Saturday, 27 April 2024

MBBS doctor: 3 रुपये वाला MBBS डाक्टर, हर दिन करता है 500 मरीजों का इलाज

MBBS doctor: एमबीबीएस (MBBS) डाक्टर यानि भारी भरकम फीस और महंगी दवाईयां, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे एमबीबीएस डाक्टर…

MBBS doctor: 3 रुपये वाला MBBS डाक्टर, हर दिन करता है 500 मरीजों का इलाज

MBBS doctor: एमबीबीएस (MBBS) डाक्टर यानि भारी भरकम फीस और महंगी दवाईयां, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे एमबीबीएस डाक्टर से मिलवा रहे हैं, जो केवल 3 रुपये में मरीजों का इलाज करता है। इस 3 रुपये में वह जांच, परामर्श, इंजेक्शन और उनकी खुद की फीस शामिल है। खास बात यह है कि यह एमबीबीएस डाक्टर प्रतिदिन 500 मरीजों का उपचार करते हैं। एक खास बात और है, वो ये कि ये डाक्टर साहब किसी महंगे और एसी कमरे में बैठकर उपचार नहीं करते हैं, बल्कि खुले में चौपाल पर बैठकर मरीजों का इलाज करते हैं।

MBBS doctor

कर्नाटक में शक्कर जिले के रूप में मशहूर मांड्या में डॉक्टर गौड़ा मरीज को 3 रुपये में उपचार का पूरा पैकेज उपलब्ध कराते हैं। वह पिछले 35 सालों से कर्नाटक के इस गन्ना बहुल जिले में अपनी प्रैक्टिस कर रहे हैं। शिवाली के पैतृक और बांडी गौडा के रहने वाले डॉक्टर गौड़ा के चाहने वाले पूरे जिले में फैले हुए हैं। उन्होंने अच्छे वेतन की पेशकश के बाद भी किसी निजी अस्पताल को अपनी सेवाएं नहीं दी और न ही अपनी फीस में वृद्धि की है। शिवाली के पैतृक और बांडी गौडा के रहने वाले डॉ गौड़ा के चाहने वाले पूरे जिले में फैले हुए हैं।

ठुकरा दी थी भारी भरकम वेतन की पेशकश

उन्होंने अच्छे वेतन की पेशकश के बाद भी किसी प्राइवेट अस्पताल को अपनी सेवाएं नहीं दी और न ही अपनी फीस में इजाफा किया। मणिपाल के मशहूर कस्तूरबा मेडिकल लेज से MBBS की डिग्री प्राप्त करने के बाद डॉ गौड़ा ने परास्नातक डिप्लोमा किया। चर्म रोग के विशेषज्ञ डॉ गौड़ा एक मिठाई की दूकान पर बैठ कर मरीजों को देखते हैं। उनकी लोकप्रियता के चलते दूर दराज से लोग उनके पास इलाज करवाने आते हैं।

खेतीबाड़ी भी करते हैं डा. गौंडा

शिवालिक के रहने वाले डॉक्टर गौड़ा मांड्या में प्रैक्टिस किया करते थे, जो उनके गांव से लगभग 12 किलोमीटर दूर है। उन्होंने नोटिस किया कि उनके इलाके के कई लोग वहां उपचार के लिए आते हैं। इसके बाद उन्होंने निर्धारित किया कि वह अपने गांव जाकर वहीं प्रैक्टिस करेंगे। गौड़ा डॉक्टरी के अतिरिक्त छोटे पैमाने पर खेती-बाड़ी भी करते हैं। इतने सालों का अनुभव होने के बाद भी डॉ गौड़ा के पास अभी तक खुद की गाड़ी नहीं है। रोज़ाना वह अपने पब्लिक ट्रांसपोर्ट से अपने क्लीनिक पहुंचते हैं। हर दिन की तरह यहां हमेशा लंबी लाइन लगी रहती है। रोगियों की भीड़ कितनी भी हो वह सभी मरीजों को देखे बिना नहीं उठते। उनके पास आने वाले अधिकतर मरीज उपचार से संतुष्ट दिखाई देते हैं।

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