बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया ने दुनिया को कहा अलविदा
निधन से ठीक एक दिन पहले (29 दिसंबर 2025) उन्होंने आगामी 13वें राष्ट्रीय संसदीय चुनाव के लिए तीन अलग-अलग सीटों से नामांकन दाखिल कराया था। बांग्लादेश में 12 फरवरी 2026 को आम चुनाव प्रस्तावित हैं।

Begum Khaleda Zia : बांग्लादेश की राजनीति की सबसे बड़ी हस्तियों में शुमार, पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया का मंगलवार सुबह (30 दिसंबर 2025) लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। खालिदा जिया काफी समय से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं और उपचार जारी था। निधन से ठीक एक दिन पहले (29 दिसंबर 2025) उन्होंने आगामी 13वें राष्ट्रीय संसदीय चुनाव के लिए तीन अलग-अलग सीटों से नामांकन दाखिल कराया था। बांग्लादेश में 12 फरवरी 2026 को आम चुनाव प्रस्तावित हैं। इसी क्रम में BNP के कार्यकारी चेयरमैन और खालिदा जिया के बड़े बेटे तारिक रहमान ने भी दो सीटों से अपने नामांकन पत्र जमा कराए थे।
पार्टी नेताओं ने जमा कराए पर्चे
सूत्रों के मुताबिक, नामांकन की अंतिम तारीख पर खालिदा जिया की ओर से फेनी-1, बोगरा-7 (गबतली–शाहजहांपुर) और दिनाजपुर-3 (सदर) सीट के लिए पर्चे जमा किए गए। खालिदा जिया की तबीयत को देखते हुए पार्टी ने कई जगहों पर वैकल्पिक उम्मीदवार भी तैयार रखने की रणनीति अपनाई थी, ताकि किसी आपात स्थिति में चुनावी प्रक्रिया बाधित न हो। इधर, तारिक रहमान की ओर से ढाका-17 और बोगरा-6 सीट पर दावेदारी पेश की गई। नामांकन पत्र संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों के कार्यालयों में BNP नेताओं और समर्थकों की मौजूदगी में जमा कराए गए।
दस्तखत/अंगूठा निशान को लेकर भी चर्चा
नामांकन प्रक्रिया के दौरान यह भी चर्चा रही कि अस्पताल में भर्ती होने की वजह से खालिदा जिया के नामांकन पत्रों पर हस्ताक्षर या वैकल्पिक तौर पर अंगूठा निशान के जरिए प्रक्रिया पूरी की गई। पार्टी नेताओं का दावा रहा कि यह कार्रवाई नियमों के अनुरूप और उनकी सहमति से की गई थी।
पहली निर्वाचित महिला प्रधानमंत्री
बेगम खालिदा जिया को बांग्लादेश की पहली निर्वाचित महिला प्रधानमंत्री के रूप में जाना जाता है। उनका राजनीतिक सफर प्रभावशाली रहा, लेकिन उन पर भ्रष्टाचार सहित कई मामलों को लेकर लंबे समय तक कानूनी और राजनीतिक बहस चलती रही। उनके समर्थक इन मामलों को अक्सर राजनीतिक प्रतिशोध बताते रहे। रिपोर्टों के अनुसार, 2025 की शुरुआत में उनके खिलाफ चल रहे अंतिम बड़े भ्रष्टाचार मामले में भी राहत की खबर आई थी, जिसके बाद चुनावी मैदान में उनकी वापसी की संभावनाएं मजबूत मानी जा रही थीं—लेकिन नामांकन के तुरंत बाद उनके निधन ने पूरे राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया।
आखिरी सार्वजनिक मौजूदगी और परिवार
खालिदा जिया को सार्वजनिक रूप से आखिरी बार 21 नवंबर को ढाका में एक कार्यक्रम के दौरान देखा गया था, जहां उनकी तबीयत कमजोर नजर आई और वे व्हीलचेयर पर थीं। परिवार में उनके बड़े बेटे तारिक रहमान हैं, जबकि उनके छोटे बेटे का 2015 में निधन हो चुका है। Begum Khaleda Zia
Begum Khaleda Zia : बांग्लादेश की राजनीति की सबसे बड़ी हस्तियों में शुमार, पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया का मंगलवार सुबह (30 दिसंबर 2025) लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। खालिदा जिया काफी समय से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं और उपचार जारी था। निधन से ठीक एक दिन पहले (29 दिसंबर 2025) उन्होंने आगामी 13वें राष्ट्रीय संसदीय चुनाव के लिए तीन अलग-अलग सीटों से नामांकन दाखिल कराया था। बांग्लादेश में 12 फरवरी 2026 को आम चुनाव प्रस्तावित हैं। इसी क्रम में BNP के कार्यकारी चेयरमैन और खालिदा जिया के बड़े बेटे तारिक रहमान ने भी दो सीटों से अपने नामांकन पत्र जमा कराए थे।
पार्टी नेताओं ने जमा कराए पर्चे
सूत्रों के मुताबिक, नामांकन की अंतिम तारीख पर खालिदा जिया की ओर से फेनी-1, बोगरा-7 (गबतली–शाहजहांपुर) और दिनाजपुर-3 (सदर) सीट के लिए पर्चे जमा किए गए। खालिदा जिया की तबीयत को देखते हुए पार्टी ने कई जगहों पर वैकल्पिक उम्मीदवार भी तैयार रखने की रणनीति अपनाई थी, ताकि किसी आपात स्थिति में चुनावी प्रक्रिया बाधित न हो। इधर, तारिक रहमान की ओर से ढाका-17 और बोगरा-6 सीट पर दावेदारी पेश की गई। नामांकन पत्र संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों के कार्यालयों में BNP नेताओं और समर्थकों की मौजूदगी में जमा कराए गए।
दस्तखत/अंगूठा निशान को लेकर भी चर्चा
नामांकन प्रक्रिया के दौरान यह भी चर्चा रही कि अस्पताल में भर्ती होने की वजह से खालिदा जिया के नामांकन पत्रों पर हस्ताक्षर या वैकल्पिक तौर पर अंगूठा निशान के जरिए प्रक्रिया पूरी की गई। पार्टी नेताओं का दावा रहा कि यह कार्रवाई नियमों के अनुरूप और उनकी सहमति से की गई थी।
पहली निर्वाचित महिला प्रधानमंत्री
बेगम खालिदा जिया को बांग्लादेश की पहली निर्वाचित महिला प्रधानमंत्री के रूप में जाना जाता है। उनका राजनीतिक सफर प्रभावशाली रहा, लेकिन उन पर भ्रष्टाचार सहित कई मामलों को लेकर लंबे समय तक कानूनी और राजनीतिक बहस चलती रही। उनके समर्थक इन मामलों को अक्सर राजनीतिक प्रतिशोध बताते रहे। रिपोर्टों के अनुसार, 2025 की शुरुआत में उनके खिलाफ चल रहे अंतिम बड़े भ्रष्टाचार मामले में भी राहत की खबर आई थी, जिसके बाद चुनावी मैदान में उनकी वापसी की संभावनाएं मजबूत मानी जा रही थीं—लेकिन नामांकन के तुरंत बाद उनके निधन ने पूरे राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया।
आखिरी सार्वजनिक मौजूदगी और परिवार
खालिदा जिया को सार्वजनिक रूप से आखिरी बार 21 नवंबर को ढाका में एक कार्यक्रम के दौरान देखा गया था, जहां उनकी तबीयत कमजोर नजर आई और वे व्हीलचेयर पर थीं। परिवार में उनके बड़े बेटे तारिक रहमान हैं, जबकि उनके छोटे बेटे का 2015 में निधन हो चुका है। Begum Khaleda Zia












