कितनी मजबूत है रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सुरक्षा?
रूस के राष्ट्रपति पुतिन मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं करते बल्कि सुरक्षित संचार व्यवस्था के जरिए बातचीत करते हैं। इसके लिए उनकी टीम कमरे में एक टेलीफोन बूथ स्थापित करती है। राष्ट्रपति पुतिन होटल के बाथरूम का भी प्रयोग नहीं करते।

Vladimir Putin : रूस भारत का सबसे पुराना मित्र देश है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दौरे पर आए हुए हैं। ऐसे में दुनिया भर के मीडिया में रूस के राष्ट्रपति पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी खूब चर्चा हो रही है। सुरक्षा विशेषज्ञों का दावा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की निजी सुरक्षा व्यवस्था अमेरिका के राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था से भी अधिक मजबूत है।
पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था पर चल रही है अनेक थ्योरी
भारत दौरे पर आए हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मीडिया पर अनेक थ्योरी चल रही हैं। इसी दौरान खबरी लाल के नाम से सोशल मीडिया पर सक्रिय एक मीडियाकर्मी ने पुतिन की सुरक्षा पर बहुत ही अनोखी बात लिखी है। रूस के राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर सोशल मीडिया की पोस्ट में दी गई जानकारी को पढक़र आप भी चौंक जाएंगे। खबरी लाल ......हरियाणा के नाम से प्रकाशित इस पोस्ट को हम ज्यों का त्यों प्रकाशित कर रहे हैं। पुतिन का मल मूत्र भी उठा ले जाते हैं उनके सिक्योरिटी गार्ड पुतिन भारत में जो भी खाएंगे, उसकी जांच रूस से लाई गई लैब में हो रही है। उनकी खास ऑरस सीनेट कार पहले ही एयरलिफ्ट होकर भारत पहुंच गई थी और सबसे अनोखी बात- पुतिन का मल-मूत्र तक सील्ड बैग करके मॉस्को भेजा जाता है। उनके पहुंचने से पहले ही टॉयलेट और टेलीफोन बूथ पहुंच जाता हैं। पुतिन की सुरक्षा की जिम्मेदारी राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा यानी एसबीपी (SBP).के पास है। यात्रा से पहले एसबीपी (SBP) उस देश के क्राइम रेट, आतंकवाद, प्रोटेस्ट व धार्मिक गतिविधियों का अध्ययन करती है। यात्रा के कम से कम एक महीने पहले एक अग्रिम सुरक्षा टीम भेजी जाती है, जो उस होटल की जांच पड़ताल करती है जिसमें पुतिन को रुकना होता है। इस टीम में रूस की प्रमुख सुरक्षा एजेंसी फेडरल सिक्योरिटी सर्विस और फॉरेन इंटेलीजेंस सर्विस के सदस्य होते हें। राष्ट्रपति के पहुंचने से पहले कमरे से खाने-पीने और निजी प्रयोग का सभी सामान जैसे साबुन, शैंपू, हैंडवाश, टूथपेस्ट हटा दिया जाता है और रूस से लाया गया सामान रखा जाता है।
मोबाइल फोन नहीं चलाते हैं पुतिन
रूस के राष्ट्रपति पुतिन मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं करते बल्कि सुरक्षित संचार व्यवस्था के जरिए बातचीत करते हैं। इसके लिए उनकी टीम कमरे में एक टेलीफोन बूथ स्थापित करती है। राष्ट्रपति पुतिन होटल के बाथरूम का भी प्रयोग नहीं करते। उनकी टीम रूस से ही एक मोबाइल बाथरूम लेकर आती है, जिसे होटल रूम में सेटअप किया जाता है। पुतिन का बैक-अप प्लेन हर वक्त तैयार रहता है। उनके साथ कम से कम 100 लोगों का ग्रुप चलता है। इनमें निजी सुरक्षा कर्मी, एसबीपी और फेडल प्रोटेक्टिव सर्विस की टीम, प्रोटोकॉल अधिकारी, राष्ट्रपति की प्रशासनिक टीम और प्रेस के लोग शामिल होते हैं। एफएसओ के एजेंट रहे ग्लीब काराकुलोव बताते हैं कि अभी भी पुतिन के साथ किसी यात्रा पर जाने से पहले उनके अंगरक्षकों को दो सप्ताह के लिए क्वारेंटाइन रहना पड़ता है। किसी भी यात्रा पर जाते समय तय तारीख और समय पर पुतिन अपने क्रेमलिन स्थित आवास नोवो-ओगारियोवो से ऑरस सीनेट गाड़ी में बैठकर वनुकोवो इंटर नेशनल एयरपोर्ट के लिए निकलते हैं। जिस प्लेन पर पुतिन सवार होते हैं, उसके साथ एक या दो बैकअप प्लेन भी उड़ान भरते हैं। अगर विदेश में पुतिन के प्लेन में कोई तकनीकी दिक्कत आ जाए तो वह साथ लाए अतिरिक्त जहाज से वापस लौट सकते हैं। किसी भी हाल में दूसरे देश के टेक्नीशियन उनके प्लेन की मरम्मत नहीं कर सकते। पुतिन के प्लेन को एयरफोर्स के जेट एस्कॉर्ट करते हुए चलते हैं।
हवा में ही परमाणु हमले का आदेश दे सकते हैं पुतिन
वर्ष 2023 में जब पुतिन सऊदी अरब और यूएई की यात्रा पर गए थे, तो 4 सुखोई-35 फाइटर जेट ने उन्हें एस्कॉर्ट किया था। वे हवा से ही परमाणु हमले का आदेश दे सकते हैं। रूस के राष्ट्रपति इल्यूशिन आईएल-96-300 पीयू एयरक्राफ्ट से यात्रा करते हैं। इसे फ्लाइंग क्रेमलिन भी कहा जाता है। एयरक्राफ्ट के नाम में पीयू का रूसी भाषा में मतलब है-पंकट उप्रावलेनिया यानी कमांड पोस्ट। राष्ट्रपति के प्रयोग के लिए इस प्लेन को खास तौर से कस्टमाइज किया गया है। इस पर रूस के झंडे के रंगों सफेद, नीला और लाल वाली पट्टियां बनी हैं। इसकी टेल पर रूस का झंडा भी बना हुआ है। हवाई यात्राओं में यह प्लेन ही उनका ऑफिस होता है। इसमें एडवांस कम्यूनिकेशन सिस्टम लगा है। इसके अग्रिम सुरक्षा फीचर्स मिसाइल हमले से भी पुतिन की रक्षा करते हैं। प्लेन के अंदर एमरजेंसी के लिए एक न्यूक्लियर कमांड बटन है, जिसका प्रयोग कर पुतिन हवा से ही अपनी सेना को परमाणु हथियार प्रयोग करने की इजाजत दे सकते हैं। इसके अंदर कई मीटिंग रूम, कांफ्रेंस रूम, बेडरूम, बार, जिम और मेडीकल रूम भी हैं। एयरक्राफ्ट का इंटीरियर गोल्ड प्लेटेड है। एक बार में इसमें 262 लोग यात्रा कर सकते हैं। यह एक बार में 11,000 किमी का सफर कर सकता है। 43 हजार फीट तक उड़ान भर सकता है। हवा में ही इसकी रीफ्यूलिंग भी की जा सकती है। Vladimir Putin
Vladimir Putin : रूस भारत का सबसे पुराना मित्र देश है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दौरे पर आए हुए हैं। ऐसे में दुनिया भर के मीडिया में रूस के राष्ट्रपति पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी खूब चर्चा हो रही है। सुरक्षा विशेषज्ञों का दावा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की निजी सुरक्षा व्यवस्था अमेरिका के राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था से भी अधिक मजबूत है।
पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था पर चल रही है अनेक थ्योरी
भारत दौरे पर आए हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मीडिया पर अनेक थ्योरी चल रही हैं। इसी दौरान खबरी लाल के नाम से सोशल मीडिया पर सक्रिय एक मीडियाकर्मी ने पुतिन की सुरक्षा पर बहुत ही अनोखी बात लिखी है। रूस के राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर सोशल मीडिया की पोस्ट में दी गई जानकारी को पढक़र आप भी चौंक जाएंगे। खबरी लाल ......हरियाणा के नाम से प्रकाशित इस पोस्ट को हम ज्यों का त्यों प्रकाशित कर रहे हैं। पुतिन का मल मूत्र भी उठा ले जाते हैं उनके सिक्योरिटी गार्ड पुतिन भारत में जो भी खाएंगे, उसकी जांच रूस से लाई गई लैब में हो रही है। उनकी खास ऑरस सीनेट कार पहले ही एयरलिफ्ट होकर भारत पहुंच गई थी और सबसे अनोखी बात- पुतिन का मल-मूत्र तक सील्ड बैग करके मॉस्को भेजा जाता है। उनके पहुंचने से पहले ही टॉयलेट और टेलीफोन बूथ पहुंच जाता हैं। पुतिन की सुरक्षा की जिम्मेदारी राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा यानी एसबीपी (SBP).के पास है। यात्रा से पहले एसबीपी (SBP) उस देश के क्राइम रेट, आतंकवाद, प्रोटेस्ट व धार्मिक गतिविधियों का अध्ययन करती है। यात्रा के कम से कम एक महीने पहले एक अग्रिम सुरक्षा टीम भेजी जाती है, जो उस होटल की जांच पड़ताल करती है जिसमें पुतिन को रुकना होता है। इस टीम में रूस की प्रमुख सुरक्षा एजेंसी फेडरल सिक्योरिटी सर्विस और फॉरेन इंटेलीजेंस सर्विस के सदस्य होते हें। राष्ट्रपति के पहुंचने से पहले कमरे से खाने-पीने और निजी प्रयोग का सभी सामान जैसे साबुन, शैंपू, हैंडवाश, टूथपेस्ट हटा दिया जाता है और रूस से लाया गया सामान रखा जाता है।
मोबाइल फोन नहीं चलाते हैं पुतिन
रूस के राष्ट्रपति पुतिन मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं करते बल्कि सुरक्षित संचार व्यवस्था के जरिए बातचीत करते हैं। इसके लिए उनकी टीम कमरे में एक टेलीफोन बूथ स्थापित करती है। राष्ट्रपति पुतिन होटल के बाथरूम का भी प्रयोग नहीं करते। उनकी टीम रूस से ही एक मोबाइल बाथरूम लेकर आती है, जिसे होटल रूम में सेटअप किया जाता है। पुतिन का बैक-अप प्लेन हर वक्त तैयार रहता है। उनके साथ कम से कम 100 लोगों का ग्रुप चलता है। इनमें निजी सुरक्षा कर्मी, एसबीपी और फेडल प्रोटेक्टिव सर्विस की टीम, प्रोटोकॉल अधिकारी, राष्ट्रपति की प्रशासनिक टीम और प्रेस के लोग शामिल होते हैं। एफएसओ के एजेंट रहे ग्लीब काराकुलोव बताते हैं कि अभी भी पुतिन के साथ किसी यात्रा पर जाने से पहले उनके अंगरक्षकों को दो सप्ताह के लिए क्वारेंटाइन रहना पड़ता है। किसी भी यात्रा पर जाते समय तय तारीख और समय पर पुतिन अपने क्रेमलिन स्थित आवास नोवो-ओगारियोवो से ऑरस सीनेट गाड़ी में बैठकर वनुकोवो इंटर नेशनल एयरपोर्ट के लिए निकलते हैं। जिस प्लेन पर पुतिन सवार होते हैं, उसके साथ एक या दो बैकअप प्लेन भी उड़ान भरते हैं। अगर विदेश में पुतिन के प्लेन में कोई तकनीकी दिक्कत आ जाए तो वह साथ लाए अतिरिक्त जहाज से वापस लौट सकते हैं। किसी भी हाल में दूसरे देश के टेक्नीशियन उनके प्लेन की मरम्मत नहीं कर सकते। पुतिन के प्लेन को एयरफोर्स के जेट एस्कॉर्ट करते हुए चलते हैं।
हवा में ही परमाणु हमले का आदेश दे सकते हैं पुतिन
वर्ष 2023 में जब पुतिन सऊदी अरब और यूएई की यात्रा पर गए थे, तो 4 सुखोई-35 फाइटर जेट ने उन्हें एस्कॉर्ट किया था। वे हवा से ही परमाणु हमले का आदेश दे सकते हैं। रूस के राष्ट्रपति इल्यूशिन आईएल-96-300 पीयू एयरक्राफ्ट से यात्रा करते हैं। इसे फ्लाइंग क्रेमलिन भी कहा जाता है। एयरक्राफ्ट के नाम में पीयू का रूसी भाषा में मतलब है-पंकट उप्रावलेनिया यानी कमांड पोस्ट। राष्ट्रपति के प्रयोग के लिए इस प्लेन को खास तौर से कस्टमाइज किया गया है। इस पर रूस के झंडे के रंगों सफेद, नीला और लाल वाली पट्टियां बनी हैं। इसकी टेल पर रूस का झंडा भी बना हुआ है। हवाई यात्राओं में यह प्लेन ही उनका ऑफिस होता है। इसमें एडवांस कम्यूनिकेशन सिस्टम लगा है। इसके अग्रिम सुरक्षा फीचर्स मिसाइल हमले से भी पुतिन की रक्षा करते हैं। प्लेन के अंदर एमरजेंसी के लिए एक न्यूक्लियर कमांड बटन है, जिसका प्रयोग कर पुतिन हवा से ही अपनी सेना को परमाणु हथियार प्रयोग करने की इजाजत दे सकते हैं। इसके अंदर कई मीटिंग रूम, कांफ्रेंस रूम, बेडरूम, बार, जिम और मेडीकल रूम भी हैं। एयरक्राफ्ट का इंटीरियर गोल्ड प्लेटेड है। एक बार में इसमें 262 लोग यात्रा कर सकते हैं। यह एक बार में 11,000 किमी का सफर कर सकता है। 43 हजार फीट तक उड़ान भर सकता है। हवा में ही इसकी रीफ्यूलिंग भी की जा सकती है। Vladimir Putin












