रूस भारत को एक और अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम देगा, वायु सुरक्षा होगी अभेद्य

एस-350 वित्याज रूस द्वारा विकसित एक आधुनिक सर्फेस टू एयर मिसाइल (एसएएम) प्रणाली है। इसे खास तौर पर ऐसे खतरों से निपटने के लिए तैयार किया गया है जो कम और मध्यम ऊँचाई पर तेजी से हमला करते हैं।

s 350
एस-350 सिस्टम
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar31 Dec 2025 02:57 PM
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India-Russia Security : रूस ने भारत को एक बार फिर अपना आधुनिक मध्यम दूरी का एयर डिफेंस सिस्टम एस-350 वित्याज देने का प्रस्ताव रखा है। इस पेशकश की खास बात यह है कि इसमें तकनीक हस्तांतरण का विकल्प भी शामिल है, जिससे भारत में स्वदेशी उत्पादन की राह खुल सकती है।

एस-350 वित्याज क्या है?

एस-350 वित्याज रूस द्वारा विकसित एक आधुनिक सर्फेस टू एयर मिसाइल (एसएएम) प्रणाली है। इसे खास तौर पर ऐसे खतरों से निपटने के लिए तैयार किया गया है जो कम और मध्यम ऊँचाई पर तेजी से हमला करते हैं। यह सिस्टम रूस की बहु-स्तरीय वायु रक्षा रणनीति का हिस्सा है, जहाँ लंबी दूरी के लिए एस-400, मध्यम दूरी के लिए एस-350 और नजदीकी रक्षा के लिए छोटे सिस्टम एक साथ काम करते हैं।

एस-350 की प्रमुख खूबियाँ

* एक साथ कई हवाई लक्ष्यों को पहचानने और नष्ट करने की क्षमता

* फाइटर जेट, ड्रोन और क्रूज मिसाइल जैसे खतरों के खिलाफ प्रभावी

* आधुनिक रडार और तेज प्रतिक्रिया प्रणाली

* एस-400 की तुलना में कम लागत और आसान तैनाती

भारत के लिए इसका महत्व

भारत को दो सक्रिय सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, पाकिस्तान और चीन। 

पाकिस्तान के संदर्भ में कम ऊँचाई पर उड़ने वाले फाइटर जेट और क्रूज मिसाइलों द्वारा अचानक हमले कोएस-350 ऐसे खतरों को समय रहते रोकने में सक्षम है। दूसरी ओर चीन के संदर्भ में बड़ी संख्या में ड्रोन और आधुनिक लड़ाकू विमान सीमावर्ती इलाकों में तेज और लचीली वायु रक्षा की जरूरत के मुताबिक यहाँ एस-350 एक संतुलित और प्रभावी समाधान बन सकता है।

भारत की मौजूदा एयर डिफेंस प्रणाली में भूमिका

भारत पहले से ही आकाश मिसाइल सिस्टम, बाराक-8, एस-400 जैसी प्रणालियाँ इस्तेमाल कर रहा है। एस-350 इन सभी के बीच की खाली जगह को भरते हुए पूरी एयर डिफेंस चेन को और मजबूत कर सकता है। हालिया उच्च-स्तरीय वातार्ओं में अतिरिक्त एस-400 यूनिट और भविष्य के एस-500 सिस्टम पर भी चर्चा हुई है। हालाँकि, रूस फिलहाल एस-350 को सबसे तुरंत उपलब्ध और व्यावहारिक विकल्प मान रहा है। यह सिस्टम भारत की वायु सुरक्षा क्षमता को नया स्तर दे सकता है। दो-मोर्चों पर रक्षा को मजबूत करेगा

और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के कारण आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सहायक होगा।

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पति की कब्र के पास दफनाई जाएंगी बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया

पार्टी के मुताबिक उनका इंतकाल सुबह करीब 6 बजे, फज्र की नमाज के तुरंत बाद हुआ। BNP के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह जानकारी साझा की गई, जबकि महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने भी उनके निधन की पुष्टि की।

खालिदा जिया
खालिदा जिया
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar30 Dec 2025 10:45 AM
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Begum Khaleda Zia : बांग्लादेश की राजनीति में मंगलवार सुबह एक बड़ा सन्नाटा उतर आया। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की चेयरपर्सन और देश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया का ढाका स्थित एवरकेयर अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। पार्टी के मुताबिक उनका इंतकाल सुबह करीब 6 बजे, फज्र की नमाज के तुरंत बाद हुआ। BNP के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह जानकारी साझा की गई, जबकि महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने भी उनके निधन की पुष्टि की।

लगातार बिगड़ रहा था स्वास्थ्य

पार्टी सूत्रों के अनुसार, 23 नवंबर को डॉक्टरों की सलाह पर खालिदा जिया को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें दिल और फेफड़ों में संक्रमण के साथ निमोनिया की शिकायत बताई गई। 80 वर्षीय खालिदा जिया लंबे समय से कई जटिल बीमारियों से जूझ रही थीं दिल की समस्या, लिवर-किडनी से जुड़ी दिक्कतें, डायबिटीज, सांस की बीमारी, गठिया और आंखों से संबंधित परेशानियां। उनके दिल में स्थायी पेसमेकर लगा हुआ था और पहले हार्ट स्टेंटिंग भी हो चुकी थी। बताया गया है कि मई में उनका इलाज लंदन में भी कराया गया था।

नामांकन के अगले दिन दुनिया को कहा अलविदा

राजनीतिक गलियारों में यह खबर इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि खालिदा जिया ने सोमवार को चुनावी प्रक्रिया के तहत नामांकन पत्र दाखिल कराया था। जानकारी के मुताबिक उन्होंने बोगुरा-7 सीट से पर्चा भरा, जिसे पार्टी नेताओं ने दोपहर करीब 3 बजे डिप्टी कमिश्नर/रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय में जमा कराया। इससे एक दिन पहले उनके निजी चिकित्सक ने भी संकेत दिए थे कि उनकी हालत बेहद नाजुक है और सुधार की संभावना कम बची है।

“युग का अंत” मान रहे समर्थक

खालिदा जिया बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री रहीं। 1991 में लोकतंत्र की बहाली के बाद जब देश नई दिशा तलाश रहा था, तब उन्होंने सत्ता की कमान संभाली और फिर वर्षों तक राष्ट्रीय राजनीति में निर्णायक ध्रुव की तरह केंद्र में बनी रहीं। उनके निधन को समर्थक भावुक विदाई के तौर पर देख रहे हैं, जबकि राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक यह उस युग का अंत है, जिसमें बांग्लादेश की सत्ता, विपक्ष और जन-भावनाओं की धुरी अक्सर खालिदा जिया के इर्द-गिर्द घूमती रही।

पति के पास दफनाए जाने की तैयारी

सूत्रों के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को उनके दिवंगत पति की कब्र के पास सुपुर्द-ए-खाक किए जाने की तैयारी चल रही है। दफन की जगह और अंतिम रस्मों को लेकर परिवार तथा बीएनपी नेतृत्व के बीच समन्वय तेज हो गया है। बताया जा रहा है कि कानूनी-प्रशासनिक औपचारिकताओं, सुरक्षा व्यवस्था और जन-सैलाब को देखते हुए पूरी प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाई जा रही है, ताकि विदाई गरिमा और अनुशासन के साथ संपन्न हो सके। Begum Khaleda Zia

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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया ने दुनिया को कहा अलविदा

निधन से ठीक एक दिन पहले (29 दिसंबर 2025) उन्होंने आगामी 13वें राष्ट्रीय संसदीय चुनाव के लिए तीन अलग-अलग सीटों से नामांकन दाखिल कराया था। बांग्लादेश में 12 फरवरी 2026 को आम चुनाव प्रस्तावित हैं।

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar30 Dec 2025 09:58 AM
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Begum Khaleda Zia : बांग्लादेश की राजनीति की सबसे बड़ी हस्तियों में शुमार, पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया का मंगलवार सुबह (30 दिसंबर 2025) लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। खालिदा जिया काफी समय से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं और उपचार जारी था। निधन से ठीक एक दिन पहले (29 दिसंबर 2025) उन्होंने आगामी 13वें राष्ट्रीय संसदीय चुनाव के लिए तीन अलग-अलग सीटों से नामांकन दाखिल कराया था। बांग्लादेश में 12 फरवरी 2026 को आम चुनाव प्रस्तावित हैं। इसी क्रम में BNP के कार्यकारी चेयरमैन और खालिदा जिया के बड़े बेटे तारिक रहमान ने भी दो सीटों से अपने नामांकन पत्र जमा कराए थे।

पार्टी नेताओं ने जमा कराए पर्चे

सूत्रों के मुताबिक, नामांकन की अंतिम तारीख पर खालिदा जिया की ओर से फेनी-1, बोगरा-7 (गबतली–शाहजहांपुर) और दिनाजपुर-3 (सदर) सीट के लिए पर्चे जमा किए गए। खालिदा जिया की तबीयत को देखते हुए पार्टी ने कई जगहों पर वैकल्पिक उम्मीदवार भी तैयार रखने की रणनीति अपनाई थी, ताकि किसी आपात स्थिति में चुनावी प्रक्रिया बाधित न हो। इधर, तारिक रहमान की ओर से ढाका-17 और बोगरा-6 सीट पर दावेदारी पेश की गई। नामांकन पत्र संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों के कार्यालयों में BNP नेताओं और समर्थकों की मौजूदगी में जमा कराए गए।

दस्तखत/अंगूठा निशान को लेकर भी चर्चा

नामांकन प्रक्रिया के दौरान यह भी चर्चा रही कि अस्पताल में भर्ती होने की वजह से खालिदा जिया के नामांकन पत्रों पर हस्ताक्षर या वैकल्पिक तौर पर अंगूठा निशान के जरिए प्रक्रिया पूरी की गई। पार्टी नेताओं का दावा रहा कि यह कार्रवाई नियमों के अनुरूप और उनकी सहमति से की गई थी।

पहली निर्वाचित महिला प्रधानमंत्री

बेगम खालिदा जिया को बांग्लादेश की पहली निर्वाचित महिला प्रधानमंत्री के रूप में जाना जाता है। उनका राजनीतिक सफर प्रभावशाली रहा, लेकिन उन पर भ्रष्टाचार सहित कई मामलों को लेकर लंबे समय तक कानूनी और राजनीतिक बहस चलती रही। उनके समर्थक इन मामलों को अक्सर राजनीतिक प्रतिशोध बताते रहे। रिपोर्टों के अनुसार, 2025 की शुरुआत में उनके खिलाफ चल रहे अंतिम बड़े भ्रष्टाचार मामले में भी राहत की खबर आई थी, जिसके बाद चुनावी मैदान में उनकी वापसी की संभावनाएं मजबूत मानी जा रही थीं—लेकिन नामांकन के तुरंत बाद उनके निधन ने पूरे राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया।

आखिरी सार्वजनिक मौजूदगी और परिवार

खालिदा जिया को सार्वजनिक रूप से आखिरी बार 21 नवंबर को ढाका में एक कार्यक्रम के दौरान देखा गया था, जहां उनकी तबीयत कमजोर नजर आई और वे व्हीलचेयर पर थीं। परिवार में उनके बड़े बेटे तारिक रहमान हैं, जबकि उनके छोटे बेटे का 2015 में निधन हो चुका है। Begum Khaleda Zia

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