Friday, 3 May 2024

World Pneumonia Day 2022- बच्चों को सर्दियों में निमोनिया से बचाएं : डॉ. डी. के. गुप्ता

World Pneumonia Day 2022- नोएडा । देश में निमोनिया हर साल लाखों मासूमों की सांसें छीन रहा है। निमोनिया से…

World Pneumonia Day 2022- बच्चों को सर्दियों में निमोनिया से बचाएं : डॉ. डी. के. गुप्ता

World Pneumonia Day 2022- नोएडा । देश में निमोनिया हर साल लाखों मासूमों की सांसें छीन रहा है। निमोनिया से बचाव के टीके से हालांकि स्थिति में कुछ सुधार आया है लेकिन अभी भी कई बच्चों की मौत निमोनिया बीमारी की वजह से हो रही है। अधिकांशत पांच साल से कम उम्र के बच्चे निमोनिया का शिकार बनते हैं। यह बात निमोनिया दिवस के अवसर पर फेलिक्स अस्पताल के चेयरमैन डा डीके गुप्ता ने कही।

World Pneumonia Day 2022-

डॉ. डी. के. गुप्ता ने बताया कि निमोनिया से साल 2015 में 5 साल से कम आयु वर्ग के 920136 बच्चों की मृत्यु हुई, जो कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु का 16 प्रतिशत है। निमोनिया को आसानी से रोका जा सकता है और बच्चों में होने वाली मृत्यु का इलाज भी संभव है, फिर भी हर 20 सेकंड में संक्रमण से एक बच्चा मर जाता है।

बच्चों का समय से टीकाकरण करवाकर निमोनिया के खतरों से बचा सकते हैं। निमोनिया का टीका न्यूमोकॉकॉल कोन्जुगेट है। यह टीका डेढ़ माह, ढाई माह, साढ़े तीन माह और 15 माह में लगाया जाता है। कुपोषण के शिकार बच्चों को निमोनिया आसानी से चपेट में ले लेता है। सरकारी अस्पतालों में निमोनिया से बचाव का टीका निशुल्क लगाया जाता है ऐसे में लोगों को जागरूक होकर अपने नवजात बच्चों को निमोनिया का टीका अवश्य लगवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सर्दियों में जरा सी चूक से बच्चे निमोनिया की गिरफ्त में आ सकते हैं इसलिए सर्दियों के मौसम में बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। समय पर टीकाकरण व सतर्कता से निमोनिया जैसी जानलेवा बीमारी से बचा जा सकता है।

फेलिक्स हॉस्पिटल के डॉ नीरज कुमार (बाल रोग विशेषज्ञ)  ने बताया कि निमोनिया फेफड़ों में होने वाला एक संक्रमण है। जो बैक्टीरिया, फंगस व वायरस से होता है। इससे फेफड़ों में सूजन आ जाती है। उसमें तरल पदार्थ भर जाता है। सर्दी-जुकाम के लक्षण बहुत कुछ मिलते-जुलते हैं। निमोनिया किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। यह सबसे ज्यादा पांच साल तक के बच्चों को प्रभावित करता है।

इन बातों का रखे ध्यान..

1. गुनगुने तेल से शिशु को मालिश करें
2. खांसते और छींकते समय मुंह पर हाथ रखें।
3. इस्तमेाल टिशू को तुरंत डिस्पोज करें
4. बच्चों को ठंड से बचाएं
5. नवजात को पूरे कपड़े पहनायें
6. नवजात के सिर, कान और पैर ढंक कर रखें।
7. पर्याप्त आराम व स्वस्थ आहार लें
8. छोटे बच्चों को छूने से पहले हाथों को साबुन से धोएं
9. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करें, एक हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाएं

बीमारी के लक्षण…

1. सांस तेज लेना
2. पसलियां चलना
3. कफ की आवाज आना
4. खांसी, सीने में दर्द
5. तेज बुखार और सांस लेने में मुश्किल
6. उल्टी होना, पेट व सीने के निचले हिस्से में दर्द होना
7.  कंपकंपी, मांसपेशियों में दर्द
8.  शिशु दूध न पी पाए
9. खांसते समय छाती में दर्द
10. खांसी के साथ पीले, हरा बलगम निकलना।

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