Saturday, 11 May 2024

Adani Hindenburg Case सुप्रीम कोर्ट अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद से जुड़ी याचिकाओं पर 12 मई को करेगा सुनवाई

Adani Hindenburg Case: नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद से जुड़ी याचिकाओं पर 12 मई को सुनवाई करेगा और शेयर…

Adani Hindenburg Case सुप्रीम कोर्ट अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद से जुड़ी याचिकाओं पर 12 मई को करेगा सुनवाई

Adani Hindenburg Case: नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद से जुड़ी याचिकाओं पर 12 मई को सुनवाई करेगा और शेयर मूल्यों में ‘हेरफेर’ तथा त्रुटिपूर्ण नियामकीय जानकारी देने के आरोपों की जांच पूरी करने के लिए छह महीने की और मोहलत देने की बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) की अर्जी पर भी उसी दिन विचार किये जाने की संभावना है।

अडाणी समूह पर शेयर के मूल्यों में ‘हेरफेर’ करने और त्रुटिपूर्ण नियामकीय जानकारी देने के आरोप हैं। सु्प्रीम कोर्ट ने दो मार्च को ‘सेबी’ को इन आरोपों की जांच दो महीने में पूरी करने का निर्देश दिया था।

Adani Hindenburg Case

कोर्ट ने अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट आने पर अडाणी समूह की कंपनियों के बाजार मूल्य (पूंजीकरण) में 140 अरब डॉलर की गिरावट आने के बाद भारतीय निवेशकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक समिति भी गठित की थी। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर ‘अपलोड’ किये गये वाद सूची के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा तथा न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

मीडिया में आई इन खबरों के मद्देनजर यह सुनवाई मायने रखती है कि सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए एम सप्रे की अध्यक्षता वाली छह-सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट एक सीलबंद लिफाफे में शीर्ष अदालत को सौंप दी है। समिति का गठन मौजूदा नियामक व्यवस्था का आकलन करने और प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए किया गया था।

हाल में, बाजार नियामक सेबी ने शेयरों के मूल्यों में अडाणी समूह द्वारा ‘हेरफेर’ किये जाने और उसकी नियामकीय रिपोर्ट में खामियों से जुड़े आरोपों की जांच पूरी करने के लिए छह महीने समय बढ़ाने की मांग की थी।

सेबी ने मांगी थी 6 माह की मोहलत

सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी एक अर्जी में कहा है कि उसे वित्तीय अनियमितता या फर्जी लेनदेन से जुड़े संभावित उल्लंघनों का पता लगाने के लिए छह महीने की और मोहलत चाहिए।

कोर्ट द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति सप्रे समिति को केंद्र और सेबी अध्यक्ष सहित अन्य सांविधिक एजेंसियों द्वारा सहायता मुहैया की जा रही है। न्यायालय ने 10 फरवरी को कहा था कि अडाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आने के बाद शेयर बाजार में अस्थिरता को लेकर भारतीय निवेशकों के हितों की रक्षा किये जाने की जरूरत है।

आपको बता दें कि हाल में, हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट आने के बाद अडाणी समूह के शेयरों के मूल्यों में भारी गिरावट देखने को मिली थी। हालांकि, अडाणी समूह ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसने सभी कानूनों का पालन किया है।

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