Uttar Pradesh News: नई पेंशन स्कीम यानी NPS की राशि निजी बैंकों में जमा करने के मामले की जांच अब एसआईटी द्वारा की जाएगी। यह मामला उत्तर प्रदेश के शिक्षकों और कर्मचारियों के एनपीएस फंड से जुड़ा है, जहां बगैर उनकी मर्जी के उनका फंड प्राइवेट कंपनियों में निवेश कर दिया गया है। बता दें कि विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही इस मुद्दे को उठाया गया। जहां विधान परिषद में नेता सदन व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने SIT जांच का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार करने वालों को किसी भी हाल में नहीं बख्शेगी। विधान परिषद सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिए यह मुद्ददा उठाया।
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उन्होंने कहा नई पेंशन स्कीम के तहत शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन से 10 फीसदी कटौती होती है, जबकि 14 प्रतिशत राशि उत्तर प्रदेश सरकार जमा करती है। जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से यह राशि एनएसडीएल संस्था के पास जमा की जाती है, जो एसबीआई, एलआईसी और यूटीआई में निवेश होती है।
शिक्षकों व कर्मचारियों की सहमति लिए बिना निजी कंपनी में हुआ निवेश:
Uttar Pradesh एडेड माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों व कर्मचारियों की सहमति लिए बिना ही यह राशि निजी बैंकों में जमा कर दी गई है। उत्तर प्रदेश के उन विद्यालयों की बात करें, तो इस सूची में लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, अलीगढ़, इटावा, बलरामपुर, कासगंज, बिजनौर, रामपुर, देवरिया, गाजियाबाद, अंबेडकरनगर, चित्रकूट, फतेहपुर, मेरठ, आगरा, बाराबांकी, व सोनभद्र समेत करीब 2 दर्जन जिलों में इस एनपीएस के नियम-कायदे तोड़े गए हैं। इस यूपी प्रकरण में एक भी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर नेता केशव ने कहा कि यह बेहद गंभीर प्रकरण है, और इसलिए इस मामले की जांच एसआईटी से कराने की सिफारिश की गई है। सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने कहा कि जांच जल्दी और समयबद्ध ढंग से पूरी की जानी चाहिए।