Greater Noida : उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा शहर से सटे दादरी में एक बड़ा राजनीतिक बवाल हो गया है। यहां पर नगर पालिका में ठेके पर रखे गए एक कर्मचारी द्वारा नगर पालिका दादरी के एक सभासद के साथ किए गए अभद्र व्यवहार के बाद डेढ़ दर्जन से अधिक सभासदों ने रविवार को सामूहिक रुप से इस्तीफा देने की घोषणा की है। आपको बता दें कि दादरी नगर पालिका में कुल 25 सभासद हैं, जिनमें से 18 सभासदों ने त्यागपत्र की घोषणा की है।
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आपको बता दें कि गत दिवस दादरी नगर पालिका में दैनिक मानदेय पर तैनात एक कर्मचारी द्वारा कुछ सभासदों के साथ जहां अभद्र व्यवहार किया गया, वहीं एक सभासद के साथ अनैतिक व्यवहार भी किया गया। आरोप है कि कर्मचारी ने फोन करके अपने कुछ साथियों को बाहर से बुला लिया और सभासदों को जान से मारने की धमकी दी गई। इस बाबत सभासद संजय रावल, नसीम, सविता समेत अनेक सभासदों द्वारा कोतवाली दादरी में आरोपी कर्मचारी के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई है।
रविवार को इस विवाद ने राजनीतिक बवाल का रुप धारण कर लिया। रविवार को 18 सभासदों ने सामूहिक रुप से अपने अपने पद से त्यागपत्र दिए जाने की घोषणा कर दी। एक संयुक्त प्रेसवार्ता के दौरान सभासदों ने कहा कि शनिवार को हुए विवाद की शिकायत नगर पालिका अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी से गई थी, लेकिन आरोपी कर्मचारी के खिलाफ अभी तक भी कोई विधिक कार्यवाही नहीं हुई है। वह जनता द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं, लेकिन नगर पालिका प्रशासन द्वारा उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में वह सभी अपने अपने पदों से त्याग पत्र देने की घोषणा करते हैं।
क्यों बनी टकराव की स्थिति?
ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के दादरी नगर की राजनीति को समझने वाले विश्लेषकों का मत है कि दादरी नगर पालिका परिषद में नवनिर्वाचित अध्यक्ष और सभासदों के बीच संवादहीनता के चलते टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसके परिणामस्वरूप सभासदों के एक गुट और पालिका कर्मियों के बीच आए दिन आरोप प्रत्यारोप और झगड़ा फसाद की नौबत आ गई है। आपको बता दें कि तीसरी बार लगातार जीत हासिल कर दादरी नगर पालिका परिषद अध्यक्ष बनी श्रीमती गीता पंडित और उनके नवनिर्वाचित सभासदों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। अध्यक्ष और सभासदों के बीच सबसे बड़ी समस्या संवादहीनता की बनी हुई है।
विश्लेषकों का साफ मानना है कि अध्यक्ष सभासदों से सामान्य बातचीत भी नहीं करती हैं। सभासदों का साफ आरोप है कि स्थानीय सांसद डॉ. महेश शर्मा और विधायक तेजपाल नागर के वरदहस्त के चलते अध्यक्ष का आत्मविश्वास जहां आसमान पर है, वहीं सभासद अपने अधिकारों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। उनकी बात पालिका का छोटे से छोटा कर्मचारी सुनने को तैयार नहीं है। अधिकतर सभासदों का स्पष्ट आरोप है कि दादरी पालिका में भ्रष्टाचार व्याप्त है। भ्रष्टाचार का आलम यह है कि कई नि:शुल्क योजनाओं में भी सुविधा शुल्क की वसूली की जा रही है। घूस न मिलने पर आवेदक को चक्कर कटवाने के आरोप आम हैं। पालिका में फंड की कमी से विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। कोरोना काल के बाद से राज्य सरकार से मिलने वाला फंड नहीं आ रहा है।
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पालिकाध्यक्ष द्वारा इस संबंध में कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। नवनिर्वाचित सभासदों को अपने वार्ड में जनता के सवालों का जवाब देना मुश्किल हो रहा है।इन परिस्थितियों में अपने वार्ड के लोगों के सामान्य कामकाज न करा पाने से सभासदों में गहरा आक्रोश पनप रहा है। पिछले पंद्रह दिनों में इन्हीं सब कारणों से पालिका परिषद कार्यालय में सभासदों और पालिका कर्मियों के बीच कई बार मारपीट की नौबत आ चुकी है। इसके बावजूद पालिकाध्यक्ष अथवा अधिशासी अधिकारी द्वारा कोई कदम न उठाए जाने से भी माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। सभासदों द्वारा अपनी उपेक्षा के चलते अध्यक्ष और ईओ के विरुद्ध सड़क पर उतरने की तैयारी की जा रही है। Greater Noida
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