Friday, 3 May 2024

UPSC Exam : हाथ-पांव खो देने के बावजूद कामयाबी के आसमान पर चमका ‘सूरज’

सैय्यद अबू साद UPSC Exam : मैनपुरी। प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। इसके आगे सारी समस्याएं बौनी हैं। इस…

UPSC Exam : हाथ-पांव खो देने के बावजूद कामयाबी के आसमान पर चमका ‘सूरज’

सैय्यद अबू साद

UPSC Exam : मैनपुरी। प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। इसके आगे सारी समस्याएं बौनी हैं। इस बात को सही साबित कर दिखाया है मैनपुरी के सूरज तिवारी ने। सूरज के दोनों पैर नहीं हैं, एक हाथ भी नहीं और एक हाथ की दो उंगलियां भी नहीं हैं, बावजूद इसके सूरज ने यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में क्वालीपाई किया है और 917वीं रैंक हासिल की है।

UPSC Exam :

 

आईएएस बनने का सपना पूरा किया
सूरज के पिता मैनपुरी में एक दर्जी का काम करते हैं। सूरज के ऊपर क्या नहीं बीती, लेकिन हार ना मानकर उसने लड़ने का फैसला लिया। सूरज ने आर्थिक स्थिति और दिव्यांगता को अपने रास्ते में मुश्किल नहीं बनने दिया और अपनी मंजिल पा ली। दरअसल एक ट्रेन हादसे में सूरज ने दोनों पैर और दायां हाथ, दूसरे हाथ की दो उंगलियां गंवा दी थीं। बावजूद इसके मैनपुरी के सूरज तिवारी देश की सबसे प्रतिष्ठित भारतीय प्रशासनिक परीक्षा में किसी सितारे की तरह चमके। आज उनका यूपीएससी पास करने का सपना पूरा हो गया है।

ट्रेन हादसे में हुए दिव्यांग
एक समय डिप्रेशन के शिकार हो चुके दर्जी पिता की संतान सूरज ने अपने हौसलों और जिद से नया प्रतिमान गढ़ा है। उनकी कहानी किसी को भी आगे बढ़ने का हौसला दे सकती है। सूरज के पिता मैनपुरी निवासी राजेश तिवारी पेशे से दर्जी हैं। सूरज तिवारी उनके छोटे पुत्र हैं। 29 जनवरी 2017 को सूरज के बड़े भाई राहुल ने जान दी तो परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। परिवार हादसे से उबरने की कोशिश कर ही रहा था कि 27 मई 2017 को सूरज के साथ हुए भीषण ट्रेन हादसे ने पूरे परिवार की उम्मीदों को तोड़ दिया। दिल्ली से घर आते समय बादलपुर रेलवे स्टेशन पर भीड़ के दबाब में उनका पैर फिसला तो वह ट्रेन की चपेट में आ गए और उनके दोनों पैर, दायां हाथ और बाएं हाथ की अंगुलियां कट गईं।

UPSC Exam: Despite losing hands and legs, the 'sun' shines on the sky of success
Suraj tiwari

बेटे ने किया नाम रोशन
आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बाद भी सूरज ने अपनी दिव्यांगता के साथ ही अपनी मंजिल की ओर बढ़ना शुरू कर दिया और आज उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। सूरज की इस सफलता से जहां एक तरफ उनका परिवार और रिश्तेदार काफी खुश हैं। वहीं जिले के लोग भी सूरज की सफलता का लोहा मान रहे हैं। सूरज के पिता ने बेटे की सफलता पर कहा कि जब लोगों ने मुझे इसकी जानकारी दी तो मुझे तो विश्वास ही नहीं हुआ। मुझे गर्व है कि मेरे बेटे ने आज हमारे परिवार और जिले का नाम रोशन कर दिया है।

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