Tuesday, 26 November 2024

Bail Pola Festival 2023: लोक परंपराओं का प्रमुख त्यौहार ‘बैल पोला’, जानें क्यों है इतना खास 

Bail Pola Festival 2023 : 14 सितंबर 2023 को बैल पोला का त्यौहार मनाया जा रहा है . बैलों की…

Bail Pola Festival 2023: लोक परंपराओं का प्रमुख त्यौहार ‘बैल पोला’, जानें क्यों है इतना खास 

Bail Pola Festival 2023 : 14 सितंबर 2023 को बैल पोला का त्यौहार मनाया जा रहा है . बैलों की पूजा के साथ कृषक समाज से जुड़े उत्सव के रुप में इस पर्व की एक अलग ही छाप देखने को मिलती है. बैल पोला त्यौहार को कई नामों से जाना जाता है जिसमें से पोला पर्व पोला अमावस्या, पोला उत्सव इत्यादि नामों से यह भिन्न-भिन्न रुपों में मनाया जाता है.

यह पर्व प्रकृति और पशुओं के प्रति स्नेह एवं समर्पण को दर्शाता है. बैल पोला का पर्व भारत के लोक परंपराओं से जुड़ा त्यौहार है. यह पर्व एक से अधिक दिनों तक मनाया जाता है. इस दिन बैलों की पूजा की जाती है और कृषी से जुड़े उपकरणों का भी पूजन होता है.

Bail pola date 2023 बैल पोला त्यौहार देश भर में, खासकर कृषक समाज में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. Bail pola in maharashtra महाराष्ट्र में इसका अलग रुप देखने को मिलता है.

Pola Festival in MP and Chhattisgarh इसी के साथ मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, दक्षिण भारत में भी इस पर्व को उत्साह के साथ मनाया है. उत्तर भारत में इसे भाद्रपद अमावस्या के रुप में पूजा जाता है. इस उत्सव में बैल की पूजा करने की परंपरा है. महाराष्ट्र में यह त्यौहार सावन माह की पिठोरी अमावस्या को पड़ता है. इस दिन किसान अपने मवेशियों की पूजा करते हैं और खेतों में उनकी सहायता हेतु उन्हें धन्यवाद देते हैं.

इस समय पर किसान बैलों की दौड़ एवं अन्य प्रकार की प्रतियोगिताओं को भी आयोजित करते हैं मेले इत्यादि का आयोजन इस समय पर किया जाता है.

बैल पोला पर्व पर होता है पशुओं का पूजन  bail pola 2023 festival importance 
वैसे तो यह उत्सव देश के अलग-अलग हिस्सों में मनाया जाता है,  भारत एक कृषि प्रधान देश है और अधिकांश किसान खेती के लिए बैलों का उपयोग करते हैं. इसलिए सभी किसान जानवरों की पूजा करते हैं ऎसे में यह दिन पशुओं के प्रति स्नेह एवं धन्यवाद को दर्शाता है.

यह त्यौहार हर्ष एवं खुशी के साथ मनाया जाता है पोला का त्योहार भाद्रपद की अमावस्या को मनाया जाता है. इसे पिठौरी अमावस्या, कुशग्रहणी, कुशोत्पाटिनी के नाम से भी जाना जाता है. यह त्यौहार दो दिनों तक मनाया जाता है. इस दिन बैलों की पूजा की जाती है. इसके साथ ही बच्चों के लिए मिट्टी या लकड़ी का घोड़े बनाए जाते हैं इसी के साथ इन खिलौनों का उपयोग पूजा में भी किया जाता है.

Bail Pola Festival 2023 त्यौहार मनाने का कारण Reason for celebrating Pola festival
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान विष्णु ने कृष्ण का अवतार लिया तो बाल कृष्ण को मारने के लिए कई राक्षसों को भेजा गया जिनमें से एक राक्षस का नाम पोलासुर. जब यह राक्षस पोलासुर बाल कृ्ष्ण के वध के लिए आता है तो कान्हा ने उसका अंत कर दिया मान्यताओं के अनुसार पोला सुर का वध भाद्रपद की अमावस्या को हुआ था. इसी कारण इस दिन को पोला कहा जाने लगा. इसी प्रकार से भगवान शिव के वाहन नंदी बैल का संबंध भी इस दिन से बताया जाता है जिसके चलते यह पर्व बैल पोला के रुप में मनाया जाता है.

Bail Pola Festival 2023  त्यौहार के दिन भादो अमावस्या के दिन बैलों और गायों को बांधा नहीं जाता है उन्हें मुक्त कर दिया जाता है. उन्हें सजाया संवारा जाता है तथा पशुओं की पूजा की जाती है. प्रकृति के प्रति नमस्कार करते हुए इस दिन को मनाया जाता है.
एस्ट्रोलॉजर राजरानी

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