Monday, 30 September 2024

इजराइल युद्ध का आर्थिक असर : आपकी जेब पर कितना भारी पड़ेगा, इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध

इजराइल युद्ध का आर्थिक असर : इजराइल और हमास के बीच गाजा पट्टी में युद्ध लगातार जारी है। हमास के…

इजराइल युद्ध का आर्थिक असर : आपकी जेब पर कितना भारी पड़ेगा, इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध

इजराइल युद्ध का आर्थिक असर : इजराइल और हमास के बीच गाजा पट्टी में युद्ध लगातार जारी है। हमास के हमले के बाद इजराइल भी निरंतर हमास को मुँह तोड़ जवाब दे रहा है। हमास के हमले में मरने वालों इजरायली नागरिकों की संख्या अब बढ़कर 1000 तक पहुंच गई है। भारतीय पीएम मोदी ने फिर कहा है कि भारत इस कठिन मौके पर इजरायल के साथ खड़ा है।

आज भले ही इसका सीधा असर भले ही आप पर न दिख रहा हो, लेकिन आने वाले समय में आप इसका असर अपनी जेब पर पड़ता देखेंगे। क्योंकि भारत से लगभग 5000 किमी दूर चल रहा ये युद्ध आने वाले समय में आपकी जेब पर भी भारी पड़ने वाला है। इसकी आहट आपको महंगाई के जरिए सुनाई पड़ेगी।

भारत में पड़ेगा इस युद्ध का आर्थिक असर

इस युद्ध का सबसे पहला असर कच्चे तेल की आपूर्ति पर पड़ता दिख रहा है। यदि युद्ध बढ़कर पूरे पश्चिम एशिया में फैला, और भी देश इसमें शामिल होने लगे जैसी कि आशंका है, तो इससे कच्चे तेल की सप्लाई बाधित हो जाएगी। अगर सप्लाई बाधित हुई तो कीमत पर असर पड़ेगा और तेल के दाम बढ़ने लगेंगे।

भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों का असर बाकी चीजों के दाम पर भी पड़ेगा, क्योंकि इससे माल-ढुलाई महंगी  हो जाएगी, फिर खाने-पीने की चीजें भी महंगी हो जाएंगी। इसके अलावा इजरायल भारत का एशिया में तीसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है।

इजरायल की कंपनियों का भारत में निवेश है। युद्ध की स्थिति में ये कारोबार प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा युद्ध के चलते सोने की कीमतें बढ़ने की भी आशंका जताई जा रही है।

सीधे व्यवसाय पर भी दिखेगा असर

भारत इजरायल से मोती, हीरे-ज्वैलरी, फर्टिलाइजर्स, इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट और क्रूड ऑयल खरीदता है। वहीं भारत हीरे, ज्लैवरी, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग बेचता है। इस समय भारत के साथ इजरायल का कारोबार लगभग 11 बिलियन डॉलर का है। निर्यात लगभग 8.5 बिलियन डॉलर का है, तो आयात लगभग 2.3 बिलियन डॉलर है।

इजरायल में भारतीय कारोबारियों ने बड़े निवेश कर रखे हैं। कई भारतीय कंपनियां इजरायल में कारोबार करती है। इनमें भारत के नामी कारोबारी गौतम अडानी भी शामिल हैं, उन्होंने भी वहां बड़ा निवेश कर रखा है। इजरायल का सबसे बड़ा पोर्ट हाइफा भी इसमें शामिल है। अडानी पोर्ट और गडोट के बीच 1.18 अरब डॉलर की डील हुई है।

इजराइल युद्ध का आर्थिक असर

इजराइल के मारक क्षमता वाले हथियारों की दुनिया मुरीद है। इन हथियारों को खरीदने वाले देशों में भारत भी शामिल है। इजराइल के हथियारों का सबसे बड़ा खरीदार भारत है। इसलिए अगर ये युद्ध लंबा चला, तो इसका असर हथियारों के कारोबार पर भी होगा।

इस युद्ध के लंबा चलने से दोनों देशों का आयात-निर्यात कारोबार इससे प्रभावित होगा और इसका नुकसान इजराइल के साथ-साथ भारत को भी होगा। इसलिए अगर ये युद्ध लंबा चला तो आपकी जेब पर इसका प्रभाव पड़ना तय है।

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