Sunday, 16 June 2024

यूपी के इस शहर में धड़ल्ले से बेची जा रही नकली दवाइयां, जांच में खुलासा

UP News :  उत्तर प्रदेश के आगरा से एक बड़ी खबर सामने आई है। खबर है कि उत्तर प्रदेश के…

यूपी के इस शहर में धड़ल्ले से बेची जा रही नकली दवाइयां, जांच में खुलासा

UP News :  उत्तर प्रदेश के आगरा से एक बड़ी खबर सामने आई है। खबर है कि उत्तर प्रदेश के आगरा में प्रशासन की सख्ती के बावजूद नकली दवाओं का बिजनेस धड़ल्ले से चल रहा है। दरअसल उत्तर प्रदेश के आगरा के दवा विक्रेताओं से लिए गए दवाओं के सैंपल जांच के लिए भेजे गए, तो वह लैब टेस्ट में फेल हो गए। जो दवाएं लोगों को बीमारी दूर करने के लिए दी जा रही है, वह बीमारियां बढ़ सकती है। क्योंकि मार्केट में नकली दवाएं का बिजनेस तेजी से फैल रहा है।

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आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के आगरा ड्रग विभाग के द्वारा लिए गए 39 सैंपल जब जांच को लैब भेजे गए और लैब में दवाओं के सैंपल की जांच की गई तो सैंपल फेल हो गए, तब जाकर यह नकली दवाओं के बाजार का सच पता चला।

जांच के लिए भेजे गए 39 सैंपल फैल

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि असिस्टेंट ड्रग कमिश्नर अतुल उपाध्याय ने बताया कि पिछले साल अप्रैल से लेकर मार्च 2024 तक लगभग 275 विभिन्न दवाओं के नमूने ड्रग विभाग की ओर से लिए गए थे। जिन्हें जांच के लिए लखनऊ में मौजूद सरकारी लैब में भेजा गया। रिपोर्ट में 39 सैंपल नकली और निम्न गुणवत्ता के पाए गए हैं। इन नकली दवाओं में एंटीबायोटिक टैबलेट, दर्द निवारक टैबलेट, गैस के कैप्सूल , खांसी के सिरप आदि शामिल बताए जा रहे है। मिली जानकारी के अनुसार ड्रग विभाग द्वारा जांच के लिए भेजे गए 39 सैंपल फैल हो चुके है।

जिसमे 20 सैंपल एंटीबायोटिक टेबलेट , 5 गैस के कैप्सूल और 14 खांसी के सिरप के हैं, ये सैंपल जांच रिपोर्ट में फेल हुए हैं। लैब रिपोर्ट आने के बाद ड्रग विभाग की ओर से फर्म मालिक सहित कंपनियों पर 12 मुकदमे दर्ज किए गए है। इसके साथ ही 45 दवा विक्रेताओं के लाइसेंस को निरस्त कर दिया गया है।

नामी कंपनियों के नाम से नकली दवाइयां बनाईं

दरअसल जिन कंपनियों के नाम से नकली दवा बाजार में धड़ल्ले से बेची जा रही है। उनके नाम है हिमालिया मेडिटेक , कैंडिला हेल्थ केयर , एबॉट हेल्थकेयर , विंग्स, प्योर एंड क्योर हेल्थकेयर सहित अल्फा प्रॉडक्ट शामिल है। दवाओं के सैंपल फैल होने पर ड्रग विभाग के एसिस्टेंड कमिश्नर अतुल उपाध्याय ने बताया पिछले वित्तीय वर्ष में लिए गए सैंपल की जांच रिपोर्ट के बाद कार्यवाही की गई है। इसलिए दवा लेते समय लोगो को भी जागरूक होने की जरूरत है। दवा लेने से पहले दुकानदार से बिल मांगे। क्यूआर कोड को स्कैन करें तब जाकर दवा को खरीदा जाए। ताकि हमें दवा लेने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।  UP News

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