Saturday, 23 November 2024

Indian Culture : भारत की संसकृति की शान जामदानी साड़ी

  Indian Culture :  भारतीय परंपरा और संसकृति दुनिया मे अपना विशेष स्थान रखती है ।हमारे देश का खान-पान हो,आयुर्वेद…

Indian Culture : भारत की संसकृति की शान जामदानी साड़ी

 

Indian Culture :  भारतीय परंपरा और संसकृति दुनिया मे अपना विशेष स्थान रखती है ।हमारे देश का खान-पान हो,आयुर्वेद हो,या फिर पहनावा हो सब देशो मे अपनी अलग ही पहचान रखता है ।भारतीय परंपरा के पहनावे मे साड़ी  अपना अलग ही महत्व रखती है ।जो विशेष कर सभी महिलाओं मे पसंद की जाती है ।हमारे देश मे विभिन्न प्रकार की जातियाँ रहती है ।जिनकी महिलायें अलग-अलग तरह की साड़ियाँ पहनती है आज हम उन्हीं साड़ियों मे से एक जामदानी (Dhakai jamdani )साड़ी के बारे मे बताने जा रहे है ।

Indian Culture :

 

जामदनी का इतिहास:यह बंगाल मूल की साड़ी है। जामदनी एक फ़ारसी शब्द है,इस साड़ी का जिक्र तीसरी सदी से होता आ रहा है ।आज भी यह साड़ी उतनी ही खास है जितनी पहले हुआ करती थी ।ये दो शब्दो से मिलकर बनी है जाम् का मतलब फूल होता है और दानी का अर्थ फूलदान होता है ।इन्हे बहुत सावधानी से हल्के हाथों से बनाया जाता है ये कपास के महीन धागो से हथकरघा पर बनी हुई साड़ी होती है,ये ढ़ाका और बंग्लादेश में बनती है ।

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•ये भारतीय महिलाओं की पसंदीदा साड़ी मे से एक है,जिसे बंगाल की महिलाये ज्यादा पसंद करती है ।ये पहनने मे बेहद हल्की होती है ।आप इसे 3000से लेकर 10000 तक मे खरीद सकते है ।

•इसमे ज्यादातर डिजाईन मे फूलों के पैटर्न का यूज़ होता है,जिसे “पन्ना हजार” डिजाईन भी कहा जाता है ।

•इसे कपास के सूती धागो से और सोने चांदी के धागो से बुना जाता है ।

•बंगाल मे इसे अनेक शुभ अवसरों पर पहना जाता है ।दुर्गापूजा मे महिलायें इसे पहनना बेहद पसंद करतीं है ।कहते है की दुर्गापूजा इसके बिना शायद अधूरी है ।

•मलमल के कपड़े पर बेहद नाजुक धागो से कढ़ाई करके बानयी गयी ये साड़ी हमारी भारतीय संसकृति का प्रतीक है ।

•2013 मे जामदानी बुनाई की पारंपरिक कला को मानवता की अमूर्त संसकृतिक विरासत घोषित किया गया है । 2016 मे इस पारंपरिक साड़ी को जी आई का टैग भी प्राप्त है ।

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