क्राइम कंट्रोल की नई टेक-ताकत: उत्तर प्रदेश में लॉन्च हुआ ‘यक्ष ऐप’
इस ऐप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह अपराधियों का एकीकृत डिजिटल डेटाबेस तैयार कर पहचान, क्राइम हिस्ट्री और पुराने मामलों की कड़ियों को एक ही प्लेटफॉर्म पर जोड़ता है। अब तक थानों में रजिस्टरों और फाइलों में बिखरी जानकारी खंगालने में समय लगता था, जिससे कई बार जांच की गति भी प्रभावित होती थी

UP News : उत्तर प्रदेश में अपराध पर लगाम कसने की दिशा में पुलिस ने तकनीक का बड़ा दांव खेला है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपराध नियंत्रण के लिए ‘यक्ष ऐप’ लॉन्च किया है, जिसका शुभारंभ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इस ऐप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह अपराधियों का एकीकृत डिजिटल डेटाबेस तैयार कर पहचान, क्राइम हिस्ट्री और पुराने मामलों की कड़ियों को एक ही प्लेटफॉर्म पर जोड़ता है। अब तक थानों में रजिस्टरों और फाइलों में बिखरी जानकारी खंगालने में समय लगता था, जिससे कई बार जांच की गति भी प्रभावित होती थी। लेकिन उत्तर प्रदेश में ‘यक्ष ऐप’ के जरिए यह प्रक्रिया डिजिटल सिस्टम में शिफ्ट हो रही है जहां AI की मदद से डेटा जल्दी मैच होगा, संदिग्धों का नेटवर्क ट्रेस करना आसान होगा और पुलिस की कार्रवाई तेज़, सटीक और ज्यादा प्रभावी बन सकेगी।
क्या है ‘यक्ष ऐप’ और UP पुलिस को कैसे देगा बढ़त?
‘यक्ष ऐप’ के जरिए उत्तर प्रदेश के हर जिले और हर थाने से जुड़ा अपराधियों का डेटा अब एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर समेटा जा सकेगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि किसी भी मामले में संदिग्ध या पकड़े गए व्यक्ति की तुरंत पहचान, उसकी पुरानी एफआईआर/मुकदमों की हिस्ट्री, गैंग से जुड़ाव और गतिविधियों का पूरा ट्रैक रिकॉर्ड पुलिस के सामने कुछ ही पलों में आ जाएगा। साफ है कि UP पुलिस अब पारंपरिक रिकॉर्ड-खोज से आगे बढ़कर डेटा-ड्रिवन पुलिसिंग की ओर कदम बढ़ा रही है। जहां बीट पर निगरानी से लेकर क्राइम एनालिटिक्स तक, हर स्तर पर फैसले डिजिटल इनपुट और इंटेलिजेंस के आधार पर लिए जाएंगे।
ऐप की खासियत
‘यक्ष ऐप’ में उत्तर प्रदेश के अपराधियों से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी को एकदम व्यवस्थित और अपडेटेड डिजिटल फॉर्म में सुरक्षित रखा जाएगा। खास बात यह है कि यह सिर्फ रिकॉर्ड रखने वाला ऐप नहीं, बल्कि AI-आधारित इंटेलिजेंस टूल की तरह काम करेगा। इसमें फेस रिकग्निशन से पहचान, वॉइस रिकग्निशन से आवाज का मिलान, गैंग-लिंक एनालिसिस से नेटवर्क की कड़ियां, और संदिग्ध के इलाके/मूवमेंट में बदलाव पर लोकेशन शिफ्ट अलर्ट जैसी सुविधाएं शामिल हैं। साथ ही डिजिटल रिकॉर्ड स्टोरेज के जरिए पूरी क्राइम हिस्ट्री एक ही जगह मिल सकेगी।
निगरानी होगी केंद्रीकृत
उत्तर प्रदेश एसटीएफ मुख्यालय में ‘यक्ष ऐप’ का समर्पित कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिससे प्रदेशभर में होने वाली डेटा मॉनिटरिंग और रियल-टाइम कोऑर्डिनेशन एक ही केंद्रीय सिस्टम से संभव हो सकेगा। इस कंट्रोल रूम के जरिए जरूरत पड़ने पर थानों, फील्ड यूनिट्स और स्पेशल टीमों को तुरंत इनपुट और अलर्ट भेजे जा सकेंगे। माना जा रहा है कि UP में बढ़ते डिजिटल और संगठित अपराध से निपटने में ‘यक्ष ऐप’ पुलिस के लिए एक हाई-टेक ढाल साबित होगा, जो अपराधियों की पहचान से लेकर उनकी गिरफ्त तक की प्रक्रिया को तेज, सटीक और ज्यादा प्रभावी बनाएगा।
UP में टेक्नोलॉजी-ड्रिवन पुलिसिंग की दिशा
‘यक्ष ऐप’ का लॉन्च उत्तर प्रदेश में टेक्नोलॉजी-ड्रिवन पुलिसिंग की उसी तेज होती रफ्तार का संकेत है, जिसमें अपराध के साथ-साथ कानून-व्यवस्था के तरीकों को भी अपग्रेड किया जा रहा है। इससे पहले भी सरकार ने पुलिस विभाग में AI के उपयोग को लेकर कई पहलें आगे बढ़ाई हैं, ताकि ऑनलाइन फ्रॉड, साइबर क्राइम और लगातार बदलते अपराध के नए-नए तौर-तरीकों पर कड़ी और स्मार्ट निगरानी रखी जा सके। साफ है कि UP अब परंपरागत पुलिसिंग से आगे बढ़कर डेटा, तकनीक और विश्लेषण के दम पर क्राइम कंट्रोल की नई रणनीति गढ़ रहा है। UP News
UP News : उत्तर प्रदेश में अपराध पर लगाम कसने की दिशा में पुलिस ने तकनीक का बड़ा दांव खेला है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपराध नियंत्रण के लिए ‘यक्ष ऐप’ लॉन्च किया है, जिसका शुभारंभ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इस ऐप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह अपराधियों का एकीकृत डिजिटल डेटाबेस तैयार कर पहचान, क्राइम हिस्ट्री और पुराने मामलों की कड़ियों को एक ही प्लेटफॉर्म पर जोड़ता है। अब तक थानों में रजिस्टरों और फाइलों में बिखरी जानकारी खंगालने में समय लगता था, जिससे कई बार जांच की गति भी प्रभावित होती थी। लेकिन उत्तर प्रदेश में ‘यक्ष ऐप’ के जरिए यह प्रक्रिया डिजिटल सिस्टम में शिफ्ट हो रही है जहां AI की मदद से डेटा जल्दी मैच होगा, संदिग्धों का नेटवर्क ट्रेस करना आसान होगा और पुलिस की कार्रवाई तेज़, सटीक और ज्यादा प्रभावी बन सकेगी।
क्या है ‘यक्ष ऐप’ और UP पुलिस को कैसे देगा बढ़त?
‘यक्ष ऐप’ के जरिए उत्तर प्रदेश के हर जिले और हर थाने से जुड़ा अपराधियों का डेटा अब एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर समेटा जा सकेगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि किसी भी मामले में संदिग्ध या पकड़े गए व्यक्ति की तुरंत पहचान, उसकी पुरानी एफआईआर/मुकदमों की हिस्ट्री, गैंग से जुड़ाव और गतिविधियों का पूरा ट्रैक रिकॉर्ड पुलिस के सामने कुछ ही पलों में आ जाएगा। साफ है कि UP पुलिस अब पारंपरिक रिकॉर्ड-खोज से आगे बढ़कर डेटा-ड्रिवन पुलिसिंग की ओर कदम बढ़ा रही है। जहां बीट पर निगरानी से लेकर क्राइम एनालिटिक्स तक, हर स्तर पर फैसले डिजिटल इनपुट और इंटेलिजेंस के आधार पर लिए जाएंगे।
ऐप की खासियत
‘यक्ष ऐप’ में उत्तर प्रदेश के अपराधियों से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी को एकदम व्यवस्थित और अपडेटेड डिजिटल फॉर्म में सुरक्षित रखा जाएगा। खास बात यह है कि यह सिर्फ रिकॉर्ड रखने वाला ऐप नहीं, बल्कि AI-आधारित इंटेलिजेंस टूल की तरह काम करेगा। इसमें फेस रिकग्निशन से पहचान, वॉइस रिकग्निशन से आवाज का मिलान, गैंग-लिंक एनालिसिस से नेटवर्क की कड़ियां, और संदिग्ध के इलाके/मूवमेंट में बदलाव पर लोकेशन शिफ्ट अलर्ट जैसी सुविधाएं शामिल हैं। साथ ही डिजिटल रिकॉर्ड स्टोरेज के जरिए पूरी क्राइम हिस्ट्री एक ही जगह मिल सकेगी।
निगरानी होगी केंद्रीकृत
उत्तर प्रदेश एसटीएफ मुख्यालय में ‘यक्ष ऐप’ का समर्पित कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिससे प्रदेशभर में होने वाली डेटा मॉनिटरिंग और रियल-टाइम कोऑर्डिनेशन एक ही केंद्रीय सिस्टम से संभव हो सकेगा। इस कंट्रोल रूम के जरिए जरूरत पड़ने पर थानों, फील्ड यूनिट्स और स्पेशल टीमों को तुरंत इनपुट और अलर्ट भेजे जा सकेंगे। माना जा रहा है कि UP में बढ़ते डिजिटल और संगठित अपराध से निपटने में ‘यक्ष ऐप’ पुलिस के लिए एक हाई-टेक ढाल साबित होगा, जो अपराधियों की पहचान से लेकर उनकी गिरफ्त तक की प्रक्रिया को तेज, सटीक और ज्यादा प्रभावी बनाएगा।
UP में टेक्नोलॉजी-ड्रिवन पुलिसिंग की दिशा
‘यक्ष ऐप’ का लॉन्च उत्तर प्रदेश में टेक्नोलॉजी-ड्रिवन पुलिसिंग की उसी तेज होती रफ्तार का संकेत है, जिसमें अपराध के साथ-साथ कानून-व्यवस्था के तरीकों को भी अपग्रेड किया जा रहा है। इससे पहले भी सरकार ने पुलिस विभाग में AI के उपयोग को लेकर कई पहलें आगे बढ़ाई हैं, ताकि ऑनलाइन फ्रॉड, साइबर क्राइम और लगातार बदलते अपराध के नए-नए तौर-तरीकों पर कड़ी और स्मार्ट निगरानी रखी जा सके। साफ है कि UP अब परंपरागत पुलिसिंग से आगे बढ़कर डेटा, तकनीक और विश्लेषण के दम पर क्राइम कंट्रोल की नई रणनीति गढ़ रहा है। UP News











