Greater Noida News / देवदत्त शर्मा। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका ग्रेटर नोएडा ड्रग्स के कारोबार का एक बड़ा हब बन चुका है। महज 14 दिनों के भीतर ग्रेटर नोएडा में ड्रग्स की दो बड़ी फैक्ट्रियां पकड़ी जा चुकी हैं और इनसे करीब 500 करोड रुपए का ड्रग्स का जखीरा बरामद हुआ है। दोनों ही फैक्ट्रियों से एमडीएमए ड्रग्स बरामद हुई है। नशे के विदेशी सौदागर युवाओं को नशे का आदी बना कर उन्हें अंदर ही अंदर खोखला करने का काम कर रहे हैं जिसको लेकर शहर के लोग चिंतित हैं।
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बता दें कि गत 16 मई को ग्रेटर नोएडा जोन के डीसीपी साद मियां खां के नेतृत्व में थाना बीटा-2, थाना दादरी व पुलिस की स्वाट टीम ने थाना सूरजपुर क्षेत्र में चल रही ड्रग्स की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था। उस दौरान पुलिस टीम ने यहां से करीब 300 करोड रुपए का ड्रग्स बरामद किया था। जिस मकान में यह फैक्ट्री चल रही थी वहां बाकायदा लैबोरेट्री बनी हुई थी। छापेमारी के दौरान पुलिस ने यहां से अफ्रीकी मूल के 9 लोगों को भी गिरफ्तार किया था।
मंगलवार को थाना बीटा-2 पुलिस ने पूर्व में पकड़े गए एक ड्रग तस्कर को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया। रिमांड में पूछताछ के दौरान ड्रग तस्कर से ड्रग्स की एक और फैक्टरी का इनपुट मिला। इसके बाद पुलिस की टीम ने 30 मई को इस दूसरी फैक्टरी पर भी छापेमारी की। सूत्रों का कहना है कि पुलिस टीम ने यहां से करीब 200 करोड रुपए के ड्रग्स बरामद किए हैं और अफगान मूल के दो नागरिकों को भी गिरफ्तार किया है।
छात्र हैं निशाने पर
बता दें कि शिक्षा, चिकित्सा व रियल स्टेट के क्षेत्र में नोएडा/ ग्रेटर नोएडा अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं। यहां पर बड़ी संख्या में नामचीन शिक्षण संस्थान है जिनमें देश के विभिन्न राज्यों के अलावा विदेश के छात्र भी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। परिवार से हजारों किलोमीटर दूर रहकर यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे युवा नशे के सौदागरों के सॉफ्ट टारगेट हैं। ड्रग सिंडिकेट से जुड़े लोग ड्रग पेडलरो के माध्यम से युवाओं को सूखा नशा उपलब्ध कराकर उन्हें अंदर ही अंदर खोखला बनाने का काम कर रहे हैं।
पिछले 15 दिनों के दौरान दो बड़ी ड्रग फैक्ट्रियों का खुलासा हुआ है जिनमें विदेशियों की संलिप्तता मिली है। इन दोनों ड्रग फैक्टियों से प्रदेश के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी ड्रग की खेप बरामद हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्रेटर नोएडा में इतने बड़े पैमाने पर ड्रग्स का यह कारोबार चल रहा था और स्थानीय पुलिस को इसकी भनक तक न होना पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इतने बड़े स्तर पर ड्रग्स का यह कारोबार बगैर पुलिस और सफेदपोश लोगों की शह के बिना नहीं चल सकता। ऐसे में ड्रग्स के इस कारोबार के पीछे छिपे चेहरे भी बेनकाब होने बहुत ही जरूरी हैं।
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