Saturday, 27 April 2024

विदेशों में बढ़ी रामलला के प्रसाद की मांग, इलायची दाना में कमी के कारण बना इस चीज का प्रसाद

Ram lalla Prasad : अयोध्या मे रामलला के दर्शन के लिए हर दिन हज़ारों-लाखों की संख्या में भक्त पहुँच रहें…

विदेशों में बढ़ी रामलला के प्रसाद की मांग, इलायची दाना में कमी के कारण बना इस चीज का प्रसाद

Ram lalla Prasad : अयोध्या मे रामलला के दर्शन के लिए हर दिन हज़ारों-लाखों की संख्या में भक्त पहुँच रहें हैं। राम लला के दर्शन करने पहुंच रहे हज़ारों भक्तो को प्रसाद मे इलायची दाना के साथ देशी घी से बने बूंदी के लड्डू एवं बूंदी का प्रसाद भी दिया जा रहा हैं। यह प्रसाद केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्व के लगभग 50 देशों में भी भेजा जा रहा हैं ।

इलायची दाने की कमी के कारण बन रहा बूंदी का प्रसाद

जानकारी के अनुसार बूंदी के लड्डुओं के प्रसाद वितरण के कारण इलायची दाना की मांग बढ़ना और आपूर्ति में कमी इसकी प्रमुख वजह हैं ।इसके साथ ही विदेशों मे बसे एनआरआई (NRI) नागरिक इसकी मांग ज्यादा कर रहे हैं। जिसकी वजह से विदेशों में इलायची दाने की भारी मांग के चलते यह प्रसाद विदेश में भी भेजा जा रहा है। जिस वजह से राम सेवकपुरम में शुद्ध बेसन व देशी घी से निर्मित सूखी बूंदी का प्रसाद बनाना शुरु कर दिया हैं। बताया जा रहा है कि यह प्रसाद विदेशी राजनायिकों को भी भेजा जा रहा हैं।

दक्षिण एशिया में है प्रसाद की भारी मांग

इस बारे में जानकारी देते हुए विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज का कहना है कि नेपाल,बांग्लादेश,भूटान समेत यह प्रसाद लगभग 50 देशों में भेजा गया है। इस बूंदी का निर्माण पानी की कम मात्रा और देशी घी के साथ किया जा रहा हैं। जिसकी वजह से ये प्रसाद कई दिनों तक खराब नहीं होता हैं। इससे पहले यह प्रसाद श्रद्धालुओं की भारी मांग पर जर्मनी भी भेजा गया। विदेशों में दक्षिण एशिया मे काफी संख्या मे भरतीय बसे हुए हैं ,जो की भगवान राम को मानने वाले हैं। जिसके चलते यहां प्रसाद की मांग बढ़ी हैं।

प्रसाद बनाने का तरीका एकदम शुद्ध

आपको बता दें यहां की कार्यशाला में प्रतिदिन रामलला का लगभग सवालाख प्रसाद के पैकेट तैयार किए जाते हैं। यह प्रसाद बड़ी ही शुद्धता के साथ तैयार किए जाते हैं। बताया जा रहा है कि बेसन को मशीनों के द्वारा तैयार किया जाता हैं। फिर कारीगर उसे सही तापमान पर लोहे के कड़ाहा में देशी घी मे बूंदी बनाता है। उस बूंदी को निकालने के बाद तुरंत चाशनी मे डाल दिया जाता हैं, फिर स्वादानुसार मीठा होने के बाद निकाल कर ठंडा किया जाता हैं। जिसके बाद इसकी पैकिंग की जाती हैं। यह प्रसाद इलायची दाने के पूरक के रूप मे दिया जा रहा हैं। जिससे वहां आने वाले श्रद्धालुओं को खाली हाथ ना जाना पड़े।

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