Friday, 3 May 2024

AMU यूनिवर्सिटी में पहली बार बनी महिला कुलपति, जानें कौन है?

Uttar Pradesh News:  उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में लंबे समय से वीसी को लेकर चर्चा चल रही थी।…

AMU यूनिवर्सिटी में पहली बार बनी महिला कुलपति, जानें कौन है?

Uttar Pradesh News:  उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में लंबे समय से वीसी को लेकर चर्चा चल रही थी। आखिर इस बार AMU में कौन वीसी का पद सभांलेगा? क्योंकि इसे लेकर लंबे समय से तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन अब अचानक ही AMU विश्वविद्यालय को नया VC मिल गया है।

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आपको बता दें कि AMU युनीवर्सीटी ने इस बार इतिहास रचा है, इस बार वीसी कोई पुरुष नहीं बल्कि एक महिला बनी है। पहली बार AMU युनीवर्सीटी में राष्ट्रपति द्वारा पहली महिला प्रोफेसर नईमा खातून को VC का पद मिला है। पूर्व वीसी तारिक मंसूर के पद से इस्तीफा देने के बाद खातून के पति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ को पिछले साल विश्वविद्यालय के कार्यवाहक वीसी बनाया गए था। दरअसल तारिक मंसूर के उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बनने के बाद से विश्वविद्यालय में ये पद खाली था।

कौन कौन था वीसी की रेस में?

खबरों के मुताबिक AMU युनीवर्सीटी की वीसी की रेस में तीन नाम समाने आए थे। प्रो. एमयू रब्बानी 2. प्रोफेसर फैजान मुस्तफा 3. प्रोफ़ेसर नईमा गुलरेज़। AMU युनीवर्सीटी ने अपने 103 साल के इतिहास में पहली बार एक महिला कुलपति की नियुक्त किया है। बता दें कि तीन उम्मीदवारों का एक पैनल बनाकर उन्हें राष्ट्रपति के पास भेजा गया था, जिसमें से प्रोफेसर नईमा खातून को AMU के कुलपति के रूप में चुना गया।

विवादों में घिरी रही नियुक्ति

मिली जानकारी के अनुसार VC नियुक्ति के लिए AMU के कार्यकारी परिषद ने 30 अक्टूबर को कुल 20 उम्मीदवारों में से 5 उम्मीदवारों का एक पैनल तैयार हुआ, इसमें 3 उम्मीदवारों का एक पैनल 6 नवंबर को AMU कोर्ट के सदस्यों द्वारा तैयार किया गया था। नामांकन के लिए इस पैनल को रिपब्लिक को भेज दिया गया था। जब गुलरेज़ को इस पद के शॉर्टलिस्ट किए जाने को लेकर टकराव से संबंधित कई शिकायतें दर्ज हुई थीं, क्योंकि उनके पति कार्यवाहक वीसी प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ ने उस बैठक की अध्यक्षता की थी जिसमें उन्हें पैनल में शामिल किया गया था।

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इसके खिलाफ मामला विश्वविद्यालय परिसर से लेकर राष्ट्रपति और इलाहाबाद उच्च न्यायालय तक चला गया। इलाहाबाद हाई कोर्ट में आखिरी सुनवाई 15 अप्रैल को हुई थी और अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होनी है। फिलहाल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की वीसी के पद पर नईमा खातून को पदासीन किया गया है।

नैशनल यूनिवर्सिटी ऑफ रवांडा में भी पढ़ा चुकी हैं

बता दें कि राजनीतिक मनोविज्ञान में विशेषज्ञता के साथ, प्रोफेसर खातून दिल्ली के अध्ययन विकास केंद्र और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से पीएचडी कर चुकी हैं। उन्होंने मध्य अफ्रीका के नैशनल यूनिवर्सिटी ऑफ रवांडा में भी फैकल्टी सदस्य के रूप में काम य किया है। उन्होंने अक्टूबर साल 2015 से अलीगढ़ के एएमयू में सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड कैरियर प्‍लानिंग के डायरेक्‍टर का रोल अदा किया था। Uttar Pradesh News

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