Asaduddin Owaisi : AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) का एक फर्जी डीपफेक वीडियो (Deepfakes Video) वायरल होने के बाद बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस वीडियो में ओवैसी की छवि और आवाज का इस्तेमाल कर सोशल मीडिया पर एक नकली निवेश योजना का प्रचार किया जा रहा था। वीडियो में दावा किया गया कि लोग हर दिन ₹53,000 तक कमा सकते हैं जिससे कई लोग इस झांसे में आ सकते थे।
क्या है पूरा मामला?
ओवैसी ने इस वीडियो को लेकर हैदराबाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उनका कहना है कि, यह वीडियो जानबूझकर गुमराह करने और उनके नाम का दुरुपयोग करने के इरादे से बनाया गया है। उन्होंने इसे दुर्भावनापूर्ण और भ्रामक सामग्री बताया, जो जनता को लुभाकर फर्जी वेबसाइट में निवेश करने के लिए प्रेरित करता है।
कई मशहूर हस्तियों का भी इस्तेमाल
पुलिस ने बताया कि, इस डीपफेक वीडियो में न सिर्फ ओवैसी, बल्कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, उद्योगपति मुकेश अंबानी और इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की भी एआई-जेनरेटेड क्लिप्स का इस्तेमाल किया गया है। इन हस्तियों की छवि का दुरुपयोग कर यह विश्वास दिलाने की कोशिश की गई कि वे इस योजना का समर्थन कर रहे हैं।
साइबर क्राइम पुलिस ने दर्ज की FIR
हैदराबाद साइबर अपराध थाना ने ओवैसी की शिकायत के आधार पर 5 जून को मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने इस मामले में आईटी अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। अधिकारियों के अनुसार, सोशल मीडिया से वीडियो को हटाने की प्रक्रिया जारी है और यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि वीडियो कहां से अपलोड हुआ और इसके पीछे कौन लोग हैं।
क्या होता है डीपफेक वीडियो?
डीपफेक वीडियो एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक की मदद से बनाया जाता है जिसमें किसी व्यक्ति के चेहरे, आवाज या हावभाव को दूसरे वीडियो पर इस तरह एडिट किया जाता है कि वह असली जैसा ही दिखे। इसका इस्तेमाल अब गलत मंशा से नकली खबरें फैलाने, फर्जी प्रचार और धोखाधड़ी के लिए किया जा रहा है जो गंभीर चिंता का विषय बन चुका है।