाल बिछा लिया गया था। सबसे पहले उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर अहमदाबाद की तीन ट्रांसपोर्ट कंपनियों के कर्मचारियों को पैसे का लालच देकर फंसा लिया। उन्हें 1 साल तक हर महीने 15 से 20 हजार रुपये दिया करते थे। उनकी मदद से कंपनी के अंदर अपने साथी भेजकर जिस ट्रंक में पेपर रखा था उसे पीछे से खोल कर पेपर निकाला गया। जिसके बाद सील खोलकर पेपर का फोटा लिया। इस पूरी साजिश को अंजाम देने के लिए अहमदाबाद के होटल में एक महीने तक ठहरे। वहीं पेपर की तस्वीर मिलते के बाद वह फ्लाइट से दिल्ली आ गए।
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पहले भी कर चुके हैं पेपर लीक
साथ ही पूछताछ में बताया गया कि इसके बाद उन्होंने मध्यप्रदेश के शिव शक्ति रिजॉर्ट में 300 से ज्यादा उम्मीदवारों को बुलाकर पेपर पढ़ाया। जिसके बाद उसने अपने साथियों के साथ मिलकर गुड़गांव के ग्रीन वैली रिसॉर्ट में 700 से ज्यादा उम्मीदवार को बुलाकर पेपर पढ़ाया था और कई उम्मीदवारों को कॉपी भी दी गई। उनके गैंग में झांसी जेल में बंद मोनू गर्जर, रजनीश रंजन, गौतम बुद्ध नगर की जेल में बंद मोनू पंडित गौरव और प्रमोद पाठक पुराने दोस्त हैं। इससे पहले भी यह लोग कई परीक्षों के पेपर लीक कर चुके हैं।
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