उपराष्ट्रपति पद पर बीजेपी की नजर! नाम पर जल्द लगेगी मुहर

बीजेपी को चाहिए अपना उपराष्ट्रपति
सूत्रों की मानें तो बीजेपी इस बार उपराष्ट्रपति पद के लिए गठबंधन के सहयोगी दलों की बजाय पार्टी की विचारधारा से जुड़े किसी मजबूत चेहरे को आगे लाने की तैयारी में है। पार्टी चाहती है कि यह पद एक ऐसे नेता को मिले जिसकी छवि बेदाग हो, संगठन से जुड़ाव गहरा हो और जो संसदीय कार्यों में दक्षता रखता हो।रामनाथ ठाकुर का नाम चर्चा में क्यों आया?
बीते दिनों बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और जेडीयू नेता व राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर की मुलाकात ने राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी थी। ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं और अतिपिछड़ा वर्ग से आते हैं। इस मुलाकात को उपराष्ट्रपति पद से जोड़कर देखा जाने लगा। हालांकि, विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार यह मुलाकात महज औपचारिक थी और इसका उपराष्ट्रपति पद से कोई लेना-देना नहीं था। नड्डा ने उस दिन कई अन्य सांसदों से भी मुलाकात की थी। बीजेपी ने न तो रामनाथ ठाकुर के नाम पर विचार किया है और न ही जेडीयू से इस विषय में कोई संवाद हुआ है। ऐसे में ठाकुर को लेकर चली अटकलें फिलहाल निराधार साबित हो रही हैं।यह भी पढ़े: उपराष्ट्रपति की रेस में 3 नाम, धनखड़ के बाद कौन संभालेगा जिम्मा?
धनखड़ के बाद किस पर भरोसा?
बीजेपी अब उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने संगठन या सरकार में अनुभवी नेता को मौका देने पर विचार कर रही है। जगदीप धनखड़ से पहले एम. वेंकैया नायडू जैसे संगठननिष्ठ और अनुभवी नेता इस पद पर रह चुके हैं। पार्टी इसी प्रकार के प्रोफाइल वाले चेहरे की तलाश कर रही है एक ऐसा व्यक्ति जो संसद की गरिमा बनाए रख सके, विपक्ष से संवाद कर सके और पार्टी की सोच का प्रतिनिधित्व कर सके। एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा, “हम एक ऐसा नाम सामने लाना चाहते हैं, जिसकी सार्वजनिक छवि मजबूत हो और जो हर दृष्टि से उपराष्ट्रपति पद के योग्य हो। संभावना है कि पार्टी किसी वरिष्ठ नेता या पूर्व केंद्रीय मंत्री को प्राथमिकता दे सकती है।”हरिवंश संभाल रहे हैं फिलहाल राज्यसभा
उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा देने के बाद अब राज्यसभा के सभापति की जिम्मेदारी पर भी नजरें हैं। हालांकि संविधान में उपराष्ट्रपति की अनुपस्थिति में किसी अन्य व्यक्ति को कार्यवाहक उपराष्ट्रपति नियुक्त करने का प्रावधान नहीं है। लेकिन राज्यसभा की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए उच्च सदन में पहले से ही उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह मौजूद हैं, जो फिलहाल अध्यक्षीय जिम्मेदारियां निभा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी नेतृत्व जल्द ही आंतरिक चर्चा और सहमति के बाद अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा कर सकती है। पार्टी इस बार कोई चौंकाने वाला नाम भी सामने ला सकती है, लेकिन यह लगभग तय है कि उपराष्ट्रपति की कुर्सी बीजेपी के अपने खेमे से ही भरी जाएगी।अगली खबर पढ़ें
बीजेपी को चाहिए अपना उपराष्ट्रपति
सूत्रों की मानें तो बीजेपी इस बार उपराष्ट्रपति पद के लिए गठबंधन के सहयोगी दलों की बजाय पार्टी की विचारधारा से जुड़े किसी मजबूत चेहरे को आगे लाने की तैयारी में है। पार्टी चाहती है कि यह पद एक ऐसे नेता को मिले जिसकी छवि बेदाग हो, संगठन से जुड़ाव गहरा हो और जो संसदीय कार्यों में दक्षता रखता हो।रामनाथ ठाकुर का नाम चर्चा में क्यों आया?
बीते दिनों बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और जेडीयू नेता व राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर की मुलाकात ने राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी थी। ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं और अतिपिछड़ा वर्ग से आते हैं। इस मुलाकात को उपराष्ट्रपति पद से जोड़कर देखा जाने लगा। हालांकि, विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार यह मुलाकात महज औपचारिक थी और इसका उपराष्ट्रपति पद से कोई लेना-देना नहीं था। नड्डा ने उस दिन कई अन्य सांसदों से भी मुलाकात की थी। बीजेपी ने न तो रामनाथ ठाकुर के नाम पर विचार किया है और न ही जेडीयू से इस विषय में कोई संवाद हुआ है। ऐसे में ठाकुर को लेकर चली अटकलें फिलहाल निराधार साबित हो रही हैं।यह भी पढ़े: उपराष्ट्रपति की रेस में 3 नाम, धनखड़ के बाद कौन संभालेगा जिम्मा?
धनखड़ के बाद किस पर भरोसा?
बीजेपी अब उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने संगठन या सरकार में अनुभवी नेता को मौका देने पर विचार कर रही है। जगदीप धनखड़ से पहले एम. वेंकैया नायडू जैसे संगठननिष्ठ और अनुभवी नेता इस पद पर रह चुके हैं। पार्टी इसी प्रकार के प्रोफाइल वाले चेहरे की तलाश कर रही है एक ऐसा व्यक्ति जो संसद की गरिमा बनाए रख सके, विपक्ष से संवाद कर सके और पार्टी की सोच का प्रतिनिधित्व कर सके। एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा, “हम एक ऐसा नाम सामने लाना चाहते हैं, जिसकी सार्वजनिक छवि मजबूत हो और जो हर दृष्टि से उपराष्ट्रपति पद के योग्य हो। संभावना है कि पार्टी किसी वरिष्ठ नेता या पूर्व केंद्रीय मंत्री को प्राथमिकता दे सकती है।”हरिवंश संभाल रहे हैं फिलहाल राज्यसभा
उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा देने के बाद अब राज्यसभा के सभापति की जिम्मेदारी पर भी नजरें हैं। हालांकि संविधान में उपराष्ट्रपति की अनुपस्थिति में किसी अन्य व्यक्ति को कार्यवाहक उपराष्ट्रपति नियुक्त करने का प्रावधान नहीं है। लेकिन राज्यसभा की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए उच्च सदन में पहले से ही उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह मौजूद हैं, जो फिलहाल अध्यक्षीय जिम्मेदारियां निभा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी नेतृत्व जल्द ही आंतरिक चर्चा और सहमति के बाद अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा कर सकती है। पार्टी इस बार कोई चौंकाने वाला नाम भी सामने ला सकती है, लेकिन यह लगभग तय है कि उपराष्ट्रपति की कुर्सी बीजेपी के अपने खेमे से ही भरी जाएगी।संबंधित खबरें
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