Monday, 6 May 2024

Parivartini Ekadashi 2023: परिवर्तिनी एकादशी व्रत दूर करता है दुर्भाग्य, कथा श्रवण से मिलता है यश

Parivartini Ekadashi 2023 : इस साल परिवर्तिनी एकादशी 25 सितंबर 2023 को सोमवार के दिन मनाई जाएगी.  Parivartini Ekadashi 2023…

Parivartini Ekadashi 2023: परिवर्तिनी एकादशी व्रत दूर करता है दुर्भाग्य, कथा श्रवण से मिलता है यश

Parivartini Ekadashi 2023 : इस साल परिवर्तिनी एकादशी 25 सितंबर 2023 को सोमवार के दिन मनाई जाएगी. 

Parivartini Ekadashi 2023 Vrat in September भाद्रपद माह में आने वाली इस एकादशी को मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी भी कहते हैं. परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु का षोड्ष्पोचार से पूजन किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसर यह दिन अत्यंत विशेष है क्योंकि इस समय पर भगवान अपने योग शयन काल में करवट बदलते हैं जिस कारण से इस एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी के नाम से पुकारा जाता है.

परिवर्तिनी एकादशी की महत्ता : Parivartini Ekadashi importance  

धर्म शास्त्रों में प्रत्येक एकादशी अपने आप में एक विशेष प्रभाव देने वाली होती है. इस एकादशी के दिन को भगवान के चातुर्मास में होने के साथ-साथ उनके सृष्टि के बदलाव को भी देखा जाता है. इसी के साथ इस एकादशी को पदमा एकादशी padma ekadashi 2023 के नाम से भी पुकारा जाता है. वहीं वामन एकादशी भी कही जाती है क्योंकि इसी समय पर भगवान वामन का अवतरण होता है. कथाओं के अनुसार इस एकादशी के दिन ही माता यशोदा जी ने श्री कृष्ण के वस्त्रों को धोया था अत: कुछ स्थानों पर इस एकादशी को जलझूलन एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. यह दोनों ही कथाएं प्रकृति एवं जीवन की सजगता एवं उसके बदलाव को दर्शाने से संबंधित भी हैं. जीवन भी बदलाव एवं परिवर्तन पर ही आधारित है हर बार कुछ नवीन होना ही जीवंत होने की पहचान भी है.

परिवर्तिनी एकादशी कथा Parivartini Ekadashi ekadashi katha

परिवर्तिनी एकादशी की एक विशेष कथा का संबंध राजा बलि एवं भगवान विष्णु से है. कथा अनुसार जब देवतओं को राजाबलि के द्वारा पराजित होकर स्वर्ग से बाहर होना पड़ा और अपना अस्तित्व उनके लिए कठिन हुआ तब उन्होंने राक्षसों के राजा बलि को उसके स्थान से हटाने का प्रयास किया और इसके लिए वह ब्रह्मा जी के कहने पर भगवान श्री विष्णु से सहायता मांगने हेतु  पहुंचते हैं. दैत्यराज राजा बलि भगवान श्री विष्णु का भक्त था और बहुत बड़ा दानी भी था.

vaman avatar ekadashi katha राजा से मुक्ति पाने के लिए सभी देवता जब भगवान विष्णु से मदद की गुहार करते हैं तब भगवान श्री विष्णु एक बौने ब्राह्मण वामन का अवतार लेते हैं और देवताओं को बलि के भय से मुक्ति दिलाने के लिए बलि की सभा में जाते हैं. वामन ब्राह्मण के रूप में राजा बलि के सामने प्रकट होकर तीन पग भूमि की माघ करते हैं उस समय राजा बलि यज्ञ और दान कार्य ही कर रहा होता है वह भगवान श्री विष्णु के कहे अनुसार तीन पग भूमि दान में देने का वचन देता तब वामन रुप में भगवान

Parivartini Ekadashi 2023 Puja: अपने स्वरुप को बड़ा करते चले जाते हैं और दो पग समस्त जगत को नाप लेते हैं जब अंतिम पग को रखने के लिए उन्हें कोई स्थान नहीं दिखता है तब राजा बलि वचन अनुसार अपना सिर उनके सामने रख देते हैं और श्री विष्णु भगवान अपने कदम को उसके सिर पर रख कर राजा बलि को पाताल भेज देते हैं. किंतु राजा की भक्ति एवं सहजता से प्रसन्न होकर भगवान उन्हें वचन मांगने को कहते हैं तब राजा उन्हें अपने पास कुछ समय रहने के लिए कहते हैं भगवान उसकी इच्छा को पूर्ण कर देते हैं. इस तरह से इस एकादशी के दिन किया जाने वाला जप तप और दान अत्यंत ही विशेष बन जाया है.

एस्ट्रोलॉजर राजरानी

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