Friday, 3 May 2024

Kota Coaching Institute : कोटा के कोचिंग संस्थानों में छात्रों का तनाव करने के लिए उठाए जा रहे कई कदम

Kota Coaching Institute :  कोटा के कोचिंग संस्थानों में छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के तनाव और चिंता से…

Kota Coaching Institute : कोटा के कोचिंग संस्थानों में छात्रों का तनाव करने के लिए उठाए जा रहे कई कदम

Kota Coaching Institute :  कोटा के कोचिंग संस्थानों में छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के तनाव और चिंता से बाहर निकालने में मदद के लिए योग सत्रों, जुम्बा क्लासों से लेकर 24 घंटे सातों दिन चलने वाले हेल्पलाइन नंबर की व्यवस्था की गई है, साथ ही परामर्शदाताओं की एक टीम को भी तैनात किया गया है।

Kota Coaching Institute :

पिछले हफ्ते तीन छात्रों के कथित तौर पर आत्महत्या करने के बाद कोटा का कोचिंग हब सुर्खियों में है। प्रमुख कोचिंग संस्थान ‘एलन’ में विभिन्न मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में फिलहाल 1.5 लाख से अधिक छात्र कोचिंग हासिल करते हैं। संस्थान ने अपने छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए नियमित योग सत्र व जुम्बा क्लासों के अलावा “तुम होगे कामयाब” और “विंग्स ऑफ विजडम” जैसे विशेष कार्यक्रम चलाए हैं।

‘एलन’ में प्रधान परामर्शदाता व छात्र-व्यवहार विशेषज्ञ डॉ. हरीश शर्मा ने कहा, “हमारे यहां एक समर्पित हेल्पलाइन है जो चौबीस घंटे सातों दिन काम करती है और इसके माध्यम से प्रतिदिन 50 से अधिक छात्र या अभिभावक बात करते हैं।” उन्होंने बताया, “प्रति 10 छात्रों के लिए हमारे पास एक पर्यवेक्षक छात्र है जिसे ‘बडी’ कहा जाता है। बडी का काम समूह के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में पता लगाना और शिक्षकों को यह बताना होता है कि किसी छात्र में कोई लक्षण या संकेत तो नहीं हैं? जैसे वह कुछ दिन से ठीक से नहीं खा रहा है, कमरे से बाहर नहीं आ रहा है या कक्षाओं में भाग नहीं ले रहा है या अपने माता-पिता से बात नहीं कर रहा है।”

उन्होंने कहा कि शिक्षकों को किसी भी ऐसे छात्र के बारे में पता चलने के बाद संस्थान में उपलब्ध पेशेवर परामर्शदाताओं को बुलाया जाता है। ‘रेजोनेंस’ भी कोटा का एक प्रमुख कोचिंग संस्थान है, जिसमें प्रत्येक छात्र के पास शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक मुद्दों से निपटने में उसकी मदद करने के लिए एक संरक्षक होता है।

संस्थान के प्रबंध निदेशक और अकादमिक प्रमुख आर.के. अग्रवाल ने कहा, “हम छात्रों को न केवल उनकी अकादमिक चिंताओं बल्कि ऐसे गैर-शैक्षणिक मुद्दों पर भी चर्चा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं जो तनाव या चिंता पैदा कर रहे हैं। योग सत्र और एकाग्रता अभ्यास भी उन गतिविधियों में शामिल हैं जिन्हें छात्रों के बीच प्रोत्साहित किया जाता है।”

पुलिस और जिला प्रशासन के रिकॉर्ड के मुताबिक, इस साल शहर के कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले कम से कम 14 छात्रों ने आत्महत्या कर ली। 2021 में जब यहां के कोचिंग सेंटर कोविड-19 महामारी के कारण बंद थे और छात्रों ने अपने घरों से ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लिया था, तब किसी भी छात्र की आत्महत्या की सूचना नहीं मिली थी।

2019 में यह संख्या 18 और 2020 में 20 थी। पिछले सप्ताह आत्महत्या करने वाले तीन छात्रों में से, एनईईटी की तैयारी कर रहे अंकुश आनंद (18), जेईई की तैयारी कर रहे उज्ज्वल कुमार (17) शामिल थे। दोनों बिहार से थे। पुलिस के अनुसार दोनों के शव 12 दिसंबर को उनके अपने-अपने किराए के कमरे में छत के पंखे से लटके पाए गए थे। मध्य प्रदेश का रहने वाला तीसरा छात्र प्रणव वर्मा (17) एनईईटी की तैयारी कर रहा था। उसने 11 दिसंबर को अपने छात्रावास में कथित तौर पर जहरीला पदार्थ खा लिया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी।

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