Mumbai : मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) में सियासी पत्ते फेंटे जा रहे हैं, लेकिन तुरुप का पत्ता किसके पास है, अभी यह रहस्य बना हुआ है। उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट एक दूसरे को मात देने की फिराक में लगे हैं। इसमें कभी कोई आगे दिखता है, कभी कोई। शनिवार तक लग रहा था कि मैच उद्धव के हाथ में है, लेकिन रविवार को एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) को एक चिट्ठी लिखकर उद्धव को एक और झटका देने की तैयारी में जुट गए हैं। सीएम एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि सरकार उन 12 एमएलसी के नाम वापस लेना चाहती है, जो पिछली महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार द्वारा दिए गए थे।
पिछली सरकार ने उन 12 नामों की लिस्ट दी थी, जिन्हें राज्यपाल कोटे के तहत महाराष्ट्र विधान परिषद में नामित किया जाना था। हालांकि राज्यपाल ने दो साल से अधिक समय पहले मिली इस सूची पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया है। महाराष्ट्र में हाल में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद से ही राज्यपाल द्वारा विधान परिषद सदस्य के लिए नियुक्त किए जाने वाले 12 नामों पर नए सिरे विचार करने की चर्चा हो रही थी।
मुख्यमंत्री रहते हुए उद्धव ठाकरे ने जिन 12 नामों की सिफारिश गवर्नर कोश्यारी से की थी, उनमें शिवसेना से उर्मिला मातोंडकर और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की तरफ से एकनाथ खडसे जैसे नाम शामिल हैं। गवर्नर के पास लंबे समय से यह सिफारिश लंबित थी। लिस्ट में शिवसेना की ओर से अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर, विजय करंजकर, नितिन बानुगड़े पाटिल और चंद्रकांत रघुवंशी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से एकनाथ खडसे, राजू शेट्टी, यशपाल भिंगे और गायक आनंद शिंदे व कांग्रेस की ओर से रजनीताई पाटिल, सचिन सावंत, अनिरुद्ध वांकर, मुजफ्फर हुसैन का नाम शामिल था।
महाराष्ट्र में शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच दशहरा रैली की जगह को लेकर चल रहे विवाद के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मुख्यमंत्री शिंदे को सुझाव दिया कि रैली को लेकर किसी तरह के टकराव से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री को टकराव के रास्ते से बचना चाहिए और सभी को साथ लेकर चलना चाहिए।
दादर के शिवाजी पार्क में हर साल शिवसेना की दशहरा रैली निकाली जाती है। इस बार शिवाजी पार्क शिवसेना में उद्धव गुट और एकनाथ शिंदे गुट के बीच राजनीतिक युद्ध का अखाड़ा बनने जा रहा है। पांच अक्टूबर को दशहरा है और अब की बार यहां किसकी रैली होगी यह कहना मुश्किल हो गया है।